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सीबीआइ के नए निदेशक के चुनाव की कवायद, जानें कौन-कौन है शीर्ष पद की दौड़ में शामिल

सीबीआइ के नए निदेशक का चुनाव करने के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति सोमवार शाम में बैठक करेगी। सूत्र ने बताया कि सोमवार शाम प्रधानमंत्री आवास पर नए सीबीआइ प्रमुख के लिए बैठक होगी। कई अधिकारी इस शीर्ष पद की दौड़ में हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 22 May 2021 11:33 PM (IST)Updated: Sat, 22 May 2021 11:42 PM (IST)
सीबीआइ के नए निदेशक के चुनाव की कवायद, जानें कौन-कौन है शीर्ष पद की दौड़ में शामिल
सीबीआइ के नए निदेशक का चुनाव करने के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति सोमवार शाम में बैठक करेगी।

नई दिल्ली, आइएएनएस। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) के नए निदेशक का चुनाव करने के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति सोमवार शाम में बैठक करेगी। सूत्र ने बताया कि सोमवार शाम प्रधानमंत्री आवास पर नए सीबीआइ प्रमुख के लिए बैठक होगी। तीन फरवरी को आरके शुक्ला का कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद प्रवीण सिन्हा को कार्यकारी निदेशक बनाया गया था। सूत्रों के मुताबिक, 1985 और 1986 बैच के कई अधिकारी शीर्ष पद की दौड़ में हैं।

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वाईसी मोदी भी शामिल

इनमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के प्रमुख वाईसी मोदी भी शामिल हैं। वाईसी मोदी मौजूदा वक्‍त में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के प्रमुख हैं। इसके अलावा दौड़ में 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी हितेश चंद्र अवस्थी भी हैं। एक सूत्र ने बताया कि वर्तमान में सीमा सुरक्षा बल में डीजी के साथ ही नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) में डीजी के अतिरिक्त प्रभार जैसे प्रमुख पदों पर कार्यरत राकेश अस्थाना भी इस दौड़ में हैं।

एमए गणपति और लोकनाथ बेहुरा भी दौड़ में

इसके अलावा उत्तराखंड कैडर में 1986 बैच के आइपीएस अधिकारी और वर्तमान में नागरिक उड्डयन सुरक्षा के महानिदेशक एमए गणपति, केरल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और केरल कैडर के 1985 बैच के आइपीएस अधिकारी लोकनाथ बेहुरा का नाम भी आ रहा है। बेहुरा सीबीआइ में रह चुके हैं और उन्होंने पुरुलिया हथियार ड्राप मामले और मुंबई सिलसिलेवार बम विस्फोट समेत कई संवेदनशील मामलों की जांच की थी।

महाराष्ट्र सरकार ने लगाए ये आरोप

इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने बांबे हाई कोर्ट से कहा है कि राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के बहाने सीबीआइ समूचे राज्य प्रशासन की जांच करना चाहती है। महाराष्ट्र सरकार ने याचिका दायर कर सीबीआइ द्वारा देशमुख के खिलाफ दर्ज एफआइआर के दो पैराग्राफ को रद करने की मांग की है। इनमें एक पैराग्राफ सचिन वाझे द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए आरोपों से संबंधित है जबकि दूसरा पुलिस अधिकारियों के तबादले में भ्रष्टाचार से जुड़ा है।


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