Move to Jagran APP

बॉर्डर सिक्‍योरिटी फोर्स की इस 'तीसरी आंख' से बच नहीं पायेंगे पाकिस्‍तानी घुसपैठिये

बीएसएफ के अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान-बांग्लादेश की सरहदों से सटे कुल 2,000 किलोमीटर लम्बे क्षेत्र की अत्याधुनिक तकनीकों से निगहबानी की परियोजना के अगले 6 सालों में पूरे होने का अनुमान है।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 11:07 AM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 11:07 AM (IST)
बॉर्डर सिक्‍योरिटी फोर्स की इस 'तीसरी आंख' से बच नहीं पायेंगे पाकिस्‍तानी घुसपैठिये
बॉर्डर सिक्‍योरिटी फोर्स की इस 'तीसरी आंख' से बच नहीं पायेंगे पाकिस्‍तानी घुसपैठिये

इंदौर, पीटीआइ। भारत लगातार अपनी सीमाओं को अभेद्य करने में जुटा हुआ है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक आला अधिकारी ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश की सरहदों से सटे कुल 2,000 किलोमीटर लम्बे संवेदनशील क्षेत्र की अत्याधुनिक तकनीकों से निगहबानी की जारी महत्वाकांक्षी परियोजना के अगले छह-सात सालों में पूरे होने का अनुमान है।

loksabha election banner

बीएसएफ के अतिरिक्त महानिदेशक ए के शर्मा ने यहां संवाददाताओं को बताया, 'व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (सीआईबीएमएस) पर लगातार काम जारी है। इसके तहत सरहदों की निगहबानी के लिये विश्व की सबसे अच्छी तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।'

उन्होंने बताया कि सीआईबीएमएस के तहत अत्याधुनिक उपकरणों को जम्मू स्थित भारत-पाक सीमा के भाग और कुछ अन्य सरहदी क्षेत्रों में लगाने का काम पूरा हो गया है। देश के पूर्वी हिस्से में स्थित भारत-बांग्लादेश सीमा के क्षेत्रों में सीआईबीएमएस से जुड़े काम जारी हैं।

उन्‍होंने बताया कि सीआईबीएमएस से उन संवेदनशील सरहदी क्षेत्रों को प्राथमिकता के आधार पर जोड़ा गया है, जहां नदियों, पहाड़ों, गड्ढों, खाइयों जैसे अलग-अलग भू-तलों के कारण हर जगह पारंपरिक बाड़ नहीं लगायी जा सकती। उन्होंने कहा, 'सीआईबीएमएस की परियोजना पूरी होने में छह से सात साल का समय लग सकता है। इसके तहत बेहद पुख्ता तकनीकी तंत्र तैयार किया जा रहा है। जैसे ही कोई घुसपैठिया हमारे देश की सीमाओं में दाखिल होने की कोशिश करेगा, तो उसकी यह हरकत इस तंत्र की पकड़ में आ जायेगी।'

शर्मा ने बताया कि शुरुआती तौर पर पाकिस्तान और बांग्लादेश की सरहदों से सटे कुल 2,000 किलोमीटर लम्बे संवेदनशील क्षेत्र में सीआईबीएमएस की परियोजना को अमली जामा पहनाया जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.