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इस रेस्‍टोरेंट की बिजनेस प्‍लानिंग ही कैसे बन गई इसके कंगाल हो कर बंद होने की वजह

चीन में एक रेस्‍टोरेंट खुला और उसकी बिजनेस स्‍ट्रैटजी के चलते उसके बाहर लोगों की भीड़ लग गई। इसके बावजूद महज दो हफ्तों में मालिक कंगाल हो गया और रेस्‍त्रां बंद।

By Molly SethEdited By: Published: Sat, 23 Jun 2018 01:37 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jun 2018 01:38 PM (IST)
इस रेस्‍टोरेंट की बिजनेस प्‍लानिंग ही कैसे बन गई इसके कंगाल हो कर बंद होने की वजह
इस रेस्‍टोरेंट की बिजनेस प्‍लानिंग ही कैसे बन गई इसके कंगाल हो कर बंद होने की वजह

दो हफ्तों में फेल हुई योजना 

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चीन में एक शख्‍स ने शानदार रेस्‍टोरेंट खोला और अपने ग्राहकों को इतना लुभावना ऑफर दिया कि उसके रेस्‍टोरेंट के बाहर ग्राहकों की लंबी कतार लग गई। इसके बावजूद उसकी कमाई जीरो हो गई और वो कंगाली की हालत में पुहंच गया। मार्केटिंग स्‍ट्रेटजी के बैकफायर होने के चलते दिवालिया होने की स्‍थिती में आने बाद रेस्‍त्रां मालिक को मजबूरन महज दो हफ्तों बाद ही उसे बंद कर देना पड़ा। मिरर की एक रिर्पोट के अनुसार चीन के चेंगडु शहर में जाइमेनर नाम का ये रेस्‍त्रां रातों रात मशहूर हो गया और 1 जून को खुला और ठीक दो हफ्तों बाद 15 या 16 जून को बंद भी हो गया। 

क्‍या था प्‍लान 

सोशल मीडिया पर चर्चित हो रहे इस रेस्‍टोरेंट के बारे में बताया जा रहा है कि इसकी लांचिंग पर होटल मालिक ने घोषणा की कि वो अपने यहां आने वाले ग्राहकों को महज 25 डॉलर में एक लायटी कार्ड देगी जिससे वे महीना भर तक अनलीमिटेड खाना खा सकते हैं। यानि भारतीय मुद्रा में पूरे महीने 1300 रुपये में जी भर के खाईये दिन में चाहे जितनी बार। जब लोगों को इस ऑफर के बारे में पता चला तो वे इतने खुश हुए कि रेस्तरां खुलने के साथ अगले दो हफ्तों तक उसके बाहर ग्राहकों की लाइन लगी रहने लगी। पूरे दो हफ्ते यानि 14 दिनों तक रेस्तरां के बाहर लोगों की भीड़ में कोई कमी नहीं आई बल्‍कि किसी किसी दिन तो 500 लोगों से ज्‍यादा ने यहां खाना खाया। लोग इतने खुश थो कि घंटों लाइन में लगे रहने के बावजूद वापस नहीं जाते थे। अब आप सोच रहे होंगे कि इसके बावजूद आखिर दांव उल्‍टा क्‍यों पड़ गया। 

क्‍या हुआ कि टूट गया बंपर कमाई का सपना

शुरूआत में होटल मालिक को समझ नहीं आया कि उसने कितनी बड़ी मुसीबत को दावत दे दी है। इसीलिए दो हफ्तों के भीतर ही उसका यह प्लान बुरी तरीके से फ्लॉप हुआ और वो दीवालिया हो गया। लोगों को भी भीड़ देखकर तो यही लग रहा था कि उसकी लॉटरी निकल पड़ी पर दरसल सबसे बड़ा झोल तो यही था कि एक बार कार्ड बनने के बाद लोग जब भी भूख लगती यहीं आते। ऊपर से कार्ड पर कोई आइडेंटिटी तो थी नहीं कि केवल इसे बनवाने वाला ही इस्‍तेमाल कर सके, तो लोगों ने इसे अपने परिवार वालों और दोस्‍तों में भी बांटना शुरू कर दिया। तो एक कार्ड पर कई कई लोग फ्री में खाने लगे। नतीजा ये हुआ कि कमाई करने की बजाए रेस्‍टोरेंट का मालिक सब गवां बैठा। उस पर करीब 100,000 डॉलर यानि 67,86,490 रुपये का कर्ज हो गया। रेस्‍टोरेंट के बाहर भीड़ देख कर बाकी प्रतिद्वंदी रेस्‍त्रां मालिक जो ऐसी स्‍कीम लाने जा रहे थे उसके दीवालिया होने की खबर मिलते ही उन्होंने अपनी योजना को फौरन रद्द कर दिया। 


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