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अजीबों-गरीब फरमान के बाद यहां सूर्यास्‍त से पहले नाइटी पहनने पर लगा है 'बैन'

गोदावरी जिले के टोकलापल्‍ली गांव के 9 बड़े-बुजुर्गों की एक कमेटी ने आदेश दिया है कि नाइटी केवल रात में पहनने के लिए है, इसलिए इसे दिन में न पहना जाए।

By Arti YadavEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 03:08 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 03:21 PM (IST)
अजीबों-गरीब फरमान के बाद यहां सूर्यास्‍त से पहले नाइटी पहनने पर लगा है 'बैन'
अजीबों-गरीब फरमान के बाद यहां सूर्यास्‍त से पहले नाइटी पहनने पर लगा है 'बैन'

पश्चिम गोदावरी, एएनआइ। आपने अक्सर महिलाओं के जींस पहनने या मोबाइल रखने पर प्रतिबंध के बारे में तो सुना होगा। भारत के पूर्वी राज्यों में ऐसे कई मामले सामने भी आए हैं, लेकिन क्या आपने महिलाओं के नाइटी पहनने पर जुर्माने के बारे में सुना है? आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां महिलाओं को एक अजीबों-गरीब फरमान सुनाया गया है। फरमान के अनुसार महिलाएं सूर्य अस्त से पहले नाइटी नहीं पहन सकती हैं। अगर कोई महिला सूर्य अस्त से पहले नाइटी में दिखाई देती है, तो उसे जुर्माना देना होगा।

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गोदावरी जिले के टोकलापल्‍ली गांव के 9 बुजुर्गों की एक कमेटी ने आदेश दिया है कि नाइटी केवल रात में पहनने के लिए है, इसलिए इसे दिन में न पहना जाए। बुजुर्गों की कमेटी ने इस आदेश को लागू करवाने के लिए एक खास रणनी‍ति भी बनाई है। बुजुर्गों ने नियम बनाया है कि अगर कोई महिला सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक नाइटी पहने पाई जाती है तो उस पर 2 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं अगर कोई महिला किसी महिला के दिन में नाइटी पहनने की सूचना देती है, तो उसे 1 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा। अगर नाइटी पहनी हुई महिलाएं जुर्माना देने से मना करती हैं, तो उसका सामाजिक बहिष्कार तक किया जा सकता है। इस फरमान के डर से गांव की महिलाओं ने दिन में नाइटी पहना छोड़ दिया है।

गांव में महिलाओं के नाइटी पर बैन का आदेश नौ महीने पहले जारी हुआ था, लेकिन गुरुवार को राजस्‍व अधिकारियों के गांव का दौरा करने के बाद इस मामले का खुलासा हुआ। ये अधिकारी एक जांच के सिलसिले में टोकलापल्‍ली गांव गए थे, जब गांव का दौरा किया तो कुछ ग्रामीणों ने बताया कि बुजुर्गों ने धमकी दी है कि यदि दोषी महिला ने जुर्माने का भुगतान नहीं किया तो उसका सामाजिक बहिष्‍कार किया जाएगा। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि उन्हें किसी भी सरकारी अधिकारी को यह बात न बताने की चेतावनी दी गई है।

उधर, मामले में गांव की सरपंच फंतासिया महालक्ष्‍मी ने कहा कि नाइटी पहनकर खुले में कपड़े धोना, दुकान से सामान लाना और बैठक में शामिल होना 'अच्‍छा नहीं' है। उन्‍होंने कहा कि कुछ महिलाओं ने इस पर बैन लगाने के लिए बुजुर्गों से अनुरोध किया था। उन्‍होंने इस बात से साफ इन्‍कार किया कि जुर्माना नहीं देने पर सामाजिक बहिष्‍कार की धमकी दी गई है।


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