ये हैं गरीबी रेखा के नीचे क्योंकि इनके पास है बस एसी और कार
अगर आप मानते हैं कि गरीबी का मतलब आभाव है तो आप गलत हैं क्योंकि एसी और कार के मालिक कुछ ऐसे लोग हैं जिन्होंने खुद को गरीब बता कर बनवा लिया राशन कार्ड।
एसी, कार और गरीबी का कनेक्शन
अभी तक तो यही कहा जाता था कि कि जो लोग गरीबी रेखा से नीचे होते हैं उनके पास दो वक्त खाने का भी इंतजाम हो पाना मुश्किल होता है, लेकिन अब आप अपनी सोच बदल लीजिए। क्योंकि नोएडा-ग्रेटर नोएडा में गरीबी रेखा के नीचे के व्यक्ति के पास सुख-सुविधा के छोटे - मोटे तो सामान छोड़ ही दीजिए, उनके पास एसी व कार तक मौजूद है। यह बात पिछले दिनों हुए जिला प्रशासन के सर्वे में सामने आई है। हालाकि इन्हें देखने के बाद जिला प्रशासन ने गरीबी रेखा के नीचे होने का दावा कर के जिले में बनाए गए 11477 राशन कार्ड को निरस्त कर दिया है। इसमें ज्यादातर लोगों के पास एसी, कार के अलावा सुख-सुविधा के ज्यादातर सामान मौजूद हैं। प्रशासन के सर्वे में यह भी उजागर हुआ है कि गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले तमाम लोगों ने परिवार में सदस्यों की संख्या बढ़ाकर राशन कार्ड बनवा लिया था। सर्वे के बाद प्रशासन ने 5455 राशन कार्ड में संशोधन भी किया है।
रसूख का इस्तेमाल
ऐसा माना जा रहा है कि ये फर्जी राशन कार्ड रसूखदार लोगों के माध्यम से बने थे। ये जानकारी प्रशासन को जांच में पता चली है। ये लोग प्रति व्यक्ति प्रतिमाह दो सौ रुपये लेकर यह काम करते थे। प्रशासन ऐसे लोगों को चिह्नित कर रहा है और इनके खिलाफ जल्द ही कार्रवाई होगी। इनके कोटेदार से भी संबंध की बात भी सामने आई है। प्रशासन की सख्ती के बाद 12 कोटेदार ने कोटा सरेंडर का आवेदन किया है। इस बारे में जानकारी देते हुए संबंधित विभाग ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर गरीबी रेखा के नीचे के लोगों का आगनबाड़ी व लेखपाल से सर्वे कराया गया। जिसमें पाया गया है कि विभिन्न सरकारी सुविधा को लेने के लिए एसी व कार रखने वाले लोगों या परिवार ने भी खुद को गरीबी रेखा के नीचे दिखाकर राशन कार्ड बनवा लिया है। ऐसे लोगों व परिवारों को चिह्नित कर राशन कार्ड को निरस्त कर दिया गया है।