Jagran Trending | World Migratory Birds Day 2022: मानव जाति के लिए क्या लाभकारी है ये प्रवासी परिंदे? जानें क्या कहते हैं पर्यावरणविद
Migratory Birds Beneficial To Human प्रवासी पक्षियों की इस कड़ी में आज आप को बताते हैं कि ये प्रवासी पक्षी मानव के लिए किस तरह लाभप्रद है। उनके लिए यह कैसे वरदान साबित होते हैं। हालांकि कभी-कभी इन प्रवासी पक्षियों से कई तरह के खतरे भी उत्पन्न हुए हैं।
नई दिल्ली, रमेश मिश्र। World Migratory Birds Day 2022: इन प्रवासी पक्षियों से मानव जाति का कोई वास्ता है। ये प्रवासी पक्षी एक दूसरे देश में स्वतंत्र रूप से विचरण करते हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि इन परिंदों का क्या उस देश के रहने वाले नागरिकों पर कोई प्रभाव पड़ता है। पर्यावरणविदों का कहना है कि ये प्रवासी परिंदे न सिर्फ स्वयं, बल्कि मानव जाति के लिए भी लाभान्वित होते हैं। प्रवासी पक्षियों की इस कड़ी में हम आज आप को बताते हैं कि ये प्रवासी पक्षी मानव के लिए किस तरह लाभप्रद है। उनके लिए यह कैसे वरदान साबित होते हैं। हालांकि कभी-कभी इन प्रवासी पक्षियों से कई तरह के खतरे भी उत्पन्न हुए हैं। इस कड़ी में हम आपकों प्रवासी पक्षियों के दोनों पहलुओं के बारे में विस्तार से बताएंगे।
मानव के लिए वरदान बने प्रवासी परिंदे
1- पर्यावरणविद विजयपाल बघेल का कहना है कि प्रवासी पक्षियों से मानव को कई तरह के लाभ हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हाजी लगलग पक्षी सर्दी की शुरुआत होते ही यूरोप से हमारे देश में आते हैं। बसंत के आगमन पर वह अपने देश वापस चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रवासी पक्षी का आहार कृषि को नुकशान करने वाले कीड़े, चूहे, मेढ़क और टिड्डे हैं। उन्होंने कहा कि टिड्डे के अंडे और लार्वा इसका प्रिय आहार होता है।
2- उन्होंने कहा कि ये टिड्डी किसानों के लिए जानी दुश्मन है। इन टिड्डियों का आतंक न केवल भारत बल्कि पड़ोसी मुल्कों में भी हैं। प्रत्येक वर्ष हमारी बहुतायत फसलों को टिड्डियों का दल मिनटों में चट कर जाता है। ऐसे ये प्रवासी पक्षी इन टिड्डियों से किसानों की फसलों की रक्षा करते हैं। हाजी लगलग ही नहीं बल्कि लगभग सभी प्रवासी प्रजातियों के पक्षी कीटभक्षी होते हैं। उन्होंने कहा कि बाज और उल्लू चूहों को बड़े चाव से खाते हैं। यह उनका प्रिय आहार है। बघेल ने कहा कि छह चूहे मिलकर एक आदमी की खुराक के बराबर अनाज खा जाते हैं। हमारी फसल के दुश्मन इन चूहों को खाकर बाज और उल्लू किसानों को लाभ पहुचाते हैं। इस प्रकार ये पक्षी हम मनुष्यों के लिए बहुत लाभदायक साबित होते हैं।
3- प्रवासी पक्षी हमारे लिए एक और वजह से लाभप्रद हैं। फल खाने वाले पक्षी सामान्यतौर पर फलों को बीज सहित खा जाते हैं। बाद में वह बीट के साथ बाहर निकल जाते हैं। इनमें ऐसे बीज भी होते हैं जो अनुकूल पर्यावरणीय परिस्थितियां मिलने पर अंकुरित हो जाते हैं। इस तरह ये प्रवासी परिंदे एक क्षेत्र की वनस्पति को दूसरे क्षेत्रों में प्रसार करने के कारक होते हैं। चंदन के जंगलों को कर्नाटक राज्य में दूर-दूर तक फैलाने में इन पक्षियों ने अहम योगदान दिया है।
मानव के लिए खतरनाक साबित होते हैं प्रवासी परिंदे
1- मनुष्यों को लाभ पहुंचाने के अलावा प्रवासी परिंदे कई मायनों में भारी क्षति का भी कारक बनते हैं। बर्ड फ्लू इसका बड़ा उदाहरण है। मनुष्य और पालतू जानवरों में रोग उत्पन्न करने वाले अनेक घातक सूक्ष्मजीव पक्षियों को आसानी से अपनी जद में ले लेते हैं। ये सूक्ष्म जीव या तो पक्षियों के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं या उनके शरीर के वाह्य अंगों से चिपक जाते हैं। इस प्रकार ये रोगजनक सूक्ष्मजीव प्रवासी पक्षियों के साथ बेरोक-टोक एक से दूसरे देश में दाखिल हो जाते हैं। यह मनुष्य व जानवरों को रोगग्रस्त बना देते हैं। कई बार इसके विनाशकारी परिणाम सामने आ सकते हैं।
2- इतना ही नहीं प्रवासी पक्षियों के कई प्रजातियां किसानों के लिए अभिशाप भी हैं। प्रवासी पक्षियों की अनेक प्रजातियां अनाज की फसलों का सफाया कर देती हैं। इसके अलावा कभी-कभी इनसे व्यापक हानि तब होती है जब ये पक्षी वायुयानों से टकरा जाते हैं। इससे जन-धन की बड़ी हानि होती है।