Move to Jagran APP

Amarnath Yatra 2022: देश में पहली बार किसी तीर्थ यात्रा में किया जा रहा जीरो वेस्ट मैनेजमेंट

सिक्किम पहला राज्य है जिसने वर्ष 1998 में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया प्लास्टिक से प्रदूषण रोकने के लिए सार्वजनिक स्थलों राष्ट्रीय संपदाओं जंगलों और समुद्री तटों पर सफाईअभियान जारी हैं। इसमें लगभग 100 स्मारक शामिल हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 11:28 AM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 12:57 PM (IST)
Amarnath Yatra 2022: देश में पहली बार किसी तीर्थ यात्रा में किया जा रहा जीरो वेस्ट मैनेजमेंट
Amarnath Yatra 2022- प्लास्टिक का प्रयोग कम करने पर जोर।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत एक जुलाई से पूरे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित होने जा रही है। देश में निकलने वाले सूखे कचरे में लगभग पचास प्रतिशत प्लास्टिक होती है। कचरे और प्लास्टिक से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को ध्यान में रखते हुए विश्व प्रसिद्ध अमरनाथ यात्रा भी स्वच्छता अभियान को नया शिखर प्रदान करेगी। इस बार यात्रा मार्ग से निकलने वाला कचरा वहीं पर रिसाइकिल किया जाएगा। गीले कचरे से खाद तैयार होगी और सूखा कचरा, यानी प्लास्टिक आदि को रिसाइकिल प्लांट तक पहुंचा जाएगा। जीरो वेस्ट मैनेजमेंट का यह काम यात्रा के पहले दिन यानी गुरुवार से ही शुरू हो गया है।

loksabha election banner

जम्मू-कश्मीर सरकार ने की पहल: 43 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा में जीरो वेस्ट मैनेजमेंट का काम जम्मू-कश्मीर के ग्रामीण विकास विभाग के डायरेक्टरेट आफ सैनिटेशन के निर्देशन में किया जा रहा है। विभाग ने यह जिम्मेदारी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), इंदौर के दो पूर्व छात्रों रोहित अग्रवाल और ज्वलंत शाह के स्टार्टअप 'स्वाहा' को सौंपा है। स्टार्टअप के सीईओ समीर शर्मा के अनुसार यह पहली बार है जब किसी धार्मिक स्थल पर ही जीरो वेस्ट मैनेजमेंट का प्रयोग किया जा रहा है।

यात्रा मार्ग के बालटाल बेस कैंप में जीरो वेस्ट मैनेजमेंट के लिए तैयार टीम (फाइल)। सौ. स्वयं

300 लोगों की टीम जुटी अभूतपूर्व अभियान में: लगभग 300 लोगों की टीम के साथ पहलगाम पहुंच चुके स्वाहा के संस्थापक सदस्य रोहित अग्रवाल ने बताया कि बाबा अमरनाथ यात्रा के दोनों मार्ग (बालटाल और नुनवान ) पर 12 कैंप बनाए गए हैं, जहां कचरे से खाद बनाने वाली मशीन लगाई गई हैं। नुनवान, चंदनवाड़ी, बालटाल और दूूमेल में इलेक्ट्रिक मशीन लगाई है, जबकि शेष आठ कैंपों में मैनुअली चलने वाली मशीनें हैैं। स्वाहा के सह संस्थापक ज्वलंत शाह बताते हैैं कि यहां से निकलने वाले गीले कचरे से कैंप में ही खाद बना दी जाएगी। सूखे कचरे को बेल (गांठ) बनाकर रिसाइकिल प्लांट तक पहुंचा दिया जाएगा। स्वाहा द्वारा इंदौर में हुए आइपीएल के मैच सहित भारत-श्रीलंका और भारत-बांग्लादेश मैचों को जीरो वेस्ट आयोजन बनाया था।

अब तक हुए प्रयास

  • सिक्किम पहला राज्य है, जिसने वर्ष 1998 में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया
  • प्लास्टिक से प्रदूषण रोकने के लिए सार्वजनिक स्थलों, राष्ट्रीय संपदाओं, जंगलों और समुद्री तटों पर सफाईअभियान जारी हैं। इसमें लगभग 100 स्मारक शामिल हैं।
  • केरल में 28 मछुआरों को मछलियां पकडऩे के अलावा प्लास्टिक का कचरा निकालने के लिए नियुक्त किया गया है। इस मिशन से सरकार 10 महीने के अंदर 25 टन प्लास्टिक कचरा निकालने में सफल रही है।

विश्व में कहां प्रयास हुए

  • वनुआतू दुनिया का पहला देश है जिसने सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाई
  • जर्मनी, फिनलैंड, डेनमार्क और आस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में प्लास्टिक की खाली बोतलें जमा करने पर दिए जाते हैं पैसे

(इनपुट: कैट, आल इंडिया प्लास्टिकमैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन, पीआइबी)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.