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यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर ने रिश्वत लिए 600 करोड़ रुपये, सीबीआइ ने दायर किया आरोपपत्र

सीबीआइ ने डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन से 600 करोड़ रुपये रिश्वत लेने के मामले में यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर पत्नी बिंदू और बेटी रोशनी के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 10:59 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 10:59 PM (IST)
यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर ने रिश्वत लिए 600 करोड़ रुपये, सीबीआइ ने दायर किया आरोपपत्र
यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर ने रिश्वत लिए 600 करोड़ रुपये, सीबीआइ ने दायर किया आरोपपत्र

नई दिल्ली, प्रेट्र। सीबीआइ ने घोटाले में फंसे डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन से कथित तौर पर 600 करोड़ रुपये रिश्वत लेने के मामले में गुरुवार को यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर, उनकी पत्नी बिंदू और बेटी रोशनी के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया। मुंबई की एक विशेष सीबीआइ अदालत के समक्ष दायर आरोपपत्र में दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल), कपिल वधावन, उनके भाई राजेश, बिलीफ रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड, आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और डीओआइटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के नाम शामिल हैं। इनके खिलाफ और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए हैं।

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सीबीआइ ने डीएचएफएल प्रमोटर से रिश्वत लेने का लगाया आरोप

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सात मार्च को कपूर सहित 12 अभियुक्तों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसने नौ मार्च को आरोपितों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। जांच एजेंसी ने कपिल और धीरज वधावन को इस साल अप्रैल में गिरफ्तार किया था। वे दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद राणा कपूर भी न्यायिक हिरासत में हैं। सीबीआइ के अनुसार, कपूर ने डीएचएलएफ को यस बैंक के जरिये आर्थिक मदद देने के लिए कपिल वधावन के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची। 

डीएचएफएल की अल्पकालिक डिबेंचर में 3,700 करोड़ का निवेश

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि अप्रैल और जून, 2018 के बीच, यस बैंक ने डीएचएफएल की अल्पकालिक डिबेंचर में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया। अधिकारियों ने बताया कि बैंक ने अपने बांद्रा रिक्लेमेशन प्रोजेक्ट के लिए धीरज वधावन के साथ डीएचएफएल समूह की कंपनी आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को 750 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया। डीएचएफएल पर आरोप है कि उसने कई खोखा कंपनियों के वेब का उपयोग करके 97 हजार करोड़ रुपये के कुल बैंक ऋणों में से 31 हजार करोड़ रुपये का गबन किया।


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