BOB, देना बैंक और विजया बैंक का होगा विलय, आप पर पड़ेगा ऐसा असर
सरकार ने बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक के विलय घोषणा कर दी है। जानिए इस विलय से आप पर क्या असर पड़ेगा।
नई दिल्ली (जेएनएन)। सरकारी बैंकों को मजबूत बनाने की दिशा में अहम कदम उठाते सरकार ने बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक के विलय घोषणा कर दी है। इन तीनों बैंकों को मिलाकर जो बैंक बनेगा, उसका आकार 14.82 लाख करोड़ रुपये का होगा और वह एसबीआइ तथा पीएनबी के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा। लेकिन इन बैंको के विलय के बाद इसका आप पर क्या असर पड़ेगा। क्या इन बैंकों में आपके जमा पैसे सेफ हैं और क्या ब्याज दर पर भी कोई इसका कोई असर पड़ेगा। आपके इन्हीं सवालों का जवाब हम अपनी इस रिपोर्ट में देने जा रहे हैं।
ब्रांच और एटीएम की बढ़ेगी संख्या
बाजार विशेषज्ञ आकाश जिंदल का कहना है कि तीनों बैंकों के विलय से ग्राहकों को अब बैंक संबंधित कार्य या एटीएम से पैसे निकालने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। विलय के बाद बैंकों की नई शाखाओं का निर्माण किया जाएगा और बैकों की संख्या में वृद्धि होगी। इसी के साथ एटीएम की संख्या में वृद्धि होगी। आपको अपने बैंक के एटीएम से पैसे निकालने के लिए भी दूर नहीं जाना पड़ेगा। कई नए एटीएम की स्थापना की जाएगी, जिसका ग्राहकों को लाभ मिलेगा।
नई तकनीकों से लैस होंगे बैंक
तीनों बैंकों के विलय से बना बैंक देश का तीसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक बैंक होगा। आकाश जिंदल का कहना है कि इस प्रक्रिया के बाद बैंकों में नई तकनीक का विकास होगा। तीनों बैंक नई तकनीक की तरफ अग्रसर होंगे, जिससे ग्राहकों का फायदा होगा। लंबी-लंबी लाइनों से छुटकारा मिलेगा।
एफडी की दर पर क्या पड़ेगा असर
तीनों बैंकों के ग्राहकों को दिए जाने वाले एफडी (Fixed deposit) पर दिए जाने वाला ब्याज दर अलग है। आपके मन में भी ये सवाल आया होगा कि बैंकों के विलय से एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर क्या कोई असर पड़ेगा। आकाश जिंदल ने बताया कि पुराने ग्राहकों को एफडी पर मिलने वाले ब्याज दर पर कोई असर नहीं पड़ेगा, हालांकि नए ग्राहकों के लिए इनमें बदलाव किया जा सकता है।
एटीएम और चेकबुक पर बदल सकता है बैंक का नाम
तीनों बैंकों के विलय के बाद हो सकता है कि आने वाले दिनों में आपके एटीएम और चेकबुक पर उस बैंक का नाम ही बदल जाए, जहां आपका अकाउंट है। इससे पहले भी ऐसा हो चुका है उस समय एसबीआइ ने अपने 7 बैंकों का विलय किया था।
सुरक्षित रहेगा आपका पैसा
अगर आपको डर है कि इस प्रक्रिया से आपके बैंक डिपॉजिट पर कोई असर होगा, तो बिल्कुल परेशान न हों। इस प्रक्रिया से आपके बैंक डिपॉजिट पर कोई असर नहीं होगा और वह सेफ रहेगा, क्योंकि ऐसे मर्जर पहले भी हुए हैं। कोटक महिंद्रा बैंक में आइएनजी वैश्य बैंक का विलय किया जा चुका है। उस समय भी ग्राहकों का पैसा सेफ रहा था।
एटीएम और पासबुक होंगे अपडेट
बैंकों के मर्ज होने से उस बैंक के ग्राहकों का थोड़ा पेपरवर्क बढ़ जाएगा। इसके लिए केवाईसी का प्रॉसेस फिर से करना होता है। वहीं, आपका एटीएम और पासबुक नए सिरे से अपडेट होता है। तो इसके लिए हल्का पेपरवर्क करना पड़ सकता है। हालांकि इसमें कुछ वक्त भी लग सकता है।
लोन के ब्याज दर पर नहीं पड़ेगा असर
बैंकों के विलय से आपके लोन पर कोई असर नहीं होगा और आपको पहले की तरह उस पर ब्याज देना होगा। जब कोई बैंक किसी दूसरे बैंक में मर्ज होता है तो लोन का पैसा उस बैंक में ट्रांसफर हो जाता है और मौजूदा ब्याज दर ही उस पर अप्लाई होता है।
बैंकिंग व्यवस्था में होगा सुधार
देश की बैंकिंग व्यवस्था के सामने एनपीए की समस्या सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। उन्होंने कहा कि देश की बैंकिंग व्यवस्था में सुधार की जरूरत है और सरकार बैंकों की पूंजीगत जरूरतों का ख्याल रख रही है। विलय तक तीनों बैंक स्वतंत्र रूप से काम करते रहेंगे।
इन राज्यों को होगा फायदा
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) के साथ विजया बैंक और देना बैंक को मिलाने के बाद बनने वाला देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक संभवत: बैंक ऑफ बड़ौदा के नाम से ही संचालित होगा। हालांकि अंतिम फैसला विलय प्रक्रिया पूरी होने के बाद में ही होगा। अभी तक गुजरात, महाराष्ट्र व उत्तर भारत के कुछ राज्यों में प्रमुखता से काम कर रहे बीओबी को इस विलय से सबसे ज्यादा फायदा होगा। उसे तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और केरल जैसे अपेक्षाकृत संपन्न राज्यों में एक विशाल बैकिंग नेटवर्क हासिल होगा।
बैंकिंग ऑपरेशन बढ़ेगा और स्थिति में सुधार आएगा
बीओबी के प्रमुख पीएस जयकुमार के मुताबिक, ‘तीनों बैंकों के लिए यह समान अवसर होगा। हमें एक साथ चार बड़े राज्यों में कारोबारी विस्तार का मौका मिलेगा।’ तीनों बैंकों के विलय से जो नया बैंक बनेगा, उससे बैंकिंग ऑपरेशन बढ़ेगा और स्थिति में सुधार आएगा। विलय के बाद कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
कर्मचारियों पर क्या होगा असर
आखिर में ये सवाल उठता है कि इस विलय से इन बैंकों के कर्मचारियों पर क्या असर होगा। इस बारे में जेटली ने कहा कि सरकार द्वारा विलय की घोषणा के मद्देनजर इन तीनों बैंकों के कर्मचारियों को अपने करियर को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं। किसी भी कर्मचारी को ऐसी सेवा दशाओं का सामना नहीं करना पड़ेगा, जो उनके लिए प्रतिकूल प्रकृति की हो। सबसे बेहतर सेवा दशाएं उन सभी पर लागू होंगी। आकाश जिंदल का भी कहना है कि सरकार को कर्मचारियों के लिए ऐसी नीति अपनानी चाहिए जो उनके हित में होगी।