जब महिला एसआई ने जज से पूछा, 'आखिर क्या करते हैं आप दिनभर'
जज की फटकार ने नाराज महिला सब इंस्पेक्टर (एसआई) नीलम ने न्यायाधीश से ही पूछ लिया कि आप हमारी कार्यप्रणाली पर इस तरह प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं, पहले ये बताइए कि आप खुद दिनभर क्या करते हैं?
नई दिल्ली [संदीप गुप्ता]। दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों में काम का तनाव किस कदर बढ़ रहा है इसका जीता जागता उदाहरण सोमवार को तीस हजारी अदालत में देखने को मिला। जज की फटकार ने नाराज महिला सब इंस्पेक्टर (एसआई) नीलम ने न्यायाधीश से ही पूछ लिया कि आप हमारी कार्यप्रणाली पर इस तरह प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं, पहले ये बताइए कि आप खुद दिनभर क्या करते हैं?
हम किस कदर दबाव में सारा दिन काम करते हैं, इस बात का अंदाज भी है आपको? सारा दिन एक कुर्सी पर बैठे रहने के अलावा आपके पास कोई और काम नहीं है? कुछ मिनट तक चली बहस के बाद एसआई नीलम को रूम से बाहर ले जाया गया। कोर्ट रूम से बाहर आते ही महिला ने खून की उलटी भी कर दी। इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पढ़ेंः इस थाने 23 साल में सिर्फ 55 मामले हुए दर्ज
नीलम की गुस्ताखी से नाराज जज ने पश्चिमी दिल्ली जिला पुलिस उपायुक्त के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर उन्हें मंगलवार को पेश होने के आदेश दिए। कोर्ट ने डीसीपी को पेश होकर नीलम के व्यवहार और मामले पर स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं। उधर, नीलम ने 100 नंबर पर कॉल कर जज साहब पर प्रता़ि़डत करने और बेवजह परेशान करने का आरोप लगाया है।
यह था पूरा मामला
शारीरिक शोषण के एक मामले में अभियोजन पक्ष के गवाह को डीसीपी के जरिए समन भेजे जाने के बावजूद अदालत में पेश नहीं किया जा सका। नाराज न्यायाधीश ने शनिवार को निर्देश दिया था कि डीसीपी सोमवार को खुद पेश होकर स्पष्टीकरण दें। इस मामले की आईओ (इंचार्ज ऑफिसर) महिला सब इंस्पेक्टर नीलम के साथ डीसीपी के स्थान पर एसीपी पेश हुए। अदालत को बताया गया कि उक्त गवाह अस्थायी पते पर रहता था, वहां से वह जा चुका है। नए पते की जानकारी न मिल पाने के कारण उसे पेश कर पाने में असमर्थ हैं। इस पर न्यायाधीश गुस्सा हुए और पुलिस की नाकामी पर एसीपी और नीलम को जमकर फटकार लगाई। इसी के बाद नीलम भी भड़क गई।
पढ़ेंः सिंधु समझौते पर पीएम ने की बैठक, कहा साथ नहीं बह सकते खून और पानी