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अयोग्‍य राष्‍ट्रपति को हटाने में कारगर अमेरिकी संविधान का 25वां संशोधन, जानें- इसके बारे में

अमेरिकी संविधान के 25वें संशोधन के तहत कैबिनेट और उपराष्‍ट्रपति यदि चाहें तो अयोग्‍य राष्‍ट्रपति को पद से हटा सकते हैं। अब तक इसका इस्‍तेमाल नहीं किया गया है। इसमें कई ऐसे प्रावधान हैं जिनके तहत उपराष्‍ट्रपति सत्‍ता अपने हाथों में ले सकते हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 02:34 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 08:03 AM (IST)
अयोग्‍य राष्‍ट्रपति को हटाने में कारगर अमेरिकी संविधान का 25वां संशोधन, जानें- इसके बारे में
ट्रंप को हटा सकते हैं उपराष्‍ट्रपति माइक पेंस

नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। अमेरिका में ट्रंप समर्थकों कैपिटल बिल्डिंग में हिंसक घटना को अंजाम देने के बाद एक सवाल बार-बार उठ रहा है कि क्‍या राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप को पद से हटाया जा सकता है। इस बारे में जवाहरलाल नेहरू के प्रोफेसर बीआर दीपक का मानना है कि यदि कोई राष्‍ट्रपति अपने उत्‍तरदायित्‍व को निभाने और देश के संविधान की रक्षा करने में असमर्थ होता है तो अमेरिकी कानून के मुताबिक उसको हटाया जा सकता है। उनका ये भी कहना है कि मौजूदा घटनाक्रम के तहत जो हिंसा हुई उसमें ट्रंप अपने समर्थकों को उकसाते हुए दिखाई दिए। इसका सीधा अर्थ ये भी है कि जो कुछ वहां पर हुआ उसमें उनका पूरा हाथ था। प्रोफेसर दीपक के मुताबिक ऐसी सूरत में उपराष्‍ट्रपति सत्‍ता को अपने हाथों में ले सकते हैं। हालांकि उनका ये भी कहना है कि मौजूदा समय में उपराष्‍ट्रपति माइक पेंस इस विकल्‍प का इस्‍तेमाल करेंगे या नहीं कहना मुश्किल है।

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20 जनवरी को शपथ लेंगे बाइडन

आपको बता दें कि राष्‍ट्रपति ट्रंप चुनाव परिणामों के बाद से ही उन्‍हें नकारते रहे हैं और उनमें धांधली का आरोप लगाते रहे हैं। उनका यहां तक कहना है कि वो हार मानकर चुप नहीं बैठेंगे। कैपिटल बिल्डिंग में जो कुछ हुआ उसके बाद उनके रुख की निंदा हर तरफ हो रही है। ये सब कुछ ऐसे समय में हुआ है जब आगामी 20 जनवरी को जो बाइडन को राष्‍ट्रपति पद की शपथ लेनी है। ताजा घटनाक्रम के बाद बार-बार अमेरिकी संविधान के 25वें संशोधन की बात भी सामने आ रही है। इसलिए इस संशोधन के बारे में जानना भी बेहद जरूरी हो जाता है।

महाभियोग भी है विकल्‍प

आपको बता दें कि राष्‍ट्रपति को अमेरिकी संसद महाभियोग चलाकर पद से हटा सकती है। वहीं दूसरी तरफ संविधान में हुआ 25वां संशोधन अमेरिकी राष्‍ट्रपति की कैबिनेट को ये अधिकार भी देता है कि वो विपरीत परिस्थितियों में राष्‍ट्रपति को उनके पद से हटा सकें। संविधान में इस तरह के संशोधन की जरूरत सबसे पहले 1963 में राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी की हत्‍या के बाद महसूस की गई थी। उनकी हत्‍या के बाद उपराष्‍ट्रपति लिंडन जॉनसन ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इसी के साथ अमेरिकी संविधान में 25वें संशोधन की शुरुआत भी हुई थी। 1967 में इस संशोधन को मंजूरी दी गई।

संविधान का 25वां संशोधन देता है ये अधिकार 

दरअसल, संविधान में हुआ 25वां संशोधन कैबिनेट और उपराष्‍ट्रपति को ये अधिकार देता है कि वो उस वक्‍त जब राष्‍ट्रपति अपने कर्तव्‍यों का निर्वाहन ठीक से न कर पा रहे हों तो उन्‍हें पद से हटा दे। ऐसे में उपराष्‍ट्रपति को इसकी घोषणा करनी होती है। ये संशोधन ऐसे समय के लिए भी है जब अस‍मर्थ राष्‍ट्रपति पद छोड़ने में भी आनाकानी दिखाए या ऐसा करने से मना कर दे। ऐसे में संशोधन का अनुच्‍छेद-4 कैबिनेट की मदद करता है।

उपराष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी

संविधान के तहत राष्‍ट्रपति को हटाने के लिए कैबिनेट का बहुमत और इसके लिए उपराष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी होती है। ऐसे में सत्‍ता उपराष्‍ट्रपति के हाथों में आ जाती है और वही कार्यकारी राष्‍ट्रपति बन जाते हैं। हालांकि इस दौरान राष्‍ट्रपति को भी उनके बचाव का मौका दिया जाता है। लेकिन इस पर अंतिम फैसला कैबिनेट ही करती है। सत्ता हस्तांतरण के लिए से पहले सीनेट और प्रतिनिधि सभा में दो-तिहाई बहुमत की वोटिंग की जरूरत होती है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि यदि कैबिनेट या उपराष्‍ट्रपति इस विकल्‍प का सहारा लेकर राष्‍ट्रपति को हटाते हैं तो ये अमेरिकी इतिहास में पहली बार होगा।


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