रुपये चुराना ही पत्नी को क्रूर बताने के लिए काफी
मुंबई। घर से पैसे चुराने की आदत और डेबिट कार्ड धोखाधड़ी में गिरफ्तार किया जाना ही यह बताने के लिए काफी है कि पत्नी ने पति को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। बांबे हाई कोर्ट ने तलाक के एक मामले में फैसला सुनाते हुए यह टिप्पणी की। न्यायाधीश वीएल अचिल्या और विजय ताहिलरमानी ने एक व्यक्ति को पत्नी से तलाक की अनुम
मुंबई। घर से पैसे चुराने की आदत और डेबिट कार्ड धोखाधड़ी में गिरफ्तार किया जाना ही यह बताने के लिए काफी है कि पत्नी ने पति को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। बांबे हाई कोर्ट ने तलाक के एक मामले में फैसला सुनाते हुए यह टिप्पणी की।
न्यायाधीश वीएल अचिल्या और विजय ताहिलरमानी ने एक व्यक्ति को पत्नी से तलाक की अनुमति देने वाले फैमिली कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा,'पति-पत्नी के सामाजिक स्तर और समाज में उनके ओहदे को देखते हुए इस तरह की हरकत को क्रूरता कहना बिल्कुल जायज है।' अदालत ने 2008 के फैमिली कोर्ट के आदेश के खिलाफ पत्नी की ओर से दायर की गई अपील को भी यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उसने पति के साथ ज्यादती की है।
पति ने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी को उससे झूठ बोलने की आदत है। वह घर से पैसे चुराने के अलावा फर्जी चेक बनाकर उसके बैंक खाते से भी रुपये निकाल लेती है। इसके अलावा पति ने आरोप लगाया कि पत्नी को उसके एक सहकर्मी के डेबिट कार्ड से धोखाधड़ी कर 37,000 रुपये निकालने के जुर्म में पहले गिरफ्तार भी किया जा चुका है। हाई कोर्ट ने कहा,'यह अकेला मामला (धोखाधड़ी कर डेबिट कार्ड से पैसे निकालना) ही इतना गंभीर है कि यह पति को पत्नी के साथ बिना मानसिक प्रताड़ना व तनाव के रहने नहीं देगा। इसलिए पति को क्रूरता के आधार पर पत्नी को तलाक देने की इजाजत दी जाती है।'