वरवर राव की जमानत के लिए पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
वरवर राव की पत्नी पेंद्याला हेमलता ने अपनी याचिका में कोर्ट से आग्रह किया है कि याचिका लंबित रहने के दौरान 81 वर्षीय आरोपित को अस्थायी चिकित्सा जमानत पर रिहा किया जाए और उन्हें परिवार के साथ हैदराबाद की यात्रा करने की अनुमति दी जाए।
नई दिल्ली, प्रेट्र। तेलुगु कवि और लेखक वरवर राव की जमानत के लिए उनकी पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। उन्होंने दावा किया है कि उनके पति को लगातार हिरासत में रखना क्रूर और अमानवीय व्यवहार है।
लगातार हिरासत में रखना क्रूर और अमानवीय व्यवहार
पेंद्याला हेमलता ने अपनी याचिका में कोर्ट से आग्रह किया है कि याचिका लंबित रहने के दौरान 81 वर्षीय आरोपित को अस्थायी चिकित्सा जमानत पर रिहा किया जाए और उन्हें परिवार के साथ हैदराबाद की यात्रा करने की अनुमति दी जाए। इसमें कहा गया है कि राव को लगातार हिरासत में रखना क्रूर और अमानवीय व्यवहार, संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन या निजी स्वतंत्रता) का और हिरासत में उनके सम्मान का उल्लंघन है।
करीब 18 किलो वजन हो गया है कम
याचिका में कहा गया है कि राव का वजन करीब 18 किलो कम हो गया है और वास्तव में वह बिस्तर पर हैं। यह सर्वविदित है कि कोविड-19 रोगियों को वैसे ही लक्षण नहीं होते हैं। यह भी ज्ञात है कि कोविड-19 न्यूरोलॉजिकल समेत कई अंगों को भी प्रभावित करता है।
देशभर के विभिन्न स्थानों में की गई थी छापेमारी
गौरतलब है कि महाराष्ट्र पुलिस ने 2018 में भीमा कोरेगाव में हुई हिंसा में शामिल माओवादियों से संबंधों को लेकर वरवर राव को गिरफ्तार कर पुणे जेल में रखा था। इस दौरान माओवादियों से संबंध रखने वाले लोगों की गिरफ्तारी के लिए देशभर के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी भी की गई थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राव को हैदराबाद लाकर घर में ही नजरबंद कर दिया गया था। इसी साल 17 नवंबर को उन्हें फिर से गिरफ्तार कर पुणे में रखा गया। उन पर अन्य लोगों के साथ कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा। तब से वह नवी मुंबई के तलोजा जेल में बंद हैं।