World Osteoporosis Day 2020: आपकी कमजोर हो चुकी हड्डियों की सेहत ऐसे रहेगी सुरक्षित, पढ़ें एक्सपर्ट की राय
गुरुग्राम के फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. सर्वोत्तम चौहान ने बताया कि ऑस्टियोपोरोसिस के लिए बहुत हद तक हमारा असंतुलित खान-पान और दोषपूर्ण जीवनशैली जिम्मेदार है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि हम भोजन में कैल्शियम विटामिन डी के सेवन के साथ ही एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करें...
नई दिल्ली, जेएनएन। World Osteoporosis Day 2020 कोविड-19 से बचाव के लिए भीड़ से बचने के क्रम में वर्क फ्रॉम होम को तरजीह दी गई। इस वजह से शारीरिक सक्रियता में कमी, एक्सरसाइज न करना, एक ही जगह पर लंबे समय तक बैठे रहना, कंप्यूटर पर एक ही पोस्चर में बैठकर लगातार काम करना इत्यादि की वजह से हड्डियों व मांसपेशियों की तकलीफें बढ़ रही हैं। हड्डियों से संबंधित तकलीफों को ऑस्टियोपोरोसिस के रूप में चिन्हित किया जाता है।
इसका मुख्य कारण है दोषपूर्ण जीवनशैली और हड्डियों में विटामिन-डी और कैल्शियम की कमी का होना। इसकी वजह से हड्डियों के घनत्व में कमी, हड्डियों के जल्दी खराब होने और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ता है। ऑस्टियोपोरोसिस के लिए बहुत हद तक हमारा असंतुलित खान-पान और दोषपूर्ण जीवनशैली जिम्मेदार है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि हम भोजन में कैल्शियम, विटामिन डी के सेवन के साथ ही एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करें...
ऑस्टियोपोरोसिस रोग क्या है?
ऑस्टियोपोरोसिस हड्डी का एक रोग है जिसमें कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर और खोखली हो जाती हैं वहीं मामूली चोट से हड्डियों के फ्रेक्चर होने की आशंका बढ़ जाती है। पुरुषों के मुकाबले स्त्रियों में यह समस्या चार गुना ज्यादा होती है।
ऑस्टियोपोरोसिस को पहचानें
- चिड़चिड़ाहट, काम करने में मन न लगना और खाने में भी रुचि न होना।
- ज्यादा देर तक खड़े होने में तकलीफ, कमर में दर्द होना और काम करने में असहज होना।
ऑस्टियोपोरोसिस में क्या खाएं
- सूर्य की किरणें विटामिन डी का मुख्य स्रोत होती हैं
- कीवी, अनानास, पपीता, हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडे, दूध और अलसी का नियमित सेवन करें जिससे प्रोटीन के साथ कैल्शियम भी मिल सके
ऑस्टियोपोरोसिस में क्या न खाएं
- शराब से दूरी बनाएं
- नमक का सेवन नियंत्रित मात्रा में करें
- कैफीन, अधिक मात्रा में विटामिन ए न लें
एक्सरसाइज के फायदे
- हाई इंपैक्ट एक्टिविटीज से बचें और समय पर अपना विटामिन डी और कैल्शियम का टेस्ट डॉक्टर की राय के अनुसार करवाते रहें
- किसी भी तरह की एक्सरसाइज शुरू करने से पहले फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह अवश्य लें, ताकि आपको इस बात की सही जानकारी हो सके कि कौन सी एक्सरसाइज आपके लिए मुफीद है