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World Blood Donor Day: रक्तदान से आपका दिल भी रहता है स्वस्थ, जानिए इससे जुड़े फायदे

World Blood Donor Day 2019 रक्तदान जितना फायदा उस जरूरतमंद को देता है उससे कहीं ज्यादा फायदा रक्तदान करने वाले को मिलता है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 13 Jun 2019 03:03 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jun 2019 09:09 AM (IST)
World Blood Donor Day: रक्तदान से आपका दिल भी रहता है स्वस्थ, जानिए इससे जुड़े फायदे
World Blood Donor Day: रक्तदान से आपका दिल भी रहता है स्वस्थ, जानिए इससे जुड़े फायदे

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। अमूमन लोगों में यह धारणा रहती है रक्तदान करने से कमजोरी होती है। इसलिए रक्तदान करने से लोग कुछ ज्यादा ही घबराते है। लेकिन यह नहीं सोचते कि जिस तरीके बूंद बूंद कर जल को बचाया जा सकता है ठीक उसी तरह से बूंद बूंद रक्त देकर किसी दूसरे लोगों की जान भी बचाई जा सकती है। जब ब्लड बैंक में रक्त रहेगा तो जरूरत पड़ने पर लोगों की जिंदगी भी बचाई जा सकती है। रक्तदान को विशेष बनाने के लिए दुनियाभर में 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस मनाया जाता है। लोग रक्तदान दिवस पर बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है तथा उत्साह पूर्वक रक्तदान करते है।

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- आपके शरीर को ज्यादा फायदा
रक्तदान जितना फायदा उस जरूरतमंद को देता है, उससे कहीं ज्यादा फायदा रक्तदान करने वाले को मिलता है। शोध के मुताबिक लगातार रक्तदान करने से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा दूर रहता है। यही नहीं, ऐसा करने से हमारे खून में कैलोस्ट्रॉल जमा नहीं होता है और साथ ही जो वायरस हमारे शरीर में अपनी जगह बना लेते हैं, वो भी रक्तदान के दौरान शरीर से बाहर निकल जाते हैं।

- कौन-कौन कर सकता है रक्तदान?
एक स्वस्थ व्यक्ति जिसकी उम्र 18 से 65 वर्ष के बीच हो, उसका ह्यूमोग्लोबिन 12.5 प्रतिशत से ज्यादा हो और कम से कम 45 किलोग्राम उसका वजन हो तो वो व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। अगर किसी व्यक्ति की शुगर 225 तक है और वो इंसुलिन न लेता हो तो वो भी रक्तदान कर सकता है।

- आपका एक रक्तदान चार लोगों की जान बचा सकता है
जी हां, आप जब रक्तदान करते हैं तो इससे एक या दो नहीं बल्कि चार लोगों तक की जान बचाई जा सकती है। जब एक ब्लड यूनिट के चार हिस्से कर दिए जाएं, उनके रेड ब्लड सेल और वाइट ब्लड सेल अलग-अलग हो जाएंगे और प्लास्मा भी अलग हो जाएंगे तो उसके बाद वो चार लोगों के काम आ सकता है।

