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युवाओं के मेहनत और लगन के अनेक रंग, बदली कइयों की जिंदगी

अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस पर मेहनत के बेहतरीन उदाहरण साथ लेकर सम्मेलन में तमाम युवा एकजुट हो रहे हैं। इसमें ऐसे युवा हैं जिन्होंने अपनी सोच काम और कुछ अनोखा कर नई मिसाल कायम की है

By Edited By: Published: Tue, 13 Aug 2019 08:14 AM (IST)Updated: Tue, 13 Aug 2019 10:44 AM (IST)
युवाओं के मेहनत और लगन के अनेक रंग, बदली कइयों की जिंदगी
युवाओं के मेहनत और लगन के अनेक रंग, बदली कइयों की जिंदगी

जमशेदपुर, जेएनएन। टाटा स्टील रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी (टीएसआरडीएस) द्वारा सोमवार से अंतराष्ट्रीय युवा दिवस पर आयोजित युवा सम्मेलन में कई ऐसे सच्चे हीरो शामिल हो रहे हैं जो सचमुच में समाज के सामने मिसाल प्रस्तुत कर रहे हैं। ऐसे युवा जो अपनी सोच, काम और कुछ अलग कर एक नई दिशा में आगे बढ़ चले हैं। उनकी इस पहल से आज कई युवाओं की जिंदगी बदल रही है।

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पेश है ऐसे युवाओं की कहानी- 

नाव पर ही स्‍कूल

मणिपुर के विष्णुपुर में ओयनाम राजेन सिंह वर्ष 2014 से फ्लोटिंग बायो मास से बने नाव पर ही 500 बच्चों और उनके परिजनों को प्राथमिक शिक्षा दे रहे हैं। राजेन ऑल लोकटक लेक एरिया फिशरमैन यूनियन के सदस्य हैं। वे बताते हैं कि विष्णुपुर में 236.21 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में लोकटक तालाब है। राज्य सरकार ने ‘द मणिपुर लोकटक लेक प्रोटेक्शन एक्ट 2006’ के तहत इस प्राकृतिक तालाब को संरक्षित करने के लिए कानून बनाई। इसके तहत नवंबर 2011 में तालाब के ऊपर ही मचान बनाकर रखने वाले 1,110 में से 777 झोपड़ियों को जला दिया। साथ ही मछुआरों को तालाब से मछली पकड़ने पर भी रोक लगा दी गई। इसके कारण उनके समक्ष जीवकोपार्जन की समस्या उठ खड़ी हुई। परिवारवालों के पास इतने पैसे नहीं कि वे अपने बच्चों को पढ़ा सके। ऐसे में राजेन अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर नाव तैयार किया और क्लास एक से छह तक के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दे रहे हैं। इस तैरते स्कूल में सर्व शिक्षा अभियान के तहत बच्चों के अलावे उनके कई मां-बाप भी पढ़ते हैं।

बाल विवाह को रोक पेश की मिसाल

पश्चिमी सिंहभूम के नोवामुंडी के डूकासाई में 10वीं में पढ़ने वाले प्रेमनाथ रूकवा ने मेरेलगढ़ा में बाल-विवाह को रुकवा समाज के सामने मिसाल पेश की। प्रेमनाथ टीएसआरडीएस के रिश्ता प्रोजेक्ट से जुड़े हुए हैं। जो अब नुक्कड़ नाटक द्वारा सर्व शिक्षा अभियान, स्वच्छ भारत अभियान, शौचालय का उपयोग सहित बाल-विवाह पर जागरूकता फैला रहे हैं। प्रेमनाथ बताते हैं कि चार माह पूर्व उसे मालूम चला कि उसके ही स्कूल में 11वीं में पढ़ने वाला एक लड़का 16 वर्ष की लड़की से बाल विवाह कर रहा है। प्रेमनाथ बताते हैं कि शादी वाले घर पहुंचा तो पता चला कि घर में हल्दी का कार्यक्रम पूरा हो चुका है। उसी दिन बारात आने वाली है। प्रेमनाथ ने लड़की के पिता को बाल-विवाह से होने वाले परेशानियों की जानकारी दी। बात करने के काम नहीं बना तो प्रेमनाथ ने टीएसआरडीएस की अंजना दीदी सहित स्थानीय ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (बीडीओ) को सूचना दी। तब जाकर शादी रूक पाई।

