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जानिए, कब हुई थी विश्व धरोहर दिवस की शुरुआत और उसका महत्व

विश्व धरोहर या विरासत सांस्कृतिक महत्व और प्राकृतिक महत्व के स्थल होते हैं। यह वह स्थल होते हैं जो ऐतिहासिक और पर्यावरण के लिहाज से भी महत्वपूर्ण होते हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 07:35 AM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 08:03 AM (IST)
जानिए, कब हुई थी विश्व धरोहर दिवस की शुरुआत और उसका महत्व
जानिए, कब हुई थी विश्व धरोहर दिवस की शुरुआत और उसका महत्व

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। विश्व के सांस्कृतिक-ऐतिहासिक स्थलों को विरासतों के रूप में संरक्षित रखने के लिए यूनेस्को द्वारा हर साल 18 अप्रैल को 'व‌र्ल्ड हेरिटेज डे' मनाया जाता है। दुनियाभर की स्मारकों और एतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों के लिए खास होता है। दरअसल यह एक मौका है जब हम लोगों को बताएं कि हमारी ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहरों को आने वाली पीढ़ियों के लिए बचाए रखने के लिए कितनी कोशिश हो रही है। साथ ही यह दिन यह भी बताता है कि हमारी यह धरोहरों को अब कितने रखरखाव की जरूरत है। विरासतों को सुरक्षित रखने के लिए क्यों जरूरी है जागरूकता, आओ जानते हैं..

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विश्व धरोहर स्थल क्या होता है?

विश्व धरोहर या विरासत सांस्कृतिक महत्व और प्राकृतिक महत्व के स्थल होते हैं। यह वह स्थल होते हैं जो ऐतिहासिक और पर्यावरण के लिहाज से भी महत्वपूर्ण होते हैं। इनका अंतरराष्ट्रीय महत्व होता और इन्हें बचाए रखने के लिए खास कदम उठाए जाने की जरूरत होती है। ऐसे स्थलों को आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को विश्व धरोहर की मान्यता प्रदान करती है। कोई भी स्थल जिसे यूनेस्को समझता है कि यह मानवता के लिए जरूरी है। वहां का सांस्कृतिक और भौतिक महत्व है, उसे विश्व धरोहर के तौर पर मान्यता दी जाती है।

व‌र्ल्ड हेरिटेज डे की शुरुआत

संरक्षित स्थलों पर जागरूकता के लिए सांस्कृतिक-ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक विरासतों की विविधता और रक्षा के लिए 18 अप्रैल को व‌र्ल्ड हेरिटेज डे मनाने की शुरुआत हुई। ट्यूनीशिया में इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ माउंटेन्स एेंड साइट द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी में 18 अप्रैल,1982 को विश्व धरोहर दिवस मनाने का सुझाव दिया गया, जिसे कार्यकारी समिति द्वारा मान लिया गया। नवंबर,1983 में यूनेस्को के सम्मेलन के 22वें सत्र में हर साल 18 अप्रैल को व‌र्ल्ड हेरिटेज डे मनाने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया।

कैसे होता है धरोहर संरक्षण का कार्य

किसी भी धरोहर को संरक्षित करने के लिए दो संगठनों अंतरराष्ट्रीय स्मारक एवं स्थल परिषद और विश्व संरक्षण संघ द्वारा आकलन किया जाता है। फिर विश्व धरोहर समिति से सिफारिश की जाती है। समिति वर्ष में एक बार बैठती है और यह निर्णय लेती है कि किसी नामांकित संपदा को विश्व धरोहर सूची में सम्मिलित करना है या नहीं। विश्व विरासत स्थल समिति चयनित खास स्थानों, जैसे-वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन या शहर इत्यादि की देख-रेख यूनेस्को के तत्वावधान में करती है।

अंतराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ के 1968 के प्रस्ताव पर 1972 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानवीय पर्यावरण पर स्टॉकहोम, स्वीडन में सम्मेलन पर बनी सहमति के बाद विश्व के प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों पर सम्मेलन को यूनेस्को की सामान्य सभा ने 16 नवंबर, 1972 को स्वीकृति दे दी। व‌र्ल्ड हेरिटेज कमेटी की मीटिंग की शुरुआत जून,1977 में हुई।

विरासतों का कारवां

-वर्ष 2013 तक पूरी दुनिया में लगभग 981 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है, जिसमें 759 सांस्कृतिक, 29 मिले-जुले और 160 अन्य स्थल हैं। इनमें इटली की 49, चीन की 45, स्पेन की 44, फ्रांस और जर्मनी की 38 धरोहरें शामिल हैं।

-वर्तमान में दुनिया में करीब 226 हेरिटेज सिटी हैं।

खतरे में धरोहर

-यूनेस्को की व‌र्ल्ड हेरिटेज कमेटी ने 44 धरोहरों को खतरे की सूची में रखा है। इनमें प्रमुख तौर पर अफगानिस्तान की बामियान वैली, इजिप्ट का अबू मेना, यरूशलम शहर एवं दीवार, डोमेस्टिक रिपब्लिक ऑफ द कांगो की पांच धरोहरें, सीरियन अरब रिपब्लिक की छह धरोहरें एवं कई देशों के नेशनल पार्क एवं संरक्षित स्थल शामिल हैं।

नई धरोहरें

-यूनेस्को की व‌र्ल्ड हेरिटेज कमेटी ने बीते समय में विभिन्न देशों की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, प्राकृतिक और मिश्रित 20 धरोहरों को हेरिटेज सूची में शामिल किया है।

-इस सूची में भारत के राजस्थान के हिल फोर्ट को भी जगह मिली है।

दुनियाभर में कितने विश्व धरोहर स्थल?

दुनियाभर में कुल 1052 विश्व धरोहर स्थल हैं। इनमें से 814 सांस्कृति, 203 प्राकृतिक और 35 मिश्रित हैं।

भारत में कितने विश्व धरोहर स्थल?

भारत में फिलहाल 27 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित सहित कुल 35 विश्व धरोहर स्थल हैं।

सांस्कृतिक धरोहर स्थल

आगरा का किला (1983)

अजंता की गुफाएं (1983)

नालंदा महाविहार (नालंदा विश्वविद्यालय), बिहार (2016)

सांची बौद्ध स्मारक (1989)

चंपानेर-पावागढ़ पुरातात्विक पार्क (2004)

छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (पूर्व में विक्टोरिया टर्मिनस) (2004)

गोवा के चर्च और कॉन्वेंट्स (1986)

एलिफेंटा की गुफाएं (1987)

एलोरा की गुफाएं (1983)

फतेहपुर सीकरी (1986)

ग्रेट लिविंग चोल मंदिर (1987)

हम्पी में स्मारकों का समूह (1986)

महाबलिपुरम में स्मारक समूह (1984)

पट्टडकल में स्मारक समूह (1987)

राजस्थान में पहाड़ी किला (2013)

हुमायूं का मकबरा, दिल्ली (1993)

खजुराहो में स्मारकों का समूह (1986)

बोध गया में महाबोधि मंदिर परिसर (2002)

माउंटेन रेलवे ऑफ इंडिया (1999)

कुतुब मीनार और इसके स्मारक, दिल्ली (1993)

रानी-की-वाव पाटन, गुजरात (2014)

लाल किला परिसर (2007)

भीमबेटका के रॉक शेल्टर (2003)

सूर्य मंदिर, कोर्णाक (1984)

ताज महल (1983)

ला कॉर्ब्युएर का वास्तुकला कार्य (2016)

जंतर मंतर, जयपुर (2010)

प्राकृतिक धरोहर स्थल

हिमालयी राष्ट्रीय उद्यान संरक्षण क्षेत्र (2014)

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (1985)

केओलादेओ नेशनल पार्क (1985)

मानस वन्यजीव अभयारण्य (1985)

नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान (1988)

सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान (1987)

पश्चिमी घाट (2012)


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