कर्नाटक ऑनर किलिंग: सामाजिक कार्यकर्ताओं ने की स्पेशल लॉ बनाने की मांग
ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाना चाहिए जिससे कि वो इस तरह की हरकत करने से पहले सौ बार सोचें। समाज को भी एक संदेश मिले।
मुंबई, एएनआई। कर्नाटक में एक गर्भवती महिला को उसके परिवारवालों ने सिर्फ इसलिए जिंदा जला दिया गया क्योंकि उसने एक दलित लड़के से शादी कर ली थी। इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विशेष धारा के तहत तत्काल कानून की मांग की है।
मशहूर वकील और सामाजिक कार्यकर्ता आभा सिंह ने कहा कि कर्नाटक की घटना दर्शाती है कि भारतीय समाज अभी भी नहीं बदला है। वही दबी कुचली प्रथाओं में जीते आ रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले दिन ब दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। ऑनर किलिंग के मामले बढ़ रहे हैं फिर वो दक्षिण भारत हो या उत्तर भारत। ऐसे मामलों से निपटने के लिए विशेष तरह के कानून की आवश्यकता है।
एक और सामाजिक कार्यकर्ता निर्मला सामंत ने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाना चाहिए जिससे कि वो इस तरह की हरकत करने से पहले सौ बार सोचें। समाज को भी एक संदेश मिले।
बता दें कि 21 साल की बानू बेगम को अपने ही गांव के 24 साल के सायाबन्ना शरनप्पा कोन्नूर से प्यार हो गया। लड़की के परिवारवालों ने इस रिश्ते का विरोध किया तो इस जोड़े ने भागकर गोवा में शादी करने का फैसला लिया।
बानू के परिवारवाले इस रिश्ते के इतने खिलाफ थे कि वे बानू को खींचकर स्थानीय पुलिस स्टेशन ले गए और सायाबन्ना के खिलाफ POCSO ऐक्ट के तहत केस दर्ज कराना चाहा। घर से भागने के बाद 3 जून को दोनों तब वापस लौटे जब बानू गर्भवती थी।
दोनों को उम्मीद थी की बच्चे की खबर सुनते ही उन्हें घरवाले अपना लेंगे। लेकिन ऐसा न हुआ और दोनों ही परिवार अपने फैसले पर अडिग रहे। कुछ समय बाद दोनों परिवारों में झगड़ा हो गया।
बानू के परिवारवालों ने सायाबन्ना को बुरी तरीके से पीटा लेकिन वह किसी भी तरह बचकर भाग निकलने में कामयाब रहा पर बानू भाग नहीं पाई। जब सायाबन्ना पुलिस के साथ वापस लौटा तो घरवालों ने बानू को आग के हवाले कर दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक मामले में बानू की मां, बहन, भाई, जीजा को गिरफ्तार किया गया है।
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