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अरब सागर में बना कम दबाव का क्षेत्र, दक्षिणी राज्यों में भारी बारिश के आसार; केरल में आरेंज अलर्ट जारी

मौसम विभाग का कहना है कि लक्षद्वीप एरिया में अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बनने से दक्षिणी राज्यों में तीन दिनों तक भारी बारिश की संभावना है। वहीं बंंगाल की खाड़ी में बना वेदर सिस्टम मध्यप्रदेश में बारिश की वजह है।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 06:06 AM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 06:06 AM (IST)
अरब सागर में बना कम दबाव का क्षेत्र, दक्षिणी राज्यों में भारी बारिश के आसार; केरल में आरेंज अलर्ट जारी
अरब सागर में बना कम दबाव का क्षेत्र, दक्षिणी राज्यों में भारी बारिश के आसार

नई दिल्ली, एजेंसी। Weather Forecasts: केरल के कई इलाकों में भारी बारिश हुई। यहां के 6 उत्तरी जिले में आरेंज अलर्ट जारी है। मौसम विभाग के अनुसार यहां 16 अक्टूबर तक बारिश होने के आसार हैं। दरअसल मौसम विभाग का कहना है कि लक्षद्वीप एरिया में अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बनने से केरल के कई इलाकों समेत दक्षिणी राज्यों में गुरुवार से शुरू बारिश शुक्रवार और शनिवार को भी जारी रहेगी। देश में कोयले की सप्लाई में हुई देरी का कारण बारिश ही है। संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कोयले की किल्लत बारिश के कारण है क्योंकि इससे ही सप्लाई बाधित हुई।

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बंगाल में भी दुर्गा पूजा के बाद भारी बारिश 

मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि दक्षिण बंगाल के सभी जिलों में 19 अक्टूबर की सुबह तक बारिश के आसार हैं। शुक्रवार को भी कोलकाता में बिजली व बादल के गरज के साथ बारिश की संभावना है। दक्षिण व उत्तर 24 परगना और पूरब व पश्चिम मेदिनीपुर में भी 17 अक्टूबर से तेज हवा के साथ भारी बारिश की संभावना है।

मध्य प्रदेश में भी आज हो सकती है बारिश

बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इस सिस्टम के असर से शनिवार से प्रदेश में बूंदाबांदी होने की संभावना है। गुरुवार को यहां इस मौसम का सबसे कम न्यूनतम तापमान रहा। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बने वेदर सिस्टम के कारण ही शनिवार से प्रदेश का मौसम प्रभावित होने लगेगा। इस दौरान पूर्वी मध्य प्रदेश के रीवा, शहडोल, जबलपुर, सागर संभागों के जिलों में बारिश होगी। रविवार और सोमवार को पूरे प्रदेश में बारिश होने संभावना है। फसल की कटाई में लगे किसान अभी से फसल का सुरक्षित भंडारण कर लें। अपनी फसल को ऊंचाई वाले स्थानों पर रखें। इससे नुकसान से बच सकते हैं।


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