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Weather Updates: पहाड़ों पर बर्फ जमने से सर्द उत्तरी हवाएं ठंड में करेंगी इजाफा, जानिए कब से पड़ेगी जबरदस्त ठंड

Weather Updates वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि ला-नीना धीरे-धीरे मजबूत हो रहा है। इसके असर से ठंड के मौसम के लिए अनुकूल पश्चिमी विक्षोभ के आने की संख्या तो बढ़ेगी साथ ही वे अधिक तीव्रता वाले होंगे।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 08:52 PM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 08:52 PM (IST)
Weather Updates: पहाड़ों पर बर्फ जमने से सर्द उत्तरी हवाएं ठंड में करेंगी इजाफा, जानिए कब से पड़ेगी जबरदस्त ठंड
आने वाले दो महीनों में उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में बरसात के साथ जबरदस्त बर्फबारी होगी।

भोपाल, जेएनएन। अक्टूबर माह के अंत में भले ही रात में गुलाबी ठंड का अहसास हो रहा है, लेकिन नवंबर में ठंड के तेवर काफी तीखे होने के संकेत मिले हैं। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि प्रशांत महासागर में ला-नीना प्रभाव दिखने लगा है। इसके असर से नवंबर-दिसंबर माह में मध्य प्रदेश में भी जबरदस्त ठंड पड़ेगी।

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वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि ला-नीना धीरे-धीरे मजबूत हो रहा है। इसके असर से ठंड के मौसम के लिए अनुकूल पश्चिमी विक्षोभ के आने की संख्या तो बढ़ेगी, साथ ही वे अधिक तीव्रता वाले होंगे। इससे नवंबर-दिसंबर में उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में बरसात के साथ जबरदस्त बर्फबारी होगी। पहाड़ों पर बर्फ जमने से सर्द उत्तरी हवाएं ठंड में इजाफा करेंगी।

क्या है अल-नीनो और ला-नीना

मौसम विज्ञानी शुक्ला ने बताया कि अल-नीनो प्रभाव मध्य एवं पूर्वी प्रशांत महासागर और हवा एवं समुद्र की सतह के तापमान में अनियमितता के कारण भूमध्य रेखीय एवं उप भूमध्य रेखीय क्षेत्र के मौसम पर असर डालता है। यह दक्षिण-पश्चिम मानसून पर विपरीत प्रभाव डालता है। इसके विपरीत ला-नीना के प्रभाव का कारण समुद्री सतह का तापमान पूर्वी प्रशांत महासागर के सामान्य तापमान से कम होना होता है। इसका प्रभाव भी भूमध्य रेखीय एवं उप भूमध्य रेखीय क्षेत्र में पड़ता है।

जनवरी में भी रहेगा असर

उन्होंने बताया कि नवंबर-दिसंबर माह में ठंडे भूमध्य रेखीय समुद्र सतही तापमान के कारण मध्यम ला-नीनो की संभावना है। इसका प्रभाव जनवरी 2021 में रहने की संभावना है। सामान्य तौर पर ला-नीनो कोल्ड विंटर के लिए जाना जाता है। इसके प्रभाव से वायुमंडलीय हवा के ऊपरी भाग के पैटर्न में बदलाव के आसार हैं। इसके कारण पश्चिमी विक्षोभ की संख्या में वृद्धि होगी। इससे उत्तर भारत में वर्षा तथा बर्फबारी की आवृत्ति अधिक होगी। इस वजह से उत्तर-पश्चिमी भारत एवं मध्य प्रदेश में उत्तरी हवाओं के आने के कारण कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। 


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