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year ender 2019: केंद्र सरकार साल भर लेती रही कठोर और लोगों के लाभ से जुड़े हुए फैसले

YEAR ENDER 2019 केंद्र सरकार पूरे साल आम जनता के हितों को ध्यान में रखकर कई कठोर फैसले लेती रही। जिसके नतीजे आने वाले दिनों में दिखाई देंगे।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Tue, 17 Dec 2019 02:29 PM (IST)Updated: Tue, 17 Dec 2019 02:35 PM (IST)
year ender 2019: केंद्र सरकार साल भर लेती रही कठोर और लोगों के लाभ से जुड़े हुए फैसले
year ender 2019: केंद्र सरकार साल भर लेती रही कठोर और लोगों के लाभ से जुड़े हुए फैसले

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। साल 2019 कई मायनों में यादगार रहा है। केंद्र सरकार ने कई ऐसे काम किए जिसके लिए ये साल हमेशा ही यादगार रहेगा। चाहे जम्मू से धारा 370 को खत्म करने का मामला हो या अयोध्या मामले में रोजाना सुनवाई करके उसका फैसला कराने की बात हो। इसके अलावा नए मोटर वाहन कानून के मामले में भी जो फैसला लिया गया वो अपने आप में खास रहा। यदि मोदी सरकार के सेकंड टर्म की बात करें तो उनका ये कार्यकाल पहले के मुकाबले अधिक यादगार रहा है।

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मोदी सरकार का दूसरा सफर अनुच्छेद-370, तीन तलाक, नए मोटर वाहन कानून, असम में एनआरसी, सामान्य वर्ग में आरक्षण, अयोध्या विवाद, सीजेआइ के आफिस का आरटीआइ के दायरे में आना जैसी चीजें शामिल रही हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार के कई अन्य फैसले भी काफी महत्वपूर्ण रहे हैं। आइए जानते हैं केंद्र सरकार के साल भर के कुछ बड़े फैसले:

अनुच्छेद-370 खत्म:- 

6 अगस्त 2019- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निष्प्रभावी करने का प्रस्ताव मंजूर किया, 9 अगस्त 2019- जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन एक्ट को मंजूरी, इससे 31 अक्तूबर 2019 से दो केंद्र शासित प्रदेश (जम्मू-कश्मीर, लद्दाख) में बंट गया जम्मू कश्मीर राज्य। एक देश, एक विधान लागू- विशेष दर्जे के तहत जम्मू-कश्मीर का अलग संविधान और अलग झंडा था। रक्षा, संचार व विदेश मामले छोड़ कोई कानून लागू कराने में केंद्र को राज्य से इजाजत लेनी पड़ती थी।

‘तीन तलाक’ हुआ कानूनन जुर्म 

26 जुलाई 2019- संसद ने ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019’ पारित किया, एक अगस्त से ये कानूनन जुर्म बन गया। ये एक कुप्रथा थी जो लंबे समय से चली आ रही थी। तीन बार ‘तलाक’ बोलकर, लिखकर या एसएमएम-ईमेल भेजकर शादी तोड़ने पर तीन साल तक की जेल का प्रावधान। शायरा बानो व अन्य महिलाओं के मामले में सुनवाई के बाद अगस्त 2017 में सर्वोच्च अदालत ने केंद्र को इस पर पाबंदी लगाने का निर्देश दिया था। तीन तलाक के मुद्दे पर शाह बानो ने आवाज उठाई थी।

दस सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा 

30 अगस्त 2019- मोदी सरकार ने दस सरकारी बैंकों के विलय से चार बड़े बैंक बनाने का ऐलान किया। 2017 में 27 सरकारी बैंक थे, अब यह संख्या घटकर 12 रह जाएगी, छह माह में पूरी हो जाएगी इन बैंकों के विलय की प्रक्रिया। इसमें ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक में विलय होगा, सिंडिकेट बैंक को केनरा बैंक और इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक में मिलाया जाएगा। आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से जोड़ने की घोषणा हुई।

नया मोटर वाहन अधिनियम लागू 

5 अगस्त 2019- संसद के दोनों सदनों की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नए मोटर वाहन अधिनियम पर दस्तखत किए। एक सितंबर 2019- नया कानून प्रभावी, यातायात नियम तोड़ने पर जुर्माना राशि बढ़ी, सजा अवधि में भी वृद्धि कर दी गई। इसके बाद कई चालान हुए, लोगों में दहशत पैदा हो गई। दस गुना तक बढ़ी जुर्माने की राशि।

