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Weather Update: अगले कुछ दिनों में मानसून की बारिश बन सकती है खतरा, अब तक 22 की मौत

आमतौर पर जून महीने में 151 मिलीमीटर बारिश होती है। वहीं इस महीने अब तक यह आंकड़ा 97.9 मिलीमीटर ही रहा है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Sat, 29 Jun 2019 05:49 PM (IST)Updated: Sun, 30 Jun 2019 07:15 AM (IST)
Weather Update: अगले कुछ दिनों में मानसून की बारिश बन सकती है खतरा, अब तक 22 की मौत
Weather Update: अगले कुछ दिनों में मानसून की बारिश बन सकती है खतरा, अब तक 22 की मौत

नई दिल्ली, एएनआइ/जेएनएन। देश भर में मौसम का अलग मिजाज है। मानसून का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार है। हालांकि, कुछ जगह मानसून आ चुका है और कही फिर से सक्रिय होने जा रहा है। परंतु अभी भी देश में गर्मी चरम पर है, जिससे लोगों का जनजीवन बेहाल है। भुवनेश्वर स्थित मौसम विभाग ने अनुसार बताया गया कि कम दबाव के कारण मानसून एक बार फिर से सक्रिय होगा, यह अब तक सामान्य था। अगले 72 घंटों में अधिकांश जिलों में बहुत भारी बारिश की उम्मीद है। कालाहांडी, कंधमाल, संबलपुर, देवगढ़, जाजपुर, भद्रक, कटक में अत्यधिक भारी बारिश की उम्मीद है।

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उन्होंने बताया कि मछुआरों को 2 जुलाई तक समुद्र में न जाने के लिए कहा गया है। जो लोग समुद्र में हैं, उन्हें आधी रात तक वापस लौटने के लिए कहा गया है। वहीं, उन्होंने कहा कि इस साल मानसून सामान्य रहने की उम्मीद है।

दिल्ली-NCR समेत उत्तर भारत में गर्मी का दौर जारी, इस डेट में होगी बारिश
दिल्ली-एनसीआर के साथ उत्तर भारत के अहम राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब में भीषण गर्मी का दौर जारी है, ऊपर से उमस ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इस बीच बारिश की बाट जो रहे यूपी-हरियाणा, राजस्थान और पंजाब के साथ दिल्ली-एनसीआर के करोड़ों लोगों का भी इंतजार बढ़ गया है।

यहां पर मानसून के एक सप्ताह देरी से आने के आसार हैं। ऐसा हुआ तो दिल्ली में पिछले एक दशक में 5वीं बार ऐसा होगा जब मानसून यहां देरी से पहुंचेगा। इससे पहले साल 2011 और 2012 में ही इसके आगमन में सबसे ज्यादा देरी हुई थी।

मौसम विज्ञान विभाग (INDIAN METEOROLOGICAL DEPARTMENT) के विशेषज्ञों के मुताबिक, दिल्ली में मानसून के पहुंचने में देरी होगी। प्रादेशिक मौसम पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव की मानें तो 30 जून के आसपास बंगाल की खाड़ी में हवा के कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इससे हवा के रुख में बदलाव होगा।

इससे बंगाल की खाड़ी से नमी भरी हवाएं उत्तर प्रदेश होते हुए दिल्ली की तरफ आएंगी। इसके चलते 2 जुलाई के बाद बारिश होने की संभावना है। दिल्ली में आमतौर पर मानसून के दौरान मूसलाधार बारिश 15 के बाद होती है। ऐसे में 20 जुलाई के बाद दिल्ली में झमाझम बारिश के आसार बन रहे हैं।

महाराष्ट्र में झमाझम बारिश, पर बढ़ रही है मुश्किलें
महाराष्ट्र में शुक्रवार को मानसून के दस्तक देते ही झमाझम बारिश का दौर शुरू हो गया है, तेज बारिश से लोगों को गरमी से तो राहत मिली। मौसम भी सुहाना हो गया, लेकिन मुंबई में पिछले 24-48 घंटों में बहुत अच्छी बारिश हुई है। पिछले 24 घंटों में, मुंबई के सभी क्षेत्रों में लगभग 200 मिमी बारिश हुई है।

मौसम विभाग के अनुसार, मुंबई में सोमवार तक बारिश की तीव्रता बढऩे की संभावना है, जिससे मुंबईवासियों की मुश्किलें भी बढ़ेंगी। बता दें कि अभी से ही राज्य में कई जगहों पर पानी भर गया है।

बता दें कि बारिश से जुड़ी घटनाओं में महाराष्ट्र और झारखंड में 24 लोग मारे गए और सात घायल हो गए।

हिमाचल में येलो अलर्ट, मानसून से पहले मिली राहत
हिमाचल प्रदेश में मानसून सात जुलाई को 40 किलोमीटर की तेज रफ्तार की आंधी के साथ दस्तक देगा। मौसम विभाग ने इस संबंध में चेतावनी जारी कर येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं शनिवार को प्रदेश के कुछ स्थानों में