महिलाओं को सेल्फ डिफेंस की नि:शुल्क शिक्षा

कलिंगनगर के डूबरी की रहने वाली रजनी मलिक अपने गांव की आधा दर्जन से ज्यादा महिलाओं को सेल्फ डिफेंस की नि:शुल्क शिक्षा दे रही हैं। रजनी बताती हैं कि वो टीएसआरडीएस के रिश्ता अभियान से जुड़ी। इसके बाद उन्होंने देखा कि कामकाजी महिलाएं सड़क हो या किसी हाट पर। हर जगह छेड़खानी का शिकार होती हैं। रजनी ऐसे महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अपने घर पर ही उन्हें सेल्फ डिफेंस के तहत कराटे सीखा रही हैं। वहीं, स्नातक की पढ़ाई कर चुकी रजनी 20 बच्चों को नि:शुल्क ट्यूशन भी पढ़ा रही हैं। रजनी के पिता और भाई दोनो ठेका मजदूरी में काम करते हैं। वे कहती हैं कि मुझे लोगों का दर्द मालूम है कि वे पैसे देकर बच्चों को ट्यूशन नहीं पढ़ा सकते इसलिए मैं ही उन्हें नि:शुल्‍क पढ़ा रही हूं।

150 बच्‍चों को दिलाई नशे के बुरी लत से आजादी

वेस्ट बोकारो के रामगढ़ जिले के पुंडी गांव के राजेश कुमार महतो ने 150 बच्चों को नशामुक्त कर उनकी जिंदगी को पूरी तरह से बदल दिया। राजेश बताते हैं कि वे टाटा स्टील रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी (टीएसआरडीएस) के रिश्ता प्रोजेक्ट से जुड़े हैं। उनका कहना है कि बच्चे आज आउटडोर गेम के बजाए मोबाइल पर ही गेम खेलकर अपना स्वास्थ्य खराब कर रहे हैं। राजेश ने कमल क्लब के माध्यम से बसंतपुर, बोंगाहरा, हेसागढ़ा, मांडू, गरगाली, भुताही, जामाडोबा, घाटो जैसे गांवों से 12 से 30 वर्ष 300 बच्चे व युवाओं को जोड़ा। इनमें से 150 बच्चे जो नशे के आदी थे, उन्हें नशामुक्त कराकर फुटबॉल व क्रिकेट जैसे खेलों से जोड़ा। आज ये बच्चे जिला व राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले रहे हैं। राजेश बताते हैं कि खेलों से जुड़ने से अब बच्चों का स्वास्थ्य भी ठीक है और वे नया कुछ करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। इसमें टाटा स्टील सहित आजसू नेता सह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी भी उनकी मदद कर रहे हैं। 

तीन दोस्‍तों ने यूं बदल डाली गांव वालों की जिंदगी

नशा ऐसी लत है जो किसी को लगी तो छूटना मुश्‍किल है। मामूली सी चाय भी नशा दे जाती है फिर शराब और ड्रग की तो बात ही जुदा है। इन बुरी लतों से पीछा छुड़ाना काफी कठिन है। ऐसे में तीन युवकों ने मिलकर अपने गांव को नशामुक्‍त बनाने का फैसला किया। दिन-रात इसी काम में मशगूल हो गए। आखिरकार उनकी मेहनत और लगन ने अपना रंग दिखाया और गांव के लोगों ने नशा छोड़ ही दिया। इन तीन दोस्‍तों ने मिलकर गांव में नशा मुक्‍ति रैली निकाली और ग्रामीणों के बीच जा-जाकर उन्‍हें समझाया। गांव में नशा मुक्‍ति अभियान चलाया। उन्‍हें इसमें सफलता मिली और गांव का मन बदल दिया। टाटा स्टील रूरल डेवलपेंट सोसाइटी द्वारा आयोजित युवा सम्मेलन में ऐसे ही कई हीरो आए हैं। जिन्होंने लोगों की किस्मत बदल दी।

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