आतंकवाद पर यूएपीए एक्ट में संशोधन

24 जुलाई 2019- लोकसभा और दो अगस्त को राज्यसभा में पारित हुआ यूएपीए यानी गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम (संशोधन) विधेयक-2019। 8 अगस्त 2019- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लगाई मुहर, 14 अगस्त से लागू हुआ नया कानून, केंद्र ने आतंक के खिलाफ जंग में बड़ा कदम बताया, इस नए कानून के लागू हो जाने के बाद व्यक्ति विशेष आतंकी घोषित किया जा सकता है। नया यूएपीए कानून आतंकी गतिविधियों में लिप्त या उसे प्रोत्साहित करते मिले किसी व्यक्ति को आतंकी घोषित करने का अधिकार देता है।

हाफिज सईद और दाऊद आतंकी घोषित

4 सितंबर 2019 को नए यूएपीए कानून के तहत मोदी सरकार ने पहली कार्रवाई की, मोस्ट वॉन्टेड दाऊद इब्राहिम के अलावा हाफिज सईद, मौलाना मसूद अजहर और जकीउर रहमान लखवी को आतंकी घोषित किया गया।

सबरीमाला (Sabarimala Case)

मालूम हो कि सितंबर 2018 में सीजेआइ रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने सबरीमाला (Sabarimala Case)पर फैसला सुनाते हुए हर महिला को केरल के सबरीमाला मंदिर में पूजा-पाठ करने की इजाजत दी थी। इसके बाद केरल में काफी बवाल हुआ था, इसे लेकर राजनीति भी खूब हुई थी। ऐसा पहली बार देखने में आया था कि भाजपा भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ नजर आई थी। करीब 65 याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के सबरीमाला पर दिए गए फैसले के खिलाफ याचिका भी डाली थी।

राफेल मामला (Rafale Deal)

सीजेआइ रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने राफेल फाइटर एयरक्राफ्ट डील (Rafale Deal) को लेकर एक ज्वाइंट रिव्यू याचिका में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, ये याचिका प्रशांत भूषण, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा ने दायर की थी, इस मामले की सुनवाई की दौरान जिस अहम बात पर फोकस किया गया था वह ये थी कि 36 राफेल एयरक्राफ्ट की डील में भ्रष्टाचार की शिकायत पर सीबीआई ने एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की। रिव्यू याचिका में आरोप लगाया गया था कि सरकार ने 14 दिसंबर 2018 के फैसले में कोर्ट को गुमराह किया था।

राहुल गांधी (Rahul Gandhi)के खिलाफ अवमानना की याचिका

सुप्रीम कोर्ट में राफेल डील पर हो रही सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ किया कि वह उन दस्तवेजों को भी सुनवाई में देखेगी, जिन्हें केंद्र ने गोपनीय होने का हवाला दिया था, इसे सुप्रीम कोर्ट की तरफ से केंद्र को झटका माना जा रहा था, इसी मौके का फायदा उठाते हुए राहुल गांधी (Rahul Gandhi)ने राजनीति करते हुए बयान दे डाला कि सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है। यानी वह ये कहना चाह रहे थे सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि राफेल डील में नरेंद्र मोदी (चौकीदार) ने भ्रष्टाचार किया है। इसके बाद मीनाक्षी लेखी ने राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट में शिकायत करते हुआ कहा था राहुल गांधी ने कोर्ट की अवमानना की है।

Finance Act 2017 की वैधता को चुनौती

मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली बेंच ने फाइनेंस एक्ट 2017 (Finance Act 2017) में भी अपना फैसला सुरक्षित रखा था। फाइनेंस एक्ट 2017 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालते हुए इसकी वैधता को चुनौती दी गई थी। आरोप लगाया गया था कि संसद में फाइनेंस एक्ट 2017 को एक मनी बिल की तरह पारित कर दिया गया। इस मामले पर भी सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)को RTI के दायरे में लाए जाने को चुनौती

