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बदल जाएगी शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक की दुनिया, केवाईसी प्रोसेस का होगा और सरलीकरण

5जी के इस्तेमाल से वर्चुअल रियल्टी शिक्षा स्वास्थ्य कृषि इंटरटेनमेंट श्रमिकों की सुरक्षा एचडी गेमिंग दिखेंगे नए चरण में। 5जी सेवा से जुड़े विभिन्न सेक्टर के एप्लीकेशन के विकास के लिए लगेंगे 100 लैब। साथ ही मेक इन इंडिया एआई (आर्टिफिशियल इंटलिजेंस) और मेक फॉर इंडिया एआई विकसित किए जाएंगे।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraPublished: Tue, 07 Feb 2023 08:20 PM (IST)Updated: Tue, 07 Feb 2023 08:20 PM (IST)
बदल जाएगी शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक की दुनिया, केवाईसी प्रोसेस का होगा और सरलीकरण
5जी टेस्ट बेड के लिए 5.56 करोड़ रुपए का बजट में अलग से प्रविधान किया गया है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, श्रमिकों की सुरक्षा, एचडी गेमिंग से लेकर मनोरंजन की दुनिया अगले दो साल में बदलने जा रही है। आगामी वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में 5जी के विस्तार और 5जी से जुड़े एप्लीकेशन के विकास के लिए दिए जाने प्रोत्साहन से यह संभव होने जा रहा है। आगामी वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पेश बजट में 5जी एप्लीकेशन विकसित करने के लिए इंजीनियरिंग संस्थानों में 100 लैब स्थापित किए जाएंगे। वहीं, 5जी टेस्ट बेड के लिए 5.56 करोड़ रुपए का बजट में अलग से प्रविधान किया गया है।

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वित्त वर्ष 2023-24 में टेलीकॉम सेक्टर से जुड़े सभी प्रकार के अनुसंधान व विकास के लिए 550 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक हर लैब अलग-अलग सेक्टर के लिए काम करेगा। कुछ लैब 5जी के इस्तेमाल से स्मार्ट क्लासरूम की सेवा विकसित करेंगे तो कुछ ट्रांसपोर्ट सिस्टम, स्मार्ट कृषि, श्रमिकों की सुरक्षा, गांवों में बैठकर मरीजों का आपरेशन जैसी सेवाएं विकसित करने का काम करेंगे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट घोषणा में यह भी कहा कि मेक इन इंडिया एआई (आर्टिफिशियल इंटलिजेंस) और मेक फॉर इंडिया एआई विकसित किए जाएंगे और शैक्षणिक संस्थानों में तीन सेंटर फॉर एक्सलेंस की स्थापना भी की जाएगी। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक इन सबकी वजह से नए अवसर और बिजनेस मॉडल निकलेंगे जिनमें रोजगार सृजन की क्षमता होगी।

मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक जल्द ही आर्टिफिशियल डाटा सोल्यूशन और वियरेबल डेवाइस के साथ ग्रामीण इलाके के मरीजों को शहर आकर आपरेशन कराने की जरूरत नहीं होगी। इस दिशा में पहल भी शुरू हो गई है। सिर्फ पूरी तरह से 5जी के विस्तार और सभी सेक्टर के लिए 5जी एप्लीकेशन के विकसित होने का इंतजार है। वैसे ही, एक ही शिक्षक एक साथ कई संस्थानों में पढ़ा सकेंगे और 5जी एप्लीकेशन की मदद से सभी छात्रों को गुणवत्ता वाली प्रैक्टिकल सुविधा भी मिल सकेगी।

एआई के इस्तेमाल से शहरों में भी विभिन्न सुविधाएं विकसित होंगी। ड्राइवर को पहले ही सचेत कर दिया जाएगा कि कौन सी सड़क पर दुर्घटना की कितनी संभावना है और ड्राइवर को सचेत भी कर दिया जाएगा।

केवाईसी का होगा और सरलीकरण

आगामी वित्त वर्ष के लिए पेश बजट में केवाईसी (नो योर कस्टमर) प्रक्रिया को और सरल बनाने की घोषणा की गई है और वित्तीय संस्थाओं को इसे अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक कारोबारियों को बिजनेस आईडी की तरह ही वित्तीय संस्थाओं के ग्राहकों को एक केवाईसी नंबर दिया जा सकता है।

इसका फायदा होगा कि अलग-अलग वित्तीय संस्थाओं में बार-बार केवाईसी नहीं कराना होगा और सभी ग्राहक डिजी लॉकर से जुड़े होंगे। अगर किसी वित्तीय संस्थान को आपको लोन देना है तो ग्राहक से उनका फार्म 16, पे-स्लिप जैसे दस्तावेज नहीं मांगेगा। वित्तीय संस्थान ग्राहक के डिजी लॉकर से उसे हासिल कर लेगा।

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