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देश में 12 से 18 साल के बच्चों के लिए जल्द लांच होगी जायडस कैडिला की वैक्सीन, सुई का नहीं होगा इस्तेमाल

सरकार जायडस कैडिला (Zydus Cadilla) के कोविड-19 वैक्सीन के लिए कई पहुलुओं पर काम कर रही है। जायडस कैडिला वैक्सीन को लगाने के लिए पारंपरिक सिरिंज या सुई का उपयोग नहीं किया जाएगा। ये एक एप्लीकेटर के जरिये लगाई जाएगी।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 08 Oct 2021 08:17 AM (IST)Updated: Fri, 08 Oct 2021 08:17 AM (IST)
देश में 12 से 18 साल के बच्चों के लिए जल्द लांच होगी जायडस कैडिला की वैक्सीन, सुई का नहीं होगा इस्तेमाल
इस वैक्सीन को लगाने के लिए नहीं होगा सिरिंज का इस्तेमाल।(फोटो: फाइल)

नई दिल्ली, जेएनएन। देश में जल्द जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन लांच होने जा रही है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डा.वीके पाल ने गुरुवार को बताया कि जायडस कैडिला की वैक्सीन लोगों को एक एप्लीकेटर के जरिये लगाई जाएगी। यह एप्लीकेटर भारत में पहली बार उपयोग में लाया जाएगा। इस वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआइ) ने कुछ दिन पहले ही मंजूरी दी है। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए डा.पाल ने कहा कि जायडस कैडिला वैक्सीन पारंपरिक सिरिंज या सुई का उपयोग करके नहीं बल्कि एक एप्लीकेटर के जरिये लगाई जाती है।

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वैक्सीन की उपलब्धता पर पाल ने कहा कि राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत जायडस कैडिला की वैक्सीन को जल्द ही पेश करने की तैयारी चल रही है। डीजीसीआइ ने 20 अगस्त को जायडस कैडिला की वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी।

जानें जायडस कैडिला की वैक्सीन के बारे में

यह वैक्सीन दुनिया की पहली प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन है। पहली डोज देने के बाद 28वें दिन और 56वें दिन इस टीके की दूसरी और तीसरी डोज दी जाएगी। इस टीके को 12 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों को दिए जाने की स्वीकृति दी गई है। उल्लेखनीय है कुछ प्रकार की वैक्सीन इंजेक्शन से देने के बजाय मुंह के रास्ते (ओरल) या नाक के रास्ते (नसाल) दी जाती हैं। नाक के रास्ते दी जाने वाली वैक्सीन एप्लीकेटर के जरिये दी जाती हैं। यह पिचकारी की तरह काम करता है और डोज नाक से होती हुई शरीर में पहुंच जाती है।

कीमत को लेकर अब तक फैसला नहीं

जायडस कैडिला ने अपनी तीन डोज वाली कोरोना रोधी वैक्सीन जायकोव-डी की कीमत 1,900 रुपये प्रस्तावित की है। लेकिन कीमत कम करने के लिए सरकार और कंपनी के बीच अभी बातचीत चल रही है और इस हफ्ते अंतिम फैसला होने की उम्मीद है।

बूस्टर डोज पर चल रहा अनुसंधान

डा.पाल ने कहा कि कोरोना वैक्सीन की बूस्टर खुराक को लेकर अनुसंधान जारी है और इससे जुड़ी प्रगति पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि यह उभरता विज्ञान है। आंकड़े अब भी सामने आ रहे हैं। हम जानते हैं कि कोवैक्सीन ने बूस्टर डोज पर अध्ययन किया है। वे परिणाम जल्द ही उपलब्ध होने वाले हैं। हमें यह भी पता है कि रोग प्रतिरोधक खत्म हो सकती है, लेकिन टी-सेल प्रतिरोधक की मौजूदगी बड़ी सुरक्षा है, जिसे ध्यान में रखना होगा।


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