शीतकालीन सत्र 2021: राज्यसभा में सामान्य कामकाज लौटने के संकेत, अंतिम दो दिनों में 95 फीसद उत्पादकता
सांसदों के निलंबन पर सभापति वेंकैया नायडू ने विपक्षी दलों से कहा कि यह फैसला सदन का है लिहाजा वे सरकार से बात करें और आचरण मर्यादित रखें। दोनों पक्षों की सहमति हो तो वह विचार कर सकते हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। विपक्ष के हंगामे के बीच संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र के कई दिनों तक व्यवधानों और जबरन स्थगन के कामकाज में वापसी के संकेत दिखाए दिए हैं। शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के अंतिम दो दिनों में उत्पादकता 95 प्रतिशत से ऊपर रही है। पिछले सप्ताह गुरुवार को संसद में 95 प्रतिशत और शुक्रवार को 100 प्रतिशत की सर्वोत्तम उत्पादकता दर्ज की गई थी, जो सदन के सामान्य कामकाज की वापसी के संकेत हैं।
राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कुछ विपक्षी नेताओं और मंत्रियों से मुलाकात की और दोनों पक्षों से सदन के 12 सदस्यों के निलंबन पर अपने विचारों पर चर्चा करने का आग्रह किया। वर्तमान मानसून सत्र के पहले सप्ताह के दौरान दो विधेयक - कृषि कानून निरसन विधेयक और बांध सुरक्षा विधेयक सदन द्वारा पारित किया गया। सूचीबद्ध 67 तारांकित प्रश्नों में से 23 का मौखिक उत्तर दिया गया।
शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के दौरान ऊपरी सदन में व्यवधानों और जबरन स्थगन के कारण 52.30 प्रतिशत समय बर्बाद हो गया। पिछले सप्ताह के दौरान सदन की उत्पादकता निर्धारित समय के 47.70 प्रतिशत रही है। पिछले हफ्ते शुक्रवार को राज्यसभा में 22 गैर-सरकारी सदस्यों के विधेयक पेश किए गए और एक पर चर्चा हुई। संविधान की प्रस्तावना में संशोधन करने वाले ऐसे ही एक विधेयक को पेश करने पर रोक लगा दी गई थी।
सांसदों के निलंबन पर सभापति वेंकैया नायडू ने विपक्षी दलों से कहा कि यह फैसला सदन का है, लिहाजा वे सरकार से बात करें और आचरण मर्यादित रखें। दोनों पक्षों की सहमति हो तो वह विचार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सदन में अलोकतांत्रिक आचरण को खारिज करने को अलोकतांत्रिक नहीं कहा जा सकता। सभापति ने इस बात खेद जताया कि सदन में तीन दिनों तक कोई कामकाज नहीं हो सका। साथ ही कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है कि इस तरह सदस्यों को निलंबित किया गया है।