भारत-पाक के नए सेनाध्यक्ष आपसी रिश्तों को सुलझाएंगे या उलझाएंगे
भारत और पाकिस्तान के नए सेनाध्यक्ष के आने के बाद दोनों ही देशों में कयासों का दौर है कि आखिर आनेवाले दिनों में कैसा रिश्ता रहनेवाला है।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारत-पाकिस्तान के बीच चल रही तनातनी के बीद दोनों देशों में नए सेना प्रमुख की तैनाती हो गई है। अपने-अपने सेना प्रमुखों पर जहां दोनों देशों को गर्व है, वहीं अाम जनता इसे नए नजरिए से देख रही है। नए सेना प्रमुखों के कंधे पर देश की सुरक्षा के साथ-साथ अमन चैन की भी जिम्मेदारी होती है। अब देखना है कि दोनों नए सेनाध्यक्ष दोनों देशों के बीच समस्याअों को सुलझाते हैं कि उलझाए रखते हैं।
क्यों भारत के आर्मी चीफ बने बिपिन रावत ?
आंतकियों की तरफ से लगातार भारतीय सेना निशाना बनाने, कश्मीर में रह-रहकर सुलगती आग और नक्सलवाद से जूझते रहने के बीच लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को भारत का नया सेनाध्यक्ष नियुक्त किया गया। लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग की जगह पर आए नए सेनाध्यक्ष की नियुक्त वरीयता को नजरअंदाज करते हुए और प्रवीण बख्शी को दरकिनार करते हुए इसलिए की गई क्योंकि उन्हें सीमापार से जारी आतंकवाद, पश्चिम से जारी छद्म युद्ध और पूर्वोत्तर की स्थिति को देखते हुए सबसे उपयुक्त माना गया। उन्होंने पाकिस्तान के साथ लगती नियंत्रण रेखा, चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा एवं पूर्वोत्तर समेत कई इलाकों में परिचालन संबंधी विभिन्न जिम्मेदारियां संभाली हैं।
ले. जनरल रावत तो एक सैनिक के तौर पर सेवाएं देने, नागरिक समाज के साथ जुड़ने एवं करुणा के प्रति संतुलित दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, रावत की इस तरह वरीयत को नजरअंदाज कर हुई नियुक्ति के बाद विपक्षी दलों ने काफी हंगामा किया और सरकार से इस बात को लेकर सवाल पूछे। लेकिन, जब देश के सामने ऐसी स्थिति हो तो कभी-कभी ऐसे कड़े फैसले करने पड़ते हैं।
इसलिए कमर बाजवा को बनाया गया सेनाध्यक्ष
जबकि, सैनिकों की संख्या के लिहाज से दुनिया की छठी सबसे बड़ी पाकिस्तान की सेना की कमान अपने हाथ में लेनेवाले लेफ्टिनेंट जनरल कमर बाजवा को भी वहां पर वरीयता को नजरअंदाज कर सेनाध्यक्ष बनाया गया। कमर बाजवा साल 2014 में जहां धरने के दौरान रावलपिंडी के कोर कमांडर रह चुके हैं तो वहीं दूसरी तरफ उन्होंने हाल में उस प्रशिक्षण की खुद निगरानी की जो नियंत्रण रेखा पर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव की वजह से बना था।
भारत-पाक के बीच अब कैसे होंगे रिश्ते?
भारत और पाकिस्तान के नए सेनाध्यक्ष के आने के बाद दोनों ही देशों में कयासों का दौर है कि आखिर आनेवाले दिनों में कैसा रिश्ता रहनेवाला है। हालांकि, कमर जावेद बाजवा के हाल में कश्मीर को लेकर दिए बयान को देखने के बाद ऐसा लगता नहीं है कि दोनों देशों के रिश्तों में किसी तरह की कोई मिठास के आसार है।
बाजवा ने छेड़ा कश्मीर राग
लेफ्टिनेंट जनरल बाजवा ने हाल में कहा कि भारत के किसी भी आक्रमण का जवाब देने के लिए उसकी सेनाएं पूरी तरह से तैयार हैं। साथ ही, बाजवा ने उन दावों को खारिज कर दिया कि भारत ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक किया था। सैनिकों को संबोधित करते हुए बाजवा ने पहली बार कश्मीर राग छेड़ा। उन्होंने कहा कि भारत की ओर से प्रत्येक संघर्षविराम उल्लंघन का पूरी ताकत से जवाब दिया जाएगा।
भारत ने नए आर्मी चीफ ने दी कड़ी चेतावनी
जबकि, दूसरी ओर भारत के नए सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सेना की कमान संभालते हुए पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। रावत ने कहा कि भारत और इसकी सेना अमन और शांति चाहती है लेकिन अगर उकसाया गया तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
बहरहाल, जिस तरह से नए सेनाध्यक्ष एक दूसरे के खिलाफ आते ही सख्त तेवर अपनाए हुए हैं और जो तनावपूर्ण स्थिति सीमा पर बनी है ऐसे में उम्मीद कम है कि फिलहाल दोनों देशों के रिश्तों में घुला जहर कम होगा। हालांकि, आनेवाले दिनों में दोनों देशों के रिश्ते इस बात पर भी निर्भर करेंगे कि अंतर्राष्ट्रीय दबाव किस तरह का रहता है।