Move to Jagran APP

महिला दिवस : संसद एवं विधानसभाओं में महिलाओं की संख्या बढ़ाने की महिला सांसदों ने की मांग

International Women Day संसद एवं विधानसभाओंं में महिलाओं की संख्या बढ़ाने को लेकर महिला सांसदों ने आवाज उठाई। छाया वर्मा (Chhaya Verma) प्रियंका चतुर्वेदी (Priyanka Chaturvedi) फौजिया खान (Fauzia Khan) और अन्य सांसदों ने लोकसभा व राज्य विधानसभाओं में महिला आरक्षण की मांग की।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 03:03 PM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 03:03 PM (IST)
महिला दिवस : संसद एवं विधानसभाओं में महिलाओं की संख्या बढ़ाने की महिला सांसदों ने की मांग
सदन में बढ़े महिलाओं की संख्या, महिला सांसदों ने की मांग

नई दिल्ली, आइएएनएस। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) के मौके पर राज्यसभा में महिला सांसदों को विभिन्न मुद्दों पर बोलने का मौका दिया गया। छाया वर्मा (Chhaya Verma), प्रियंका चतुर्वेदी (Priyanka Chaturvedi), फौजिया खान (Fauzia Khan) और अन्य सांसदों ने लोकसभा व राज्य विधानसभाओं में महिला आरक्षण की मांग की।  कांग्रेस सांसद छाया वर्मा ने कहा, ' संसद व राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने का समय आ गया है लेकिन सरकार बेटी पढ़ाओं की बात करती है लेकिन बेटियों की हालत ठीक नहीं है। भाजपा सांसद सरोज पांडे (Saroj Pandey) ने कहा कि सरकार महिलाओं के खिलाफ भेदभाव को दूर करने की कोशिश कर रही है।  

loksabha election banner

राज्यसभा में सोमवार को महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की मांग की गयी ताकि संसद तथा विधानसभाओं में महिला सदस्यों की संख्या बढ़ सके। इसके साथ ही सांसदों ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने पर बल दिया।  भाजपा की सरोज पांडे ने कहा कि सरकार के प्रयासों से कई स्थानों पर महिला और पुरूष के अनुपात में सुधार हुआ है। सोनल मान सिंह ने कहा कि जनसंख्या में महिलाओं की संख्या आधे से अधिक है लेकिन वे अधिकार से वंचित हैं। उन्होंने महिला दिवस की तर्ज पर अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाए जाने का भी सुझाव दिया। शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के कारण महिलाओं पर सबसे ज्यादा भार बढ़ा और उन्हें स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के साथ ही घरेलू मोर्च पर भी अधिक कार्यभार का सामना करना पड़ा। उन्होंने संसद व विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की मांग की।

राकांपा की फौजिया खान ने कहा कि महिलाएं हमेशा सेवा क्षेत्र में आगे रही हैं चाहे वह रेड क्रॉस हो या प्लेग महामारी। उन्होंने कहा कि निर्णय लेने में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाए जाने की जरूरत है। कांग्रेस की अमी याज्ञनिक ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में महिलाओं को यह जानकारी नहीं है कि महिलाओं के लिए कोई अंतरराष्ट्रीय दिवस भी मनाया जाता है। उन्होंने महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र किया और कहा कि उनके प्रयासों से पंचायतों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी। भाजपा की सीमा द्विवेदी ने कहा कि महिलाओं ने विभिन्न क्षेत्रों में देश का सम्मान बढ़ाया है। वहीं भाजपा की संपतियांं उइके ने कहा कि संसद के दोनों सदनों में महिला सांसदों की संख्या बढ़ी है।

संविधान का 108वां  संशोधन विधेयक 2008, महिला आरक्षण विधेयक संसद में लंबित है। 9 मार्च 2010 को इसे राज्यसभा ने पारित कर दिया था। इसमें भारत के संविधान को संशोधित करने का प्रस्ताव है ताकि लोकसभा में एक तिहाई सीट महिलाओं को दी जा सके। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.