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प्रधानमंत्री ने क्‍यों कहा- त्‍योहारों में खरीदें 'मेड इन इंडिया' चीजें, जानें, क्या है इसका उद्देश्य; कितना हुआ है काम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से अपील की है कि वे आने वाले त्योहारों में मेड इन इंडिया(Made In India) बनी चीजों का ही इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि हमें मेड इन इंडिया चीजों को खरीदने पर जोर देना चाहिए। वोकल फार वोकल पर भी जोर दिया।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 12:38 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 02:45 PM (IST)
प्रधानमंत्री ने क्‍यों कहा- त्‍योहारों में खरीदें 'मेड इन इंडिया' चीजें, जानें, क्या है इसका उद्देश्य; कितना हुआ है काम
पीएम मोदी की त्योहारों में देशवासियों से 'मेड इन इंडिया' चीजें खरीदने की अपील।(फोटो: फाइल)

नई दिल्ली, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से आने वाले त्योहारों में मेड इन इंडिया (Made In India) के तहत बनी चीजों का ही इस्तेमाल करने की अपील की है। पीएम ने कहा है कि आने वाले त्योहारों का मौसम मेड इन इंडिया की उम्मीदों को और ताकत देगा। उन्होंने कहा कि एक जमाने में विदेशी सामान का बहुत अधिक क्रेज था, लेकिन आज मेड इन इंडिया की ताकत काफी बढ़ी है। प्रधानमंत्री ने मेड इन इंडिया चीजों को खरीदने पर जोर दिया। उनके अनुसार, हमें हर छोटी से छोटी चीज, जो मेड इन इंडिया ( Made in India) हो, और जिसे बनाने में किसी भारतवासी का पसीना बहा हो, उसे खरीदने पर जोर देना चाहिए और ये सबके प्रयास से ही संभव होगा।

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'वोकल फॉर लोकल को व्यवहार में लाएं'

पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील की कि भारतीयों द्वारा बनाई चीजों को खरीदना होगा और वोकल फॉर लोकल को हमें व्यवहार में लाना होगा। मोदी ने साथ ही यह भी कहा कि जैसे स्वच्छ भारत अभियान एक जनआंदोलन है, वैसे ही भारत में बनी चीज खरीदना, भारतीयों द्वारा बनाई चीज खरीदना, वोकल फॉर लोकल होना, इसे हमें व्यवहार में लाना ही होगा। हर छोटी से छोटी चीज, जो मेड इन इंडिया हो और जिसे बनाने में किसी भारतवासी का पसीना बहा हो, उसे खरीदने पर जोर देना चाहिए।

मेक इन इंडिया(Made In India)

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के विकास और लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश से बहुत सारी योजनाएं लॉन्च की। इसके तहत उन्होंने मेन इन इंडिया की भी नींव रखी। प्रधानमंत्री मोदी ने 'मेक इन इंडिया' की शुरुआत अपने पहले कार्यकाल के शुरुआती दिनों में ही कर दी थी। उन्होंने 25 सिंतबर, 2014 को दिल्ली के विज्ञान भवन में इस योजना को लॉन्च किया।

क्या है फायदा?

'मेक इन इंडिया' का मतलब होता है जिन वस्तुओं का निर्माण हमारे देश में ही किया गया हो। अगर अधिकतर वस्तुएं हमारे देश के अंदर ही बनी होंगी तो साफ है कि इन चीजों की कीमत भी कम होगी क्योंकि जब कोई सामान का बाहर से आयात किया जाता है तो उसमें टैक्स लग जाने की वजह से वह वस्तु महंगी हो जाती है। वहीं अगर वस्तुओं का निर्माण हमारे देश में होगा तो अन्य देशों में वस्तुओं के निर्यात करने की संभावना बढ़ेगी और अपने देश की आय में बढ़ोतरी होगी इसके साथ-साथ देश के युवाओं को भी रोजगार मिलेगा।

मेक इन इंडिया अभियान के तहत मोदी सरकार का करीब 3000 कंम्पनियों को भी जोड़ने का उद्देश्य है। इससे देश के युवाओं को रोजगार मिलेगा और देश की आर्थिक व्यवस्था मजबूत होगी साथ ही विदेशी निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा।

'मेक इन इंडिया' का उदेश्य

1) विनिर्माण क्षेत्र में 12%-14% प्रतिवर्ष वृद्धि करना।

2) GDP में 2022 तक विनिर्माण की हिस्सेदारी 16%-25% करना।

3) विदेशी कंपनीज को ज्यादा से ज्यादा भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित करना।

4) सभी वस्तुओ का निर्माण 2022 तक भारत में शुरू करना।

5) सभी वस्तुओ का निर्माण भारत में होने से वस्तुओ की कीमत में कमी लाना।

6) विदेशी कंपनीज के भारत में निवेश करने से रोजगारो का सृजन करना।

7) जब सभी वस्तुए यही बनेगी तो आयात कम होगा जिस से देश की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।

8)नवाचारों को बढ़ावा देना और उद्यमी क्षमता को प्रोत्साहित करना।

मेक इन इंडिया’ अभियान के लिए सरकार ने प्राथमिकता वाले 25 क्षेत्र चिन्हित किये हैं जिन्हें प्रोत्साहन दिया जाएगा। इन क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और संभावना सबसे अधिक है और भारत सरकार द्वारा भी निवेश को बढ़ाया जाएगा।

मेड इन इंडिया के तहत प्राथमिकता वाले 25 क्षेत्र

गाड़ियां, ऑटोमोबाइल अवयव, विमानन, जैव प्रौद्योगिकी, रसायन, निर्माण, रक्षा विनिर्माण, इलेक्ट्रिकल मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियाँ, खाद्य प्रसंस्करण, सूचना प्रौद्योगिकी और बिजनेस प्रोसेस प्रबंधन, चमड़ा, मीडिया और मनोरंजन, खनिज, तेल और गैस,फार्मास्यूटिकल्स, बंदरगाह और शिपिंग, रेलवे, नवीकरणीय ऊर्जा, सड़क और राजमार्ग, अंतरिक्ष और खगोल विज्ञान, कपड़ा और परिधानों, तापीय उर्जा, पर्यटन और आतिथ्य, कल्याण।


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