छह महीने में दूर होगी स्पेक्ट्रम की दिक्कत
काल ड्रॉप की समस्या से परेशान मोबाइल फोन ग्राहकों को यह जानकर अच्छा लगेगा कि इस समस्या से उन्हें हमेशा के लिए निजात मिल सकती है।
नई दिल्ली,जागरण ब्यूरो । काल ड्रॉप की समस्या से परेशान मोबाइल फोन ग्राहकों को यह जानकर अच्छा लगेगा कि इस समस्या से उन्हें हमेशा के लिए निजात मिल सकती है। वैसे तो काल ड्रॉप की समस्या में काफी सुधार हुआ है लेकिन सरकार अगले छह महीने के भीतर सभी मोबाइल कंपनियों को भरपूर मात्रा में स्पेक्ट्रम देने की योजना बना रही है। इसके लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून, 2016) में की जाएगी। सरकार इस बार हर तरह की स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगी। इसके बाद स्पेक्ट्रम की कमी की वजह से काल ड्रॉप का रोना रोने वाली कंपनियों की एक नहीं सुनी जाएगी।
दूरसंचार विभाग के सचिव राकेश गर्ग ने यहां फिक्की व डब्लूबीए विजन की तरफ से संयुक्त तौर पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उद्योग जगत की तरफ से लगातार अतिरिक्त स्पेक्ट्रम की मांग हो रही है। सरकार ने इस मांग के मद्देनजर यह फैसला किया है कि उसके पास जितने भी उपलब्ध स्पेक्ट्रम होंगे, उनकी नीलामी मई-जून तक कर दी जाएगी। सरकार के इस फैसले के पीछे डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को भी माना जा रहा है। इस कार्यक्रम को पूरी तरह से सफल बनाने और इसे देश के कोने कोने में पहुंचाने के लिए मोबाइल कंपनियों की तरफ से लगातार ज्यादा स्पेक्ट्रम की मांग हो रही है। ज्यादा स्पेक्ट्रम पर ही वे मोबाइल पर इंटरनेट सेवाओं का विस्तार कर सकेंगी। अतिरिक्त स्पेक्ट्रम दिए बगैर मोबाइल कंपनियां 2.5 लाख गांवों को हाई स्पीड इंटरनेट से नहीं जोड़ सकेंगी।
माना जा रहा है इस बार नीलामी से सरकार को एक लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा का राजस्व हासिल होने की उम्मीद है। वैसे चालू वित्त वर्ष के दौरान जो नीलामी की गई है, उससे सरकार को इस वित्त वर्ष के दौरान 42,865 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ है। स्पेक्ट्रम नीलामी से प्राप्त राजस्व सरकार के राजकोषीय संतुलन बनाने में काफी मददगार साबित होती रहा है। डॉट सचिव ने बताया कि गांवों तक इंटरनेट पहुंचाने के लिए शुरू की गई योजना भारतनेट को और मजबूती देने के लिए एक प्रस्ताव कैबिनेट को भेजा गया है। अभी तक 45000 ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ा जा चुका है, जिसके जरिये इन गांवों को कई तरह की सामाजिक व स्वास्थ्य सेवाएं इंटरनेट के जरिये देने का रास्ता साफ हो जाएगा।
डॉट के सूत्रों के मुताबिक सरकार इस बार 600 मेगाहर्ट्ज (एमएच), 700 एमएच, 900, 1800, 2100, 2300 और 2500 एमएच के स्पेक्ट्रम की एकमुश्त नीलामी करेगी। रक्षा मंत्रालय से अतिरिक्त स्पेक्ट्रम हासिल होने के भी आसार हैं, जिसे नीलामी में शामिल किया जाएगा। इसमें हर तरह के स्पेक्ट्रम शामिल है जो बातचीत सेवा से लेकर डाटा सर्विस और अन्य मोबाइल सेवा देने के लिए काम आएंगे।