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जानें, विजय माल्या और नीरव मोदी की जब्‍त संपत्ति काे सरकार कैसे करेगी सेल

अक्‍सर हम खबरों में यह पढ़ते हैं कि इडी ने इतनी करोड़ की संपत्ति जब्‍त की। आखिर अरबों की जब्‍त की गई संपत्ति का होता क्‍या है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 15 Oct 2018 04:20 PM (IST)Updated: Mon, 15 Oct 2018 04:30 PM (IST)
जानें, विजय माल्या और नीरव मोदी की जब्‍त संपत्ति काे सरकार कैसे करेगी सेल
जानें, विजय माल्या और नीरव मोदी की जब्‍त संपत्ति काे सरकार कैसे करेगी सेल

नई दिल्‍ली [ जागरण स्‍पेशल ]। क्‍या आपने कभी सोचा कि प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा जब्‍त की गई संपत्तियों का आखिर होता क्‍या है। अक्‍सर हम खबरों में यह पढ़ते हैं कि इडी ने इतनी करोड़ की संपत्ति जब्‍त की। आखिर अरबों की जब्‍त की गई संपत्ति का होता क्‍या है। देश को चूना लगाने वाले इन घाटालेबाजों और भगोड़ों से इडी कैसे निपटता है। आइए हम बतातें है कि इडी द्वारा जब्‍त की गई संपत्तियों को कैसे नीलामी की जाती है, इसकी प्रक्रिया क्‍या है। फ‍िलहाल इस मामले में संसद से पारित नए कानून के तहत यह प्रावधान है कि एक बार भगोड़े अपराधियों की संपत्ति जब्त हो जाएगी, तो उसे दोबारा छुड़ाया नहीं जा सकेगा।

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विजय माल्या और नीरव मोदी की जब्‍त संपत्तियां

भारतीय बैंकों से हजारों करोड़ रुपये का कर्ज लेकर ब्रिटेन भागे शराब कारोबारी विजय माल्या को अपनी सारी संपत्ति से हाथ धोना पड़ सकता है। ईडी ने अब तक माल्या की 13,500 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी सील की है। दूसरे, इडी ने अरबों रुपये के पंजाब नैशनल बैंक घोटाले की जारी जांच के दौरान भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की 171 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। अभी तक ईडी ने इस मामले में देश भर में 251 संपत्तियों पर छापे मारे हैं और हीरा, सोना, कीमती धातुएं और मोती जब्त की है। ईडी ने अब तक नीरव मोदी समूह और मेहुल चोकसी समूह की 7,638 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की हैं।

संपत्ति बेचने की क्‍या है प्रक्रिया

यहां एक यक्ष सवाल यह है कि क्‍या जब्‍त संपत्तियों को जांच एजेंसी या प्रवर्तन निदेशालय (इडी) बेच सकती है। दरअसल, जब्त की गई संपत्ति जांच एजेंसी द्वारा तब तक बेची नहीं जा सकती है, जब तक आरोपी को अदालत द्वारा दोषी न ठहराया गया हो। यह एक विलंबकारी प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के पहचे चरण में संपत्तियाें को संलग्न किया जाता है। इसके बाद निर्णय लेने वाले प्राधिकारी (वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के तहत) के समक्ष कागजात तैयार किया जाता है। तीसरे चरण में आरोपी अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील करता है, जिसके लिए उसे 150 दिन तक का वक्‍त दिया जाता है। अगर न्यायाधिकरण इडी के पक्ष में फैसला सुनाता है तो वह जब्‍त संपत्ति को अपने कब्‍जे में लेता है। इस फैसले के खिलाफ अभियुक्त अपीलीय न्यायाधिकरण के  फैसले के खिलाफ  निचली अदालतों और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है। यहां दोषी ठहराए जाने के बाद ईडी अंततः संपत्ति बेच सकता है।

आंध्र प्रदेश में सर्वाधिक जब्‍त संपत्ति

प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा आंध्र प्रदेश में सबसे अधिक 413 संपत्ति जब्‍त की गई है। इस मामले में पश्चिम बंगाल दूसरे स्‍थान पर यहां 79 संपत्तियों को जब्‍त किया गया है। इसी तरह मध्‍य प्रदेश में 69 और झारखंड में 65 संपत्तियों को जब्‍त किया गया है। कर्नाटक में 57, गुजरात में 45, उत्‍तर प्रदेश में 34, पंजाब में 31 और हरियाणा में 15 संपत्तियों को जब्‍त किया गया है। दिल्‍ली में 11 संपत्तियां जांच एजेंसी के कब्‍जे में है। बिहार में दस संपत्तियां और अन्‍य 25 संपत्तियां कब्‍जे में है।

तीन वर्षों में जब्‍त की गई संपत्ति

अगर तीन वर्षों के दौरान इडी द्वारा जब्‍त की गई संपत्तियों का लेखाजोखा तैयार किया जाए तो ये चौंकाने वाला है। वर्ष 2015 में 3,641 करोड़ की संपत्ति जब्‍त की गई थी। 2016 में 9,044 करोड़ की संपत्ति जब्‍त की गई। 2017 में 5,875 संपत्ति जब्‍त की गई है।


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