व्हाट्सअप स्टेटस पर कुछ यूं बयां हो रहा हाल-ए-दिल, आपने ऐसा कभी किया!
फेसबुक पर व्हाट्स योर माइंड का जवाब पल-पल बदलता है तो व्हाट्सअप दिल की बात कहते-कहते अनजाने ही चुपके से खोल देते हैं दिल के राज भी!
नई दिल्ली ( सीमा झा)। सोशल साइट्स पर लम्हा-लम्हा दर्ज होती है जिंदगी। फेसबुक पर व्हाट्स योर माइंड का जवाब पल-पल बदलता है तो व्हाट्सअप दिल की बात कहते-कहते अनजाने ही चुपके से खोल देते हैं दिल के राज भी! कहते हैं फेसबुक से अधिक प्राइवेट है व्हाट्सअप। यहां लोग उन्हें अधिक जोडऩा चाहते हैं जिनसे हम अपना मोबाइल नंबर शेयर कर चुके हैं। यानी करीबी दोस्त या फिर जिनसे कामकाज के क्रम में पड़ता है अधिक वास्ता। गौर करें यहां कंट्रास्ट, ब्राइटनेस और शार्पनेस ली हुई रंगीन फोटो, मस्तमौला सेल्फी, ब्लैक ऐंड व्हाइट या किसी धुंधलके से झांकती तस्वीरों वाले चेहरों के स्टेटस अपडेट पर। आप पाएंगे 'ऑनली माई नेम इज इनफ, माई साइलेंस इज माई एटीट्यूड, आई एम अ लीमिटेड एडिशन, गॉड इज बिजी राइट नाउ मे आई हेल्प यू जैसे अपडेट के जरिए ये बिंदास एटीट्यूड दर्शा रहे हैं।
स्टेटस को देखकर सवाल उठाएंगे
यानी अब उन्हें इस बात की फिक्र नहीं कि लोग ऐसे स्टेटस को देखकर सवाल उठाएंगे या इसे लेकर भला-बुरा कहेंगे। जैसे, सॉफ्टवेयर इंजीनियर शिप्रा को हर बार अपने स्टेटस पर 'लव वाली स्माइली और 'वेलडन का तमगा मिलता है तो उसका हौसला और मजबूत होता है। शिप्रा कहती हैं, 'जबसे व्हाट्सअप पर स्टेटस अपडेट का फीचर आया है मैं इसे खूब इस्तेमाल करती हूं। मैं ही क्यूं मेरे कंटेक्ट के ज्यादातर लोग हर पल अपने दिल की बात कहते हैं। कहीं तो लोग अपनी बात या भड़ास निकालें! शिप्रा की यह बात दिलचस्प है कि व्हाट्सअप स्टेटस के जरिए लोग फेसबुक की तरह कुछ भी नहीं कहते बल्कि वही कहते हैं जो उन्हें कहने के लिए अधिक उकसाता है। केवल शुभ्रा ही नहीं फोटो या क्रिएटिव स्टेटस अपडेेट करते रहने का यह जुनून यूथ का फेवरेट फन बनता जा रहा है। यहां मनोचिकित्सक आरती आनंद की मानें तो चाहे प्रोफाइल पिक्चर हो या आपका स्टेटस ये अक्सर वही नहीं होते जो इनके जरिए आप बताना चाहते हैं। इनके पीछे आपके व्यक्तित्व का वह पहलु भी झांक रहा होता है जिन्हें आप खुद नहीं जानते या अवेयर नहीं रहते।
फन न बन जाए फितूर
'वर्चुअल वल्र्ड में दखल न हो तो बड़ी चीज 'मीसिंग लगती है, लेकिन कब यह लत बन जाता है अहसास नहीं होता और हम चुपके से अपने ही राज खोलते रहते हैं। पर फिकर किसे है? यह कहती हैं मीडिया प्रफेशनल दीपिका। जब तक नई तस्वीरें या अपडेट नहीं हेाता एक बेचैनी रहती है और जब अपनी बात कह जाएं तो लगता है कि जी हल्का हुआ। क्या ऐसा ही है? इस पर आरती आनंद कहती हैं, ' व्हाट्सअप पर लाइक्स और कमेंट्स नहीं मिलते लेकिन जब यहां भी कोई रिस्पांस न मिले तो सेल्फ इस्टीम कमतर महसूस होता है। डॉक्टर आरती के मुताबिक, यह चिंताजनक है। यह जरूरी नहीं कि आपको जो मन में आए अपडेट करें, जो तस्वीरें आपको अच्छी लगे उसे शेयर करें। जब ऐसा लगे कि आप एडिक्ट हो रहे हैं तो कंट्रोल नहीं हो रहा तो खुद ही इसका हल निकाल सकते हैं लेकिन ऐसा जब फितूर बन जाए तो इसके लिए लंबे समय तक काउंसलिंग की जरूरत पड़ सकती है।
एक नजर इधर भी
-2 हफ्ते के भीतर प्रोफाइल पिक्चर बदल देते हैं लोग।
-रोजाना10 लाख से ज्यादा सेल्फी सोशल मीडिया साइट पर पोस्ट की जाती है। इसमें व्हाट्सअप भी शामिल है।
व्हाट्सअप की डीपी क्या कहती है?
रंगीन तस्वीरें
-पॉजिटिव होते हैं ऐसे यूजर। खुले विचारों वाले जो छोटी-छोटी बातों को दिल से नहीं लगाते। ब्लैक ऐंड व्हाइट तस्वीरें -धुंधली या ब्लैक ऐंड व्हाइट तस्वीरें लगाने वाले यूजर वास्तविक भावनाओं को छुपाना चाहते हैं। रहस्यमयी किस्म के होते हैं। सेल्फी सेल्फी कई तरह की होती हैं और हर सेल्फी अलग राज खोलती है। नो मेकअप सेल्फी कंफीडेेंट पर्सनैलिटी बताता है तो फिल्टर्ड कमजोर आत्मविश्वास की ओर संकेत करता है। निजी तस्वीरें अपनी निजी जिंदगी की तस्वीरों को अपलोड करने वाले यूजर के बारे में कहा जाता है कि वे अक्सर रिश्तों के मामले में असुरक्षित महसूस करते हैं। प्रेरक संदेश से सजी तस्वीरें ऐसे संदेश देने वाले यूजर हिम्मती और पॉजिटिव होते हैं। गॉथिक आर्ट से भरी तस्वीरें जटिल और काफी हद तक रहस्यमयी लोग होते हैं, जिनके बारे में कुछ समझ पाना कठिन होता है।
एक टूल की ट्रीट करें
यह अच्छा-बुरा नहीं मुझे लगता है एक उदासीन टूल है। इसे टूल की तरह ही ट्रीट करें। अपने ऊपर हावी न होने दें। आप कितना बैलेंस होकर खुद को दुनिया के सामने पेश करते हैं, यही आपकी स्ट्रेंथ होगी। याद रखें वर्चुअल दुनिया से प्रभावित हो जाना आसान है लेकिन इसकी मदद से अपनी एक पहचान बनाना मुश्किल काम। हमें इस मुश्किल को हल करना आना चाहिए।
- शाहिर शेख, टीवी आर्टिस्ट