जब डॉक्टर ने मास्क की कमी पर उठाया सवाल तो भेज दिया गया मेंटल हॉस्पिटल, पुलिस ने भी की बदसलूकी
डॉक्टर के खिलाफ आइपीसी की धारा 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला करना और ड्यूटी में बाधा पहुंचाना) और 427 (आर्थिक नुकसान पहुंचाना) के तहत केस दर्ज किया है।
विशाखापत्तनम, आइएएनएस। कोरोना के खिलाफ जंग में आगे रह कर मोर्चा संभालने वाले डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों को जहां सम्मान देने और उनका हौसला बढ़ाने की बातें हो रही हैं। वहीं, आंध्र प्रदेश में चिकित्सकों के लिए एन95 मास्क की कमी पर सवाल करने वाले एक डॉक्टर को मानसिक रोगियों के अस्पताल (मेंटल हॉस्पिटल) में डाल दिया है। पुलिसकर्मियों ने डॉक्टर के साथ बदसुलूकी भी की। मास्क की कमी पर सरकारी की आलोचना करने पर डॉक्टर को दो महीने पहले निलंबित भी कर दिया गया था।
डॉक्टर ने सड़क पर भी किया था हंगामा
सरकारी मानसिक रोग अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि डॉ. के. सुधाकर राव गंभीर मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं और उसी का इलाज किया जा रहा है। शनिवार को उन्होंने सड़क पर हंगामा किया था, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें किंग जॉर्ज अस्पताल में भर्ती करा दिया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें शराब के नशे में पाया था। इसके बाद अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने उन्हें सरकारी मानसिक रोग चिकित्सालय में रेफर कर दिया था।
पुलिस ने डॉ. सुधाकर राव के खिलाफ आइपीसी की धारा 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला करना और ड्यूटी में बाधा पहुंचाना) और 427 (आर्थिक नुकसान पहुंचाना) के तहत केस दर्ज किया है।
नरसीपतनम के सरकारी अस्पताल से किया गया निलंबित
विशाखापत्तनम के पुलिस आयुक्त की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि डॉ. राव द्वारा सड़क पर हंगामा करने की सूचना डायल 100 पर मिली थी। पुलिस मौके पर पहुंची तो उनकी पहचान डॉ. राव के रूप में हुई, जिन्हें नरसीपतनम के सरकारी अस्पताल से निलंबित कर दिया गया है। पुलिस के मुताबिक डॉ. राव ट्रैफिक पुलिस के सिपाही के साथ बहुत ही खराब तरीके से पेश आ रहे थे। उन्हें सिपाही का मोबाइल फोन भी छीन कर फेंक दिया था।