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हवा ने बदला टिड्डी दल का रास्ता, बढ़ेगा पाक की ओर, दतिया-टीकमगढ़ पहुंचा, पन्ना-कटनी में अलर्ट

टिड्डियों का दल मध्य प्रदेश के दतिया निवाड़ी और टीकमगढ़ में आ गया है जिसे देखते हुए पन्ना और कटनी को अलर्ट जारी किया है। बताया जाता है कि यह वापस पाकिस्‍तान की ओर बढ़ेगा...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 10:28 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 10:37 PM (IST)
हवा ने बदला टिड्डी दल का रास्ता, बढ़ेगा पाक की ओर, दतिया-टीकमगढ़ पहुंचा, पन्ना-कटनी में अलर्ट
हवा ने बदला टिड्डी दल का रास्ता, बढ़ेगा पाक की ओर, दतिया-टीकमगढ़ पहुंचा, पन्ना-कटनी में अलर्ट

नई दिल्ली, जेएनएन। टिड्डियों का जो दल उत्तर प्रदेश के झांसी में गुरुवार रात को रुका था, वह शुक्रवार को मध्य प्रदेश के दतिया, निवाड़ी और टीकमगढ़ में आ गया है। ऐसे में पन्ना और कटनी को अलर्ट जारी किया है। उधर, पंजाब में तेज हवाओं ने टिड्डी दल की राह रोक दी है, जबकि दिल्ली में इनके हमले की आशंका खत्म हो लई है। अलबत्ता, प्रशासन फिर भी अलर्ट है। दरअसल, विशेषज्ञों का कहना है कि पहले हवा की दिशा उत्तरी-पश्चिमी थी, जो अब पूर्वी हो गई है। इसीलिए टिड्डियों का दल अब राजस्थान के साथ-साथ मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों से होते हुए पाकिस्तान की ओर ही बढ़ेगा।

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सतना की ओर कूच

मध्‍य प्रदेश के कृषि संचालक संजीव सिंह ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार की टीमें टिड्डी दलों के नियत्रंण के लिए लगातार काम कर रही हैं। बैतूल के प्रभातपट्नम में टिड्डी दल पर कीटनाशक छिड़का गया, जिससे 40 प्रतिशत दल नष्ट हो गया। गुरुवार को एक टिड्डी दल बालाघाट में सक्रिय था। रीवा में पांच-छह किलोमीटर लंबा टिड्डी दल परेशान कर रहा है। हरदा और पंडोखर गांव में फायर ब्रिगेड के माध्यम से सौ लीटर कीटनाशक का छिड़काव किया। इससे दल सतना की ओर चला गया।

बालाघाट में डेरा डाला

मुरैना के कैलारस में टिड्डी दल का ठहराव हुआ था और वहां पांच ट्रैक्टर चलित स्प्रे पंप और फायर ब्रिगेड की दो गाडि़यों से कीटनाशक का छिड़काव किया गया। गुरुवार को महाराष्ट्र के रास्ते से बड़ी संख्या में टिड्डी दल ने मध्य प्रदेश के बालाघाट की सीमा में प्रवेश किया और कई गांवों में नुकसान पहुंचाया। टिड्डी दल बालाघाट में डेरा डाले हुए है और नुकसान पहुंचा रहा है। करीब दो दिन पहले सिंगरौली गया टिड्डी दल फिर सीधी जिले में आ गया है।

पंजाब में खतरा टल गया

पंजाब में गुरुवार देर शाम चली तेज हवाओं ने राजस्थान के संगरिया के पास से आ रहे टिड्डी दल का रुख मोड़ दिया है। इससे यहां टिड्डी दल के हमले का खतरा टल गया है, लेकिन पंजाब-हरियाणा सीमा पर गांव डूमवाली के बैरियर पर कृषि विभाग की टीमें पहले की तरह ही चौकस हैं। सीमावर्ती गांवों के किसानों को भी पूरी तरह अलर्ट रहने को कहा गया है। गौरतलब है कि राजस्थान के संगरिया मंडी से पंजाब की दूरी सिर्फ 20 किलोमीटर है।

दिल्ली में हमले की आशंका खत्म

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी टिड्डी दल के हमले की आशंका लगभग खत्म हो गई है। हालांकि, एहतियात के तौर पर कृषि व वन विभाग अपनी तैयारी कर रहा है। टिड्डी चेतावनी दल के उप निदेशक डॉ. केएल गुर्जर ने बताया कि टिड्डियों के रास्ते में दिल्ली पहले भी नहीं थी। इनके रास्ते में देश के दक्षिणी-पूर्वी क्षेत्र का ही कुछ हिस्सा था। चूंकि दिल्ली से इनका रूट डायवर्ट हो रहा था तो थोड़ी बहुत आशंका जताई जा रही थी, लेकिन दो दिन से मौसम में आए बदलाव के कारण अब वह आशंका भी खत्म हो गई है।

50 फीसद टिड्डियों को मार डाला

महाराष्ट्र के कृषि मंत्री दादा भुसे ने कहा है 50 फीसद टिड्डियों को कृषि विभाग ने मार डाला है। उन्होंने कहा कि कीटनाशकों के छिड़काव के लिए फायर ब्रिगेड के वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा प्रभावित इलाके के किसानों को मुफ्त में कीटनाशक दिए जा रहे हैं। इस बीच, भंडारा जिले में स्थानीय प्रशासन ने कीटनाशकों का छिड़काव किया और स्थानीय लोगों ने टिड्डियों को भगाने के लिए ढोल बजाया। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने गुरुवार को कहा था कि ब्रिटेन से 15 स्प्रेयर मशीनें 15 दिनों में आ जाएंगी।

टिड्डियों को नष्ट करने का तरीका बताया

महाराष्ट्र के परभणी स्थित वसंतराव नाइक कृषि विश्वविद्यालय ने कहा है कि टिड्डियों को कुछ तरीके अपनाकर नष्ट किया जा सकता है। विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा है कि उनके अंडों को नष्ट करना, एक विशिष्ट आकार के गढ्डे खोदना और खड़ी फसलों पर नीम के तेल का छिड़काव करना टिड्डियों के खतरे से निपटने के कुछ प्रभावी तरीके हैं। विश्वविद्यालय के कृषि कीटविज्ञान विभाग ने इस संबंध में किसानों के लिए गुरुवार को दिशा-निर्देशों का एक सेट प्रकाशित किया। इसने कहा, रेतीली भूमि में मादा टिड्डी 50 से 100 अंडे देती है। इन अंडों के सेने की अवधि पर्यावरण पर निर्भर करती है। लार्वा जब बाहर निकलते हैं तो वे तुरंत नहीं उड़ सकते हैं। विश्वविद्यालय ने उन अंडों को समूहों में नष्ट करने का सुझाव दिया है।


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