जानिए, आपके बेबी के लिए क्यों खतरनाक है जॉनसन एंड जॉनसन
क्या सच में इसके उत्पाद खतरनाक हैं। आइए जानते हैं इनके उत्पाद में मिलावाट केमिकल से क्या-क्या खतरे हो सकते हैं।
नई दिल्ली [ जेएनएन ]। भारत में अपने बेबी के लिए जॉनसन एंड जॉनसन के उत्पाद पर अपार श्रद्धा रखने वालों के लिए यह खबर बेचैन कर सकती है। अमेरिकी अदालत ने पीड़ित 22 महिलाओं को इस कंपनी से 470 करोड़ डॉलर (लगभग 32,000 करोड़ रुपये) हर्जाना देने को कहा है। ऐसे में यह सवाल उठाना लाजमी है कि क्या सच में इसके उत्पाद खतरनाक हैं। आइए जानते हैं इनके उत्पाद में मिलावाट केमिकल से क्या-क्या खतरे हो सकते हैं।
सौंदर्य प्रसाधन का प्रमुख हिस्सा
दरअसल, मुलायम, सफ़ेद और सुगन्धित टेलकम पाउडर बहुत सी भारतीय महिलाओं का भी सौंदर्य प्रसाधन का प्रमुख हिस्सा है| टेलकम पाउडर पसीने और नमी को शरीर से बाहर निकालने और डिओड्रेंट की भांति काम करता है। यह बेबी के डायपर से हुए निशानों और रगड़ को कम करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (2010) ने इसे सुरक्षित कॉस्मेटिक प्रोडक्ट घोषित किया है। लेकिन फिर भी कुछ ऐसी चीजें हैं जो इसे नुकसानकारी बनाती हैं।
टैल नामक जहरीला मिनरल से युक्त पाउडर
दरअसल, टेलकम पाउडर में एक टैल नामक मिनरल होता है। यह एन्टीसेप्टिक्स, बेबी पाउडर और टेलकम पाउडर में इस्तेमाल होने वाला मुख्य मिनरल है। यह एक सड़कछाप हेरोईन है। यह हानिप्रद है। सांस के जरिए जब हमारे शरीर में इसकी मात्रा ज्यादा चली जाती है तब यह हमारे लिए खतरनाक हो जाती है।
शिशुओं में सांस संबंधी बीमारी का कारक
टेलकम पाउडर से शिशुओं में खासतौर पर सांस संबंधी बीमारी होती है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ़ पीडियाट्रिक्स द्वारा कई बार इसके उपयोग नहीं करने या कम करने की सलाह दी जा रही है। एकेडमी का दावा है कि सांसों के साथ जाने पर यह बच्चों में निमोनिया पैदा कर सकता है। इसलिए महिलाओं को सलाह दी जाती है कि बच्चों के लगाने से पहले वे उनके हाथ पर लगाकर देखें। इसे बच्चे के सिर से भी दूर रखना चाहिए।
दरअसल, पाउडर को इस्तेमाल करने से इसके कुछ कण हवा में फ़ैल जाते हैं जो कि सांस के साथ अंदर चलते जाते हैं और जिससे छींक आना, घबराहट होना, सांस उठना जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। वे सांस के द्वारा इसके कणों को अंदर ले जाते हैं जिससे फेफड़ों से सम्बंधित समस्याएं होती है और आगे चलकर यह फेफड़ों के कैंसर में भी बदल सकती हैं।
गर्भाशय कैंसर का कारक है ये
सौंदर्य प्रसाधनों के इस्तेमाल से गर्भाशय के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। पाउडर महिला के प्रजनन तंत्र द्वारा गर्भाशय तक पहुँचता है। बहुत सी महिलाएं इससे एक सुगन्धित सौंदर्य प्रसाधन के रूप में करती हैं। वे वेजिना पर भी इसका इस्तेमाल करती हैं। जिससे इसके कण गर्भाशय में प्रवेश कर जाते हैं। ये कण पहले फेलोपिन ट्यूब में जाते हैं फिर गर्भाशय तक पहुँच जाते हैं। ये कण यहाँ से आसानी से नहीं निकलते हैं और लंबे समय तक रहते हैं। इससे गर्भाशय में जलन और गर्भाशय कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं।
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार जो महिलाएं बच्चेदानी निकला देती हैं उनमें पाउडर के इस्तेमाल से कैंसर का खतरा कम होता है। जननांगों में पाउडर इस्तेमाल करने वाली महिलाओं में गर्भाशय कैंसर सामान्य महिलाओं की अपेक्षा ज्यादा होता है। एक अध्ययन के अनुसार जो महिलाएं ज्यादा टेलकम पाउडर इस्तेमाल करती हैं और रजोनिवृति के बाद भी इस्तेमाल करती हैं उनमें एंडोमेट्रियल कैंसर का खतरा ज्यादा होता है।
कंपनी की सफाईः फैसला एकतरफा, नहीं होता कैंसर
कोर्ट के इस फैसले पर कंपनी ने नाराजगी जताई है। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया, "जॉनसन और जॉनसन फैसले से बहुत निराश है, जो मूल रूप से अनुचित प्रक्रिया के पालन के कारण आया है। इस वजह से 22 महिलाओं, जिनका कि मिसौरी से कोई संबंध नहीं ने आरोप लगाया कि उन्हें गर्भाशय का कैंसर हुआ है।'
जॉनसन ने आगे कहा कि कि फैसले ने सभी को समान रूप से लाभ पहुंचाने की बात कही है, बगैर उनकी व्यक्तिगत तथ्यों को ध्यान में रखते हुए जो कि दर्शाता है कि मामले में पूर्वाग्रहों के आधार पर फैसला लिया गया है। बयान में कहा गया, 'जॉनसन और जॉनसन को विश्वास है कि इसके उत्पादों में एस्बेस्टोस नहीं है और यह गर्भाशय के कैंसर का कारण नहीं बनता है। कंपनी ने कहा कि इस अदालत (मिसौरी की अदालत) में जॉनसन और जॉनसन के खिलाफ दिए हर फैसले को बाद में उलट दिया गया है।