Move to Jagran APP

रुपये चुराना ही पत्नी को क्रूर बताने के लिए काफी

मुंबई। घर से पैसे चुराने की आदत और डेबिट कार्ड धोखाधड़ी में गिरफ्तार किया जाना ही यह बताने के लिए काफी है कि पत्नी ने पति को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। बांबे हाई कोर्ट ने तलाक के एक मामले में फैसला सुनाते हुए यह टिप्पणी की। न्यायाधीश वीएल अचिल्या और विजय ताहिलरमानी ने एक व्यक्ति को पत्नी से तलाक की अनुम

By Edited By: Published: Sat, 22 Mar 2014 10:22 PM (IST)Updated: Sat, 22 Mar 2014 10:22 PM (IST)
रुपये चुराना ही पत्नी को क्रूर बताने के लिए काफी

मुंबई। घर से पैसे चुराने की आदत और डेबिट कार्ड धोखाधड़ी में गिरफ्तार किया जाना ही यह बताने के लिए काफी है कि पत्नी ने पति को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। बांबे हाई कोर्ट ने तलाक के एक मामले में फैसला सुनाते हुए यह टिप्पणी की।

loksabha election banner

न्यायाधीश वीएल अचिल्या और विजय ताहिलरमानी ने एक व्यक्ति को पत्नी से तलाक की अनुमति देने वाले फैमिली कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा,'पति-पत्नी के सामाजिक स्तर और समाज में उनके ओहदे को देखते हुए इस तरह की हरकत को क्रूरता कहना बिल्कुल जायज है।' अदालत ने 2008 के फैमिली कोर्ट के आदेश के खिलाफ पत्नी की ओर से दायर की गई अपील को भी यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उसने पति के साथ ज्यादती की है।

पति ने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी को उससे झूठ बोलने की आदत है। वह घर से पैसे चुराने के अलावा फर्जी चेक बनाकर उसके बैंक खाते से भी रुपये निकाल लेती है। इसके अलावा पति ने आरोप लगाया कि पत्नी को उसके एक सहकर्मी के डेबिट कार्ड से धोखाधड़ी कर 37,000 रुपये निकालने के जुर्म में पहले गिरफ्तार भी किया जा चुका है। हाई कोर्ट ने कहा,'यह अकेला मामला (धोखाधड़ी कर डेबिट कार्ड से पैसे निकालना) ही इतना गंभीर है कि यह पति को पत्नी के साथ बिना मानसिक प्रताड़ना व तनाव के रहने नहीं देगा। इसलिए पति को क्रूरता के आधार पर पत्नी को तलाक देने की इजाजत दी जाती है।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.