दुनिया की नजरें मोदी की इजरायल यात्रा पर, 17 हजार करोड़ के रक्षा सौदे की उम्मीद
इजरायल मोदी के दौरे को लेकर विरोधियों को यह जताना चाहता है कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश न केवल उसका अच्छा दोस्त है, बल्कि उसके साथ व्यापक कारोबारी रिश्ते भी हैं।
तेलअवीव, एजेंसी। इसराइल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जोरदार स्वागत हुआ है। हवाईअड्डे पर वहां के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ उनकी पूरी कैबिनेट स्वागत के लिए मौजूद थी। दोनों नेता एक-दूसरे से गले मिले। हवाई अड्डे पर ही दोनों नेताओं का एक संक्षिप्त संबोधन भी हुआ।
इसलिए अहम है यह यात्रा
मोदी की इस यात्रा पर पूरी दुनिया की नजरें हैं। दौरे के दौरान इजरायल से 17 हजार करो़ड़ का रक्षा सौदा होने की संभावना जताई जा रही है। भारत अभी 70 से 100 अरब रुपए के करीब रक्षा उत्पाद इजरायल से आयात कर रहा है, जो अगले पांच साल में 150 अरब रुपए तक पहुंच सकता है। वहीं, इसराइल मोदी के दौरे को लेकर विरोधियों को यह जताना चाहता है कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश न केवल उसका अच्छा दोस्त है, बल्कि उसके साथ व्यापक कारोबारी रिश्ते भी हैं। इजरायल, भारत के साथ दोस्ती का इस्तेमाल मध्य-पूर्व के साथ एशिया के अन्य देशों के साथ कूटनीति में भी कर सकता है। इजरायल अपने अगल-बगल विरोधी देशों से घिरा हुआ है। ईरान से लेकर अफगानिस्तान तक उसका विरोध करते रहे हैं, जबकि भारत के इन सभी देशों के साथ अच्छे संबंध हैं।
फूलों के फॉर्म का दौरा
मोदी ने फूलों के फार्म डैनजिगर 'डैन' का दौरा किया। उनके साथ प्रधानमंत्री नेतन्याहू भी थे। करीब 80,000 वर्ग मीटर में फैला यह अत्याधुनिक फार्म है। येरुशलम से 56 किमी दूर मोशाव मिशमार हाशिवा में 1953 में इसकी स्थापना की गई थी। स्थानीय बाजार और करीब 60 देशों को यहां से फूल-पौधे भेजे जाते हैं।
मोदी ने नेतन्याहू के भाई के बलिदान को याद किया
मोदी ने 'ऑपरेशन एंटेबे' और बेंजामिन नेतन्याहू के भाई के बलिदान की भी चर्चा की। 'ऑपरेशन एंटेबे' में इसराइली पीएम नेतन्याहू के बड़े भाई लेफ्टिनेंट कर्नल योनातन नेतन्याहू शहीद हो गए थे। मोदी ने बेन गुरियन एयरपोर्ट पर दिए संक्षिप्त भाषण में योनातन के बलिदान को याद करते हुए कहा, 'आज चार जुलाई है। ठीक 41 साल पहले 'ऑपरेशन एंटेबे' का यह दिन, जब आपके प्रधानमंत्री और मेरे मित्र 'बिबि' ने अपने बड़े भाई योनातन को खो दिया था। योनातन ने बहुत सारे इजरायली बंधकों का जीवन बचाया था।' जिस समय मोदी योनातन के बलिदान को याद कर रहे थे, उस दौरान बेंजामिन शांत होकर सुन रहे थे।