Move to Jagran APP

World Doordarshan Day 2019: समय के साथ-साथ तेजी से बढ़ती गई टीवी की दुनिया, बुद्धू बक्सा बना हर घर की जरूरत

17 दिसंबर 1996 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 नवंबर को विश्व टेलीविजन दिवस घोषित कर दिया। 1959 में भारत में टेलीविजन आया। जल्द ही इस ताकतवर उपकरण का सकारात्मक असर दिखने लगा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 11:06 AM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 11:06 AM (IST)
World Doordarshan Day 2019:  समय के साथ-साथ तेजी से बढ़ती गई टीवी की दुनिया, बुद्धू बक्सा बना हर घर की जरूरत
World Doordarshan Day 2019: समय के साथ-साथ तेजी से बढ़ती गई टीवी की दुनिया, बुद्धू बक्सा बना हर घर की जरूरत

नई दिल्ली, जेएनएन। शुरुआत में अपनी सहज प्रस्तुतिकरण के चलते जिस टेलीविजन को हम बुद्धू बक्सा की संज्ञा देते रहे, कालांतर में सूचना क्रांति का यह सबसे बड़ा हथियार साबित हुआ। आज हम अपने घरों में बैठे दुनिया के किसी भी कोने में होने वाली घटना को देख सकते हैं। इसका पहला मॉडल 1927 में अमेरिका में तैयार हुआ। 1959 में भारत में टेलीविजन आया। जल्द ही इस ताकतवर उपकरण का सकारात्मक असर दुनिया पर दिखने लगा। 17 दिसंबर, 1996 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 नवंबर को विश्व टेलीविजन दिवस घोषित कर दिया।

loksabha election banner

टेलीविजन का इतिहास

टेलीविजन का आविष्कार साल 1927 में अमेरिका के वैज्ञानिक जॉन लॉगी बेयर्ड ने किया था। साल 1934 तक टेलीविजन पूरी तरह इलेक्ट्रानिक स्वरूप धारण कर चुका था। 1938 में औपचारिक तौर पर जॉन लॉगी बेयर्ड टेलीविजन को मार्केट में लेकर आए। फिर इसके 2 सालों बाद ही आधुनिक टीवी के स्टेशन खुले और लोग बड़ी संख्या में टीवी खरीदने लग गए। मनोरंजन का सबसे बेहतरीन साधन बन चुके टीवी की अहमियत को वर्ष 1996 में वैश्विक रूप में उस समय पहचान मिली, जब संयुक्त राष्ट्र ने विश्व टेलीविजन दिवस की घोषणा की। साल 1996 में संयुक्त राष्ट्र ने टेलीविजन के प्रभाव को आम जिंदगी में बढ़ता देख 21 नवंबर, 1996 का दिन विश्व टेलीविजन दिवस (World Television Day) के रूप में मनाने की घोषणा की।

भारत में टेलीविजन

टेलीविजन को भारत आने में 32 साल लग गए। 15 सितंबर, 1959 को पहले टेलीविजन का प्रयोग राजधानी दिल्ली में दूरदर्शन केन्द्र की स्थापना के साथ किया गया था, लेकिन इसका व्यापक प्रसार 1982 में भारत में आयोजित एशियाड खेलों के आयोजन से हुआ।  टीवी के आविष्कार ने सूचना के क्षेत्र में एक क्रांति का आगाज किया था। शुरुआती दौर में जब दूरदर्शन आया तब यह अधिक प्रभावशाली था। लेकिन बाद के दिनों में मीडिया के और भी माध्यम तैयार हो जाने के कारण दूरदर्शन जैसे माध्यम कमजोर से हो गए। आज हम ऐसे दौर में जी रहे हैं जब सूचना संचार के माध्यमों ने हमें अपना गुलाम बना लिया है जिसके अभाव में हम जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.