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योगी आदित्यनाथ के पिता ने कहा था-मैं सिर्फ जन्मदाता हूं, वे पुत्र तो राष्ट्र के हैं

योगी आदित्यनाथ के पिता कहते थे कि मैं तो सिर्फ जन्म देने के नाते आदित्यनाथ का पिता कहलाता हूं वे पुत्र तो संपूर्ण राष्ट्र के हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 21 Apr 2020 08:04 PM (IST)Updated: Wed, 22 Apr 2020 02:01 AM (IST)
योगी आदित्यनाथ के पिता ने कहा था-मैं सिर्फ जन्मदाता हूं, वे पुत्र तो राष्ट्र के हैं
योगी आदित्यनाथ के पिता ने कहा था-मैं सिर्फ जन्मदाता हूं, वे पुत्र तो राष्ट्र के हैं

सौरभ पांडेय, शहडोल। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिता की अंत्येष्टि में शामिल न होकर संपूर्ण राष्ट्र के नाम समर्पण का एक संदेश दिया है। उन्होंने स्वर्गवासी पिता आनंद सिंह बिष्ट की उन भावनाओं को सही साबित कर दिया जो वे अक्सर योगी आदित्यनाथ की अनुपस्थिति में व्यक्त किया करते थे। वे कहते थे कि मैं तो सिर्फ जन्म देने के नाते आदित्यनाथ का पिता कहलाता हूं, वे पुत्र तो संपूर्ण राष्ट्र के हैं। यह बातें इंदिरा गांधी जनजातीय विवि अमरकंटक के कुलपति प्रो. प्रकाश मणि त्रिपाठी ने कही।

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प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि वर्ष 2000-01 में पहली बार मेरी मुलाकात आनंद सिंह बिष्ट से ऋषिकेश में हुई थी। तब मैं गोरखपुर विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के तौर पर कार्यरत था। हम एक कार्यक्रम में शामिल होने ऋषिकेश गए थे। वहां तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ के पिता ने कहा था कि वे अपने बेटे अजय सिंह बिष्ट, जो अब संन्यासी के रूप में योगी आदित्यनाथ बनकर राष्ट्र की सेवा में जुट गए हैं, उनकी भावनाओं का सम्मान करता हूं।

योगी का व्यक्तित्व परिवार केंद्रित नहीं बल्कि राष्ट्र केंद्रित रहा

शुरुआत से ही योगी का व्यक्तित्व परिवार केंद्रित नहीं बल्कि राष्ट्र केंद्रित रहा है। चर्चा के दौरान भावुक होकर भारी आवाज में पिता ने कहा था कि मैं तो सिर्फ जन्म देने के नाते आदित्यनाथ का पिता कहलाता हूं, वे पुत्र तो संपूर्ण राष्ट्र के हैं। उनके लिए हमेशा उनका परिवार वृहत्तर समाज और संपूर्ण राष्ट्र रहा है।

जानें- कैसा था योगी के बचपन का स्वभाव

योगी के बचपन के स्वभाव की बातें साझा करते हुए पिता ने बताया था कि वे बचपन से ही सनातन, समाज और राष्ट्र को महत्व देने वाले साहसी, कर्मठ और निर्भीक इंसान रहे हैं। जिसे आज वे अपने कर्मों के माध्यम से साबित भी कर रहे हैं। प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी कर्मयोगी संन्यासी हैं। पिता की अंत्येष्टि में वे शामिल हो सकते थे, लेकिन ऐसा न करते हुए उन्होंने राष्ट्र के नाम एक भावुक पत्र भेजा। पिता को श्रद्घांजलि देते हुए मौन धारण किया। इसके तुरंत बाद वे संत और अपने धर्म का निर्वहन करते हुए कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रही उत्तर प्रदेश की जनता को बचाने के प्रयास में जुट गए।


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