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भारतीय क्लासिक सिनेमा से परिचित हैं फिल्म ‘डार्क फिनिक्स’ के निर्देशन 'सिमोन किनबर्ग'

अमेरिकन सुपरहीरो एक्स मैन सीरीज की फिल्म ‘एक्समैन ए लॉस्ट स्टैंड’ लिख चुके सिमोन किनबर्ग ने इस सीरीज की आखिरी फिल्म ‘डार्क फिनिक्स’ का निर्देशन किया है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 01 Jun 2019 03:39 PM (IST)Updated: Mon, 03 Jun 2019 10:40 AM (IST)
भारतीय क्लासिक सिनेमा से परिचित हैं फिल्म ‘डार्क फिनिक्स’ के निर्देशन 'सिमोन किनबर्ग'
भारतीय क्लासिक सिनेमा से परिचित हैं फिल्म ‘डार्क फिनिक्स’ के निर्देशन 'सिमोन किनबर्ग'

स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। अमेरिकन सुपरहीरो एक्स मैन सीरीज की फिल्म 'एक्समैन : ए लॉस्ट स्टैंड', 'एक्स मैन : डेज ऑफ फ्यूचर पास्ट' और 'एक्समैन : एपोकैलिप्स' लिख चुके सिमोन किनबर्ग ने इस सीरीज की आखिरी फिल्म 'डार्क फिनिक्स' का निर्देशन किया है। बतौर निर्देशक यह उनकी पहली फिल्म है। फिल्म की कहानी भी उन्होंने लिखी है। इस बार कहानी सुपरवुमन जीन ग्रे के ईदगिर्द है। जीन की भूमिका में प्रियंका चोपडा की जेठानी सोफी टर्नर हैं।  सियोल में डार्क फिनिक्‍स के निर्देशक से हुई बातचीत का अंश प्रेषित है।

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डार्क फिनिक्स को भारत में हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगु में भी रिलीज किया जा रहा है। सिमोन भले ही हॉलीवुड फिल्मों के लिए पहचान रखते हैं, लेकिन भारतीय क्लासिक सिनेमा से परिचित है। फिल्म  के प्रमोशन के लिए सियोल पहुंचे सिमाने किनबर्ग ने भारतीय सिनेमा से अपने लगाव के संबंध में बताया,' भारतीय सिनेमा के प्रति मेरा आकर्षण रहा है। भारत आबादी के लिहाज से दुनिया का दूसरा सबसे बडा देश है। सिनेमा वहां की संस्कृति का अहम हिस्सा है।

भारत में अलग-अलग प्रकार की भाषाओं के लिए अलग बाजार है। उनकी फिल्म निर्माण की अपनी खास शैली है। सिनेमा ने वहां पर काफी प्रगति की है। मुझे पता है कि नेटफिलक्स वगैरह वहां पर फिल्में बना रहे हैं। उनके अलावा भी कई प्रोड्यूसर वहां पर फिल्म बनाने में दिलचस्पी ले रहे हैं। वे भारतीय लोगों को ध्यान में रखकर फिल्में बना रहे हैं। मैं भारतीय संस्कृति के बारे में ज्यादा नहीं जानता, लेकिन वहां की फिल्मी कल्चर से वाकिफ हूं। मुझे वहां के क्लासिक सिनेमा की जानकारी है। मैं सत्यजीत रे के सिनेमा से बखूबी वाकिफ हूं। भारत फिल्मों के मार्केट के लिहाज से काफी अहम है। वहां पर थिएटर जाने वाले लोगों की संख्या काफी है। अच्छी बात यह है कि हॉलीवुड की फिल्में वहां काफी पसंद की जाती हैं। मेरी कोशिश ऐसी फिल्में बनाने की रही है जिसे दुनियाभर में पसंद किया जाए।' 

हॉलीवुड का फोकस ग्लोयबल कंटेंट पर
हॉलीवुड की अनेक फिल्में दुनियाभर में बॉक्सर ऑफिस पर धमाल मचा रही हैं। ताजा मिसाल एवजेंर्स एंडगेम है फिल्म में देश में करीब चार सौ करोड़ की कमाई की। क्या हॉलीवुड का फोकस ग्लोबल कंटेंट पर होता है सवाल के जवाब में सिमोन किनबर्ग कहते हैं, 'हॉलीवुड फिल्मों का कैनवस बड़ा होता है। वे ब्लॉंकबस्टर फिल्में होती हैं। वे समझते हैं कि बॉक्स ऑफिस घरेलू से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि अपनी फिल्मों को लेकर कड़ी मेहनत करते हैं। 

हम सब जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी फिल्मों को कैसे प्रदर्शित करना है। मैं बतौर लेखक और प्रोड्यूसर सोचता हूं कि कौन सी कहानी पूरी दुनिया को आकर्षित करेगी। वे उससे कनेक्टी महसूस करेंगे। दुनिया में लोगों का रहन-सहन, भाषा और परिवेश भले ही अलग हैं, लेकिन एक चीज जो उन्हें जोड़ती है वह है इमोशन। उसे ध्यान में रखते हुए बतौर लेखक और फिल्ममेकर हमारी कोशिश कहानी को नए तरीके से गढ़ने की होती है। उसके अलावा लोग विजुअली तौर पर हमेशा कुछ नया और आकर्षक देखना चाहते हैं।'

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