सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा, एक साल में सभी लोगों को वैक्सीन देने के लिए 80 हजार करोड़ की होगी जरूरत
कोरोना से निजात दिलाने के लिए दुनियाभर में वैक्सीन विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। भारत में वैक्सीन बनाने में जुटी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने सरकार से पूछा है कि क्या उसके पास लोगों के लिए वैक्सीन खरीदने के लिए 80 हजार करोड़ रुपये होंगे।
पुणे, एजेंसियां। कोरोना महामारी से निपटने के लिए दुनियाभर में वैक्सीन विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। भारत में वैक्सीन बनाने में जुटी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआइआइ) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने शनिवार को सरकार से पूछा है कि क्या उसके पास लोगों के लिए वैक्सीन खरीदने और वितरित करने के लिए 80 हजार करोड़ रुपये होंगे।
पूनावाला ने ट्वीट किया, 'क्या भारत सरकार के पास अगले एक साल में 80,000 करोड़ रुपये होंगे? क्योंकि भारत में हर किसी के लिए वैक्सीन खरीदने और वितरित करने के लिए स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय को इतनी रकम की जरूरत होगी। यह अगली चुनौती है, जिससे हमें निपटना होगा।' इस ट्वीट के साथ पूनावाला ने प्रधानमंत्री कार्यालय को भी टैग किया।
पूनावाला ने एक और ट्वीट कर कहा, 'मैंने यह सवाल इसलिए पूछा क्योंकि, हमें खरीद और वितरण के संदर्भ में अपने देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत और विदेश दोनों में वैक्सीन निर्माताओं की योजना और मार्गदर्शन करने की आवश्यकता है।'
एसआइआइ ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के जेनेर इंस्टीट्यूट और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन के उत्पादन के लिए करार किया है। एसआइआइ कोविशील्ड के नाम से वैक्सीन तैयार कर रही है। एसआइआइ ने भारत समेत गरीब और कम आय वाले देशों को यह वैक्सीन मात्र तीन डॉलर (लगभग 225 रुपये) में देने की घोषणा भी की है। इसके लिए कंपनी एक साल में कोविशील्ड की एक अरब खुराक तैयार करेगी।