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लॉकडाउन में अनुमति मिलते ही गेहूं खरीद ने पकड़ी रफ्तार, जूट बोरे की हुई किल्लत

खाद्य मंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए सभी राज्यों से प्रस्ताव भेजने को कहा था।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 22 Apr 2020 07:14 PM (IST)Updated: Wed, 22 Apr 2020 07:17 PM (IST)
लॉकडाउन में अनुमति मिलते ही गेहूं खरीद ने पकड़ी रफ्तार, जूट बोरे की हुई किल्लत
लॉकडाउन में अनुमति मिलते ही गेहूं खरीद ने पकड़ी रफ्तार, जूट बोरे की हुई किल्लत

सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। गेहूं की सरकारी खरीद ने पहले सप्ताह में ही रफ्तार पकड़ ली है। लॉकडाउन में खरीद की अनुमति मिलते ही गेहूं उत्पादक राज्यों में मंडियों और निर्धारित खरीद केंद्रों पर काम चालू हो गया है। महामारी से सहमे किसान अपनी उपज बेचने की जल्दी में हैं। राज्यों की सरकारी मशीनरी भी दिनरात काम करने में जुट गई है। लेकिन गेहूं की पैकेजिंग के लिए जूट बोरियों की किल्लत होने की आशंका से उत्पादक राज्यों ने केंद्र से वैकल्पिक बंदोबस्त करने का आग्रह किया, जिसे केंद्र ने मंजूर कर लिया है।

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खाद्य मंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए सभी राज्यों से प्रस्ताव भेजने को कहा था। खाद्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक प्रस्ताव भेजने वाले राज्यों को प्लास्टिक बोरी के उपयोग की अनुमति दे दी गई है। पासवान ने जोर देकर कहा है कि किसानों की उपज खरीदने में कोई कोताही नहीं बरती जा सकती है।

पंजाब में कुछ ही दिनों में सत्रह लाख टन से ज्यादा कर ली गई खरीद

पंजाब में 15 अप्रैल से खरीद चालू होने के साथ पांच छह दिनों में ही 17.55 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद कर ली गई है। जबकि पिछले साल 21 अप्रैल तक मात्र 4.83 लाख टन गेहूं की ही खरीद हो सकी थी। चालू खरीद सीजन में यहां से 1.35 करोड़ टन गेहूं की खरीद का अनुमान है। लगभग 25 फीसद गेहूं की पैकिंग के लिए जूट बोरी की कमी पड़ेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने केंद्र के साथ पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है।

20 अप्रैल से चालू हुई हरियाणा में गेंहू की खरीद

हरियाणा में गेहूं की खरीद 20 अप्रैल से चालू हुई। इन तीन दिनों के भीतर यहां 3.30 लाख टन खरीद हो चुकी है। अगले सप्ताह तक यहां खरीद की रफ्तार और तेज होगी। यहां भी जूट बोरी की समस्या है, जिसके लिए वैकल्पिक बंदोबस्त करने की अनुमति दी गई है। मध्य प्रदेश में 22 अप्रैल तक सात लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। राज्य के खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ल ने बताया कि इस बार गेहूं की ज्यादातर पैकिंग प्लास्टिक बोरी में होनी है। चालू खरीद सीजन के पहले जूट बोरी की आपूर्ति नहीं हो सकी है। अब तक कुल 76 लाख प्लास्टिक बोरी प्राप्त हो चुकी है। जबकि 35 लाख की आपूर्ति होनी है।

उत्तर प्रदेश में गेहूं की खरीद 55 लाख टन होनी है, जिसके लिए जूट बोरी की जरूरतें पूरी करने की कोशिश की जा रही है। राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया इसके लिए सहजनवां, इटावा और कानपुर में स्थित जूट कारखानों में उत्पादन बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। राज्य में बोरों की कमी नहीं होने पाएगी, लेकिन प्लास्टिक बोरियों का भी बंदोबस्त किया गया है। उन्होंने कहा 'चालू सीजन में 3.90 करोड़ टन गेहूं की पैदावार होने का अनुमान है। जबकि देश में कुल 10.62 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन होगा।' अन्य राज्यों के मुकाबले यहां गेहूं की खरीद की गति थोड़ी धीमी है। पिछले पांच दिनों में राज्य में एक लाख टन गेहूं की खरीद हो सकी है। इसमें 1.10 लाख किसानों का गेहूं खरीदा जा सका है।


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