वाइस एडमिरल शेखर सिन्हा ने की वीआरएस की पेशकश
एक के बाद एक हुए हादसों पर नौसेनाध्यक्ष एडमिरल डीके जोशी के इस्तीफे के पचास दिन बाद भारतीय नौसेना की कमान संभालने वाले एडमिरल आरके धवन ने हिफाजत के इंतजाम चुस्त करने का भरोसा दिया है। नेविगेशन विशेषज्ञ एडमिरल धवन नौसेना के 22वें प्रमुख हैं। धवन को यह जिम्मेदारी वरिष्ठताक्रम में उनसे आगे खड़े पश्चिमी कम
नई दिल्ली। एक के बाद एक हुए हादसों पर नौसेनाध्यक्ष एडमिरल डीके जोशी के इस्तीफे के पचास दिन बाद भारतीय नौसेना की कमान संभालने वाले एडमिरल आरके धवन ने हिफाजत के इंतजाम चुस्त करने का भरोसा दिया है। नेविगेशन विशेषज्ञ एडमिरल धवन नौसेना के 22वें प्रमुख हैं। धवन को यह जिम्मेदारी वरिष्ठताक्रम में उनसे आगे खड़े पश्चिमी कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल शेखर सिन्हा को दरकिनार कर दी गई है। विरोध में सिन्हा ने रक्षा मंत्री एके एंटनी को पत्र भेजकर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति [वीआरएस] की पेशकश कर दी है।
नए नौसेनाध्यक्ष ने सिन्हा को दरकिनार कर उन्हें जिम्मेदारी देने के सवाल पर इतना ही कहा कि नौसेना एक टीम की तरह काम करती है जिसमें अधिकारी, नाविक और सिविलियन कर्मी मिलजुलकर काम करते हैं। देश को एक बेहतरीन नौसेना देने के लिए यह जरूरी है कि सब मिलकर काम करें। हालांकि धवन के कमान संभालने के कुछ घंटों बाद सिन्हा ने विरोध में रक्षा मंत्री एके एंटनी को भेजे पत्र में वीआरएस की पेशकश के साथ ही उन्हें तत्काल प्रभाव से सेवामुक्त करने की मांग की है। वह 31 अगस्त, 2014 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
पूर्व नौसेनाध्यक्ष एडमिरल डीके जोशी ने एक के बाद एक हुए हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। पिछले दस महीने में नौसेना को 14 हादसे झेलने पड़े, जिनमें दो पनडुब्बियों में हुए हादसे भी शामिल थे। पहली बड़ी दुर्घटना पिछले वर्ष अगस्त में हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप आइएनएस सिंधुरक्षक डूब गई थी और उस पर सवार 18 नौसैनिक मारे गए थे। दूसरी पनडुब्बी दुर्घटना 26 फरवरी को हुई थी, जिसमें दो अधिकारी आइएनएस सिंधुरत्न पनडुब्बी हादसे में मारे गए थे।