lockdown: श्रीलंका से आए शरणार्थियों को करना पड़ा रहा दिक्कतों का सामना, नहीं रहा कमाई का साधन
चेन्नई में रहने वाले कुछ श्रीलंकाई शरणार्थियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। लॉकडाउन की घोषणा के बाद से कई राज्यों में लोग फंसे हुए हैं।
चेन्नई, एएनआइ। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश में लागू किए गए लॉकडाउन के साथ, चेन्नई में रहने वाले कुछ श्रीलंकाई शरणार्थियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उनके पास आय का कोई स्रोत नहीं है। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन 25 मार्च को लागू की गई थी।
इसे बढ़ा दिया गया है और अब 3 मई को समाप्त हो रहा है। मोहन, एक शरणार्थी ने कहा कि पुलिस ने हमें शरणार्थी शिविरों के बाहर रहने की अनुमति दी थी। गाइड के रूप में काम करते हैं, लेकिन अब हमारे पास आय का एक स्रोत नहीं है। " श्रीलंकाई शरणार्थी अब संकट से निपटने के लिए विभिन्न तरीके ढूंढ रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय पर दी गई जानकारी के अनुसार फिलहाल, देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 35 हजार के पार है। देश में इस वक्त 25148 एक्टिव केस मौजूद हैं। जिनमें से 9064 लोग वायरस से ठीक हो गए हैं और 1152 लोगों की देश में मौत हो गई है। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के बाद से मजदूरों ने पलायन करना शुरु कर दिया था। कई राज्यों में मजदूर पैदल चलकर अपने गृह राज्य पहुंच रहे हैं। हालांकि, केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से कहा था कि वह इन मजदूरों के लिए अपने राज्य में उचित इंतजाम करने के लिए कहा था। राज्य सरकारों ने ऐसा किया भी लेकिन, इसके बावजूद मजदूरों ने पलायन करना जारी रखा।
कोरोना वायरस को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि कोरोना वायरस लंबे समय तक रहने वाला है। संगठन ने कहा है कि फिलहाल, इस वायरस से बचने का एक ही उपाय है कि लोग सतर्क रहें और शारारिक दूरी बनाए रखें। फिलहाल, सभी देश कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में लगें है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस का पहला मामला चीन के वुहान शहर में सामने आया था।