सुप्रीम कोर्ट हर तरीके से पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर देता हो लेकिन वह खुद आरटीआई एक्ट (Supreme Court under RTI Act) लागू ना होने देने को लेकर काफी समय से आरोपों का सामना कर रहा था। दरअसल जुलाई 2010 में दिल्ली हाईकोर्ट ने एक फैसला सुनाया था, जिसमें कहा गया था कि सीजेआई दफ्तर और सुप्रीम कोर्ट पब्लिक अथॉरिटी हैं, जो आरटीआई एक्ट के दायरे में आते हैं।

इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल ने चुनौती दी थी, इसके लिए उनकी ओर से तर्क दिया गया था कि ऐसा होने पर सुप्रीम कोर्ट के प्रशासनिक कामों में समस्या होगी। इस मामले पर फैसला सुनाते हुए सीजेआइ रंजन गोगोई ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट भी आरटीआइ के दायरे में आएगा मगर इसकी सीमाएं निर्धारित होंगी।

असम में NRC लागू

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में ही असम में एनआरसी लागू करने का बड़ा निर्णय लिया गया। इसके बाद सरकार ने पूरे देश में इसे लागू करने का प्लान बनाया है। गृहमंत्री अमित शाह खुद संसद में इस बात का ऐलान कर चुके हैं। मौजूदा शीतकालीन सत्र में एक सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एनआरसी की प्रक्रिया की निगरानी की जाती है। यह पूरे देश में लागू किया जाएगा और किसी को भी इससे डरने की जरूरत नहीं है।

सामान्य वर्ग आरक्षण

मोदी सरकार ने नए साल की शुरूआत के साथ ही सामान्य वर्ग के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला कर दिया था। सरकार की ओर से जनवरी माह में ही इसकी घोषणा कर दी गई थी। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आरक्षण देने के ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक को संसद की मंजूरी मिल गई।

दीवाली से बड़े फैसले

इसके बाद केंद्र सरकार ने दिवाली से ठीक पहले कई बड़े फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई इस बैठक में सकंट से जूझ रही सरकारी कंपनी BSNL से लेकर रबी फसलों के लिए न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य और पेट्रोल ट्रांसपोर्ट मार्केटिंग गाइडलाइंस पर चर्चा हुई।

बीएसएनएल को दिया 15 हजार करोड़ का पैकेज

बीएसएनएल (BSNL)के लिए 15 हजार करोड़ रुपये के पैकेज का एलान किया। ये पैकेज वित्‍तीय संकट से जूझ रही सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL के लिए बहुत बड़ी राहत की खबर लेकर आई। भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL)और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL)के 15000 करोड़ रुपये के रिवाइवल प्लान को कैबिनेट (Union Cabinet) की मंजूरी मिल गई थी।

पेट्रोल रिटेलिंग (Petrol Retailing) के नियम

पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई थी, इसी बैठक में पेट्रोल ट्रांसपोर्ट मार्केटिंग गाइडलाइंस (Petrol Transport Marketing Guidelines) में बदलाव को मंजूरी दी गई। इसका मतलब साफ हुआ कि सरकार ने पेट्रोल रिटेलिंग (Petrol Retailing) के नियम आसान कर दिए है, इस नियम के बाद ऐसे लोगों के पास भी पेट्रोल पंप खोलने का मौका होगा जिनके पास अधिक पैसे नहीं है।

मतलब साफ है कि मौजूदा समय में सरकारी कंपनी IOC, BPCL, HPCL समेत कुल 7 कंपनियां पेट्रोल की रिटेलिंग करती है लेकिन नए फैसले के तहत कुल 250 करोड़ रुपये की नेटवर्थ वाली कंपनी भी पेट्रोल पंप खोल सकेगी। साथ ही, ये कंपनियां अब हवाई ईंधन ATF भी बेच पाएंगी। इस समय देशभर में कुल 64,624 पेट्रोल पंप है, इनमें 57,944 सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के है।

दिल्ली के लोगों को मालिकाना हक

केंद्र सरकार ने दिल्लीवासियों को बड़ा तोहफा भी दिया। दिवाली से पहले केंद्र सरकार (Central Government)ने दिल्लीवासियों को बड़ा तोहफा देते हुए ऐलान किया कि अब अनधिकृत कॉलोनियों (Unauthorised Colonies)में रहने वाले 40 लाख लोगों को घर का मालिकाना हक मिल जाएगा। इन अनधिकृत कालोनियों को नियमित करके उनकी रजिस्ट्री करवाई जाएगी। दिल्ली में फिलहाल 1,797 अनधिकृत कॉलोनियां है। 


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