- रक्तदान आपकी सेहत के लिए फायदेमंद

  • मनुष्य के शरीर में रक्त बनने की प्रक्रिया हमेशा चलती रहती है, और रक्तदान से कोई भी नुकसान नहीं होता है।
  • जो व्यक्ति नियमित रक्तदान करते हैं उन्हें हृदय सम्बन्धी बीमारियां होने का खतरा बहुत कम रहता हैं। डॉक्टर्स का मानना है कि रक्‍तदान से खून पतला होता है, जो कि हृदय के लिए अच्छा होता है।
  • रक्तदान करने से आपका दिल के साथ लिवर भी स्वस्थ रहता है। शरीर में आयरन की अतिरिक्त मात्रा हो जाने से आपका दिल और लिवर अस्वस्थ हो सकते हैं। यही कारण है कि आपको सही समय पर रक्तदान करना चाहिए जिससे कि आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या ना हो।
  • अगर आपके शरीर में आयरन की अतिरिक्त मात्रा है तो यह लिवर और किडनी में जमा होता रहता है। यह दिल और पाचन ग्रंथियों में भी जाकर जमा हो जाता है। इसके फलस्वरूप आगे जाकर आपको लिवर खराब होने की समस्या से गुजरना पड़ता है।
  • एक बार आपके रक्तदान करना शुरू करने पर आपके शरीर में आयरन का स्तर नियंत्रित हो जाता है और विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त होने की आपकी सम्भावनाएं काफी कम हो जाती हैं।
  • हमारे द्वारा दिये रक्‍त की पूर्ति हमारा शरीर कुछ ही घंटों के अन्दर कर लेता है, और गुणवत्ता की पूर्ति 21 दिनों के भीतर हो जाती है।
  • हमारे रक्त की संरचना ऐसी है कि उसमें समाहित रेड ब्लड सेल तीन माह में स्वयं ही मर जाते हैं, लिहाज़ा प्रत्येक स्वस्थ्य व्यक्ति तीन माह में एक बार रक्तदान कर सकता है।
  • रक्‍तदान करने के बाद बोनमैरो नए रेड सेल्स बनाता है। इससे शरीर को नए ब्लड सेल्स मिलने के अलावा तंदुरुस्ती भी मिलती है।
  • आधा लीटर ख़ून तीन लोगों की जान बचा सकता है।
  • एक नई रिसर्च के मुताबिक नियमित रक्‍तदान करने से कैंसर व दूसरी बीमारियों के होने का खतरा भी कम हो जाता है, क्योंकि यह शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है।

- मधुमेह की बीमारी से जूझने वाले कैसे करें रक्तदान
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि अगर किसी व्यक्ति की शुगर 225 तक है और वो इंसुलिन न लेता हो तो वो रक्तदान कर सकता है। इसके अलावा अगर किसी की शुगर ज्यादा है तो उसका रक्त किसी ऐसी इंसान को ही चढ़ाया जाता है जिसको शुगर की समस्या हो। यहां आपको ये बता दें कि मधुमेह यानी शुगर की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए भी रक्तदान काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। अगर शुगर का मरीज लगातार अपना खून दान करता है तो उसका नया खून जब बनेगा तो वो शुगर रहित होगा क्योंकि हमारा शरीर शुगर वाला खून नहीं बनाता है। इसमें ये ध्यान रखने की जरूरत होती है कि एक रक्तदान व दूसरे रक्तदान के बीच समय का गैप रहे। आप अपने डॉक्टर से बातचीत करके कदम आगे बढ़ा सकते हैं।

- कुछ अन्य अहम बातें

  • रक्‍तदान करने वाले व्‍यक्‍ति की उम्र 17 साल से अधिक होनी चाहिए।
  • रक्‍तदान करने वाले व्‍यक्‍ति के हीमोग्‍लोबीन का स्‍तर 12 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए।
  • रक्‍तदान के लिए वही लोग योग्‍य होते हैं, जिनका वज़न 45 किलो से अधिक होता है।
  • महावारी के दौर से गुज़र रही महिलाएं या बच्‍चे को स्‍तनपान कराने वाली महिलाएं रक्‍तदान नहीं कर सकतीं।
  • अगर आपने रक्‍तदान के 48 घंटे पहले एल्‍कोहल का सेवन किया है तो आप रक्‍तदान नहीं कर सकते।
  • 450 मिलीलीटर खून तीन से चार जिंदगियां बचा सकता है।
  • हमारे शरीर में कुल वजन का 7 प्रतिशत हिस्सा रक्त होता है।
  • 25 फीसदी लोगों को अपने जीवन में रक्त की जरूरत पड़ती है।
  • स्वैच्छिक रक्तदान में केवल 450 मिलीलीटर रक्त निकाला जाता है।
  • देश में हर साल करीब 4 करोड़ यूनिट खून की जरूरत पड़ती है। हालांकि सिर्फ पांच लाख यूनिट ही मिल पाता है।

(किसी भी कदम से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें) 

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