पुलवामा हमले के बाद ही UNSC में मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने की शुरू हुई थी प्रकिया
सूत्रों ने बताया है कि पुलवामा हमले के बाद ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर (Masood Azhar) को सूचीबद्ध करने की पूरी प्रक्रिया शुरू की गई थी।
नई दिल्ली, एजेंसी। जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने में 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमले ने 'ताबूत में कील का काम' किया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि पुलवामा हमले के बाद ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर (Masood Azhar) को सूचीबद्ध करने की पूरी प्रक्रिया शुरू की गई थी। इस बारे में UNSC ने कड़ा बयान जारी किया है जिससे यह पुष्टि हुई है। बयान में कहा गया है कि इस मामले में पुलवामा लिंक बहुत साफ है। पूरी प्रक्रिया तथ्यों और सबूतों पर आधारित रही। पुलवामा हमले की स्थिति मसूद अजहर के खिलाफ पर्याप्त सबूत उपलब्ध कराने वाली रही।
भारत में फ्रांस के राजदूत अलेक्जेंड्रे जिग्लर ने कहा कि हमने साल 2011, 2016 और 2017 में मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के प्रस्ताव का समर्थन किया था। पुलवामा हमले के बाद हमने पहल की। यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष ने बयान जारी किया था कि हमले के गुनहगार को वैश्विक आतंकी घोषित करने पर मंजूरी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सभी सदस्य देश सर्वसम्मति पर पहुंचे हैं।
बता दें कि संसद, पठानकोट और पुलवामा जैसे हमलों को अंजाम देने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर बुधवार को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित हुआ था। भारत पिछले एक दशक से अजहर के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की तरफ से प्रतिबंध घोषित कराने में जुटा था। मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के प्रस्ताव पर इस बार चीन अपने वीटो पावर का इस्तेमाल नहीं करते हुए इसका समर्थन किया था।
संयुक्त राष्ट्र की तरफ से अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के लिए एक विशेष समिति बना रखी है जिसे 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के नाम से जाना जाता है। इस समिति के तहत घोषित आतंकियों को किसी भी देश में शरण पाना और फंड जुटाना मुश्किल होता है। इस कदम के साथ ही अब मसूद अजहर के नाम से जुड़े हर बैंक खाते और संपत्तियों को जब्त कर लिया जाएगा।
इन सबके बीच, पाकिस्तान सरकार ने भी मसूद अजहर पर सख्त कदम उठाया है। पाकिस्तान सरकार ने मसूद की संपत्ति फ्रीज करने और उसकी यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है। बुधवार को जारी एक सरकारी अधिसूचना में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अजहर के खिलाफ संकल्प को पूरी तरह से लागू किया जाए। भारत के लिए यह एक बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है। पुलवामा आतंक हमले के बाद भारत ने दोतरफा कार्रवाई की है। एक तरफ जहां भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के खिलाफ जबरदस्त दबाव बनाने का काम किया है।
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