दिल्ली में किसकी बनेगी सरकार, जनता आज सुनाएगी फैसला
इम्तहान के दिन बीत गए। अब फैसले की घड़ी आ गई है। दिल्ली की पांचवीं विधानसभा और सूबे की नई सरकार के गठन के लिए राजधानी के करीब 1.1
नई दिल्ली, [राज्य ब्यूरो]। इम्तहान के दिन बीत गए। अब फैसले की घड़ी आ गई है। दिल्ली की पांचवीं विधानसभा और सूबे की नई सरकार के गठन के लिए राजधानी के करीब 1.19 करोड़ मतदाता बुधवार को अपना निर्णय सुना देंगे। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार डा. हर्षवर्धन, आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल सहित 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए चुनाव मैदान में उतरे कुल 810 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला हो जाएगा।
दिल्ली की नई सरकार के गठन के लिए हो रहा यह चुनाव अब तक का सर्वाधिक दिलचस्प और रोचक है। कांग्रेस व भाजपा के बीच यहां होने वाली पारंपरिक लड़ाई के बीच आम आदमी पार्टी (आप) के आ जाने से चुनावी घमासान तिकोना हो गया है। बड़े-बड़े सियासी सूरमाओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। मुख्यमंत्री दीक्षित की नई दिल्ली सीट पर सबकी निगाहें टिकी हैं। यहां से उनके खिलाफ आप के संयोजक केजरीवाल भी चुनाव लड़ रहे हैं। यहां से भाजपा ने अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता को चुनाव मैदान में उतारा है। दीक्षित के दो मंत्रियों प्रो. किरण वालिया तथा रमाकांत गोस्वामी की क्रमश: मालवीय नगर व राजेंद्र नगर सीटों पर भी चुनावी मुकाबला बेहद तगड़ा बताया जा रहा है। भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार डा. हर्षवर्धन भी कृष्णा नगर विधानसभा क्षेत्र में बेहद कड़े मुकाबले में फंसे हैं। इन सीटों के अलावा भी करीब एक दर्जन अन्य सीटों पर कांग्रेस व भाजपा के बीच बेहद करीबी लड़ाई हो रही है।
जानकारों का कहना है कि इस चुनाव में भारी मतदान होने की संभावना है। देश के अन्य राज्यों, मसलन छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान आदि में जबरदस्त मतदान देखने को मिला है। लिहाजा, कयास लगाए जा रहे हैं कि दिल्ली में भी जमकर वोट पड़ेंगे। दिल्ली चुनाव कार्यालय इसके लिए लगातार अभियान चला रहा है, वहीं कहा यह भी जा रहा है कि आम आदमी पार्टी की मौजूदगी भी मतदान के प्रतिशत को प्रभावित करेगी। वर्ष 2008 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में 57.58 फीसद वोट पड़े थे। कांग्रेस ने 40.31 प्रतिशत मत लेकर 42 सीटें हासिल कीं और पार्टी ने सरकार बनाई, वहीं भाजपा को 36.34 फीसद मत मिले और उसे 23 सीटें मिली थीं। एक सीट बाद में उसने उपचुनाव में जीती। इस प्रकार महज चार फीसद मतों के अंतर से कांग्रेस व भाजपा के बीच 19 सीटों का फासला हो गया। लिहाजा, इस चुनाव में मतदान के प्रतिशत से भी बहुत कुछ तय होना है।
कुल मतदाता-1,19,32067
पुरुष-66,11,362
महिला-53,20,143
अन्य-562
कुल प्रत्याशी-810
कुल सीटें-70
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