मिल में काम करते हुए सपनों को दी उड़ान, चौथे प्रयास में IAS बन एम शिवगुरू प्रभाकरन ने परिवार का बढ़ाया मान
स्नातक की पढ़ाई पूरी होने के बाद एम शिवगुरू ने आगे की पढ़ाई आईआईटी से करने का मन बनाया। इसकी तैयारी करने के लिए उनको एक दोस्त ने उन्हें सेंट थॉमस स्टेशन पर गरीब बच्चों को पढ़ाने वाले एक शिक्षक के बारे में जानकारी दी।
नई दिल्ली, जेएनएन। IAS अधिकारी बनना हर युवा का सपना होता है। लाखों युवा एक प्रतिष्ठित पद पर पहुंचने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा बहुत कठिन होती है। एकाग्रता और लगन से पढ़ाई करने वाले छात्र इसके लिए पूरी तरह समर्पित रहते हैं। ऐसी ही एक कहानी है, एम शिवगुरू प्रभाकरन की जिन्होंने जीवन के तमाम संघर्षों का समाना करते हुए यूपीएससी की परीक्षा क्लियर की।
एम शिवगुरू प्रभाकरन का जीवन हर संघ लोक सेवा आयोग की तैयारी कर रहे छात्र के लिए प्रेरणादायक है, आईआईटी में पढ़ने के बाद उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी की और अपने चौथे प्रयास में वह IAS अधिकारी बन गए। आइए इस लेख के माध्यम से उनके जीवन से जुड़ी बातें आपको बताते हैं।
एम शिवगुरू के बारे में
एम शिवगुरू एक किसान परिवार से हैं। परिवार में पिता शराब के आदि थे, ऐसे में घर का खर्च चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, जिसको देखते हुए परिवार में माता और बहन दिन में खेत में काम करते थे और रात में टोकरियां बनाकर जैसे-तैसे घर का खर्च निकलते थे। एम शिवगुरू ने माता और बहन को संघर्ष करते हुए देखा, तो उन्होंने भी एक मिल में काम करना शुरू कर दिया। मिल से मिलने वाले कुछ रुपयों को वह घर में खर्च करते थे, जबकि कुछ रुपयों को बचाकर वह बचत किया करते थे।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई की
एम शिवगुरू प्रभाकरन ने बहन की शादी करने बाद खुद को समय देना शुरू किया। इसके लिए उन्होंने वेल्लोर के थंथई पेरियार गर्वनमेंट कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की। स्नातक की पढ़ाई पूरी होने के बाद एम शिवगुरू ने आगे की पढ़ाई आईआईटी से करने का मन बनाया। इसकी तैयारी करने के लिए उनको एक दोस्त ने उन्हें सेंट थॉमस स्टेशन पर गरीब बच्चों को पढ़ाने वाले एक शिक्षक के बारे में जानकारी दी।
एम शिवगुरू सेंट थॉमस जाकर पढ़ा करते थे और वही अपनी बाकि रात बिताते थे। वह सप्ताहंत पर वापस घर लौटते थे। इस दौरान वह खर्च चलाने के लिए वह पार्ट टाइम जॉब भी किया करते थे।
तीन बार परीक्षा में हुए फेल
एम शिवगुरू ने एमटेक की डिग्री हासिल करने के बाद आईएएस बनने का निर्णय लिया। उन्होंने तैयारी करना शुरू किया और अपना पहला प्रयास किया, लेकिन वह असफल रहे। यही नहीं लगातार तीन बार फेल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी।
चौथे प्रयास में बन गए आईएएस
एम शिवगुरू ने अपना चौथा प्रयास किया और इस बार उन्होंने अपने पिछली अफलताओं से सीखा। उन्होंने अपनी तैयारी को धार देते हुए चौथा प्रयास किया और इस बार वह आईएएस बनने में सफल हो गए।