महिला शक्ति घर से निकलकर छू रही नए आयाम, स्मार्ट डेरी चला रहीं ननद और भाभी
ननद और भाभी दोनों मिलकर सारे काम करती हैं। मोनिका अग्रवाल डेरी में तैयार होने वाले उत्पाद की गुणवत्ता को बनाए रखने के काम के साथ पशुओं की देखभाल का काम करती हैं। वहीं ननद वंदना ग्राहक तक समय पर उत्पादों की आपूर्ति और भुगतान की देखरेख करती हैं।
अतुल शुक्ला, जबलपुरः रिश्ता ननद-भाभी का है और दोनों ने इस रिश्ते की अहमियत को समझते हुए अपना और अपने परिवार का भविष्य संवारने का वो काम किया है, जो आज दूसरों के लिए मिसाल बन गया है। हम बात कर रहे हैं जबलपुर की वंदना अग्रवाल और डा. मोनिका अग्रवाल की। ये दोनों मिलकर 200 पशुओं की स्मार्ट डेरी चला रही हैं। वर्ष 2019 में स्मार्ट डेरी का विचार लेकर काम शुरू किया और आज यह विचार वास्तविकता में बदल गया है।
46 वर्ष की वंदना अग्रवाल ने पर्यावरण विज्ञान में परास्नातक है जबकि 38 वर्षीय मोनिका अग्रवाल पेशे से पशु चिकित्सक हैं। दोनों ने मिलकर जबलपुर से लगभग 15 किलोमीटर दूर उमरिया चौबे में स्मार्ट डेरी का सफल संचालन कर रही हैं। तीन वर्ष में इन्होंने लगभग 700 से ज्यादा घरों तक पहुंच बना ली है जहां डेरी से सीधे उत्पाद पहुंचाए जाते हैं। ग्राहक की जरूरत के मुताबिक डेरी में ही दूध से बने दूसरे उत्पाद जैसे पनीर, दही और खोवा की भी आपूर्ति भी की जाती है। उत्पाद तैयार करने से लेकर पहुंचाने के काम में लगभग 30 से ज्यादा कर्मचारी लगे हैं।
ऐसे काम करती है स्मार्ट डेरी
इस डेयरी से दूध लेने वाले हर ग्राहक को मिल्क स्मार्ट कार्ड दिया गया है, जिस पर क्यूआर कोड लगा है। मोबाइल से कार्ड को स्कैन करने पर ग्राहक के वालेट से पैसे कटकर डेरी के खाते में चले जाते हैं। इस स्मार्ट डेयरी में पूरा सिस्टम कैशलेश और आनलाइन है, मतलब यह कि उत्पादों की डिलीवरी से लेकर प्रक्रिया के संचालन तक। डा. मोनिका अग्रवाल बताती हैं कि डेरी में मिल्क पार्लर है, जहां पर मशीन की मदद से गाय और भैंस से दूध निकाला जाता है। फिर इसे ठंडा करने के बाद पैक कर सीधे ग्राहक के घर तक पहुंचाया जाता है। इस प्रक्रिया में कोई बिचौलिया नहीं है, जिससे दूध की गुणवत्ता और ग्राहक का विश्वास बरकरार रहता है। इस पूरी प्रक्रिया के लिए दोनों ने एक एप बनवाया है जिसे ग्राहक गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं।
बांट रखे हैं काम
ननद और भाभी दोनों मिलकर सारे काम करती हैं। मोनिका अग्रवाल डेरी में तैयार होने वाले उत्पाद की गुणवत्ता को बनाए रखने के काम के साथ पशुओं की देखभाल का काम करती हैं। वहीं ननद वंदना ग्राहक तक समय पर उत्पादों की आपूर्ति और भुगतान की देखरेख करती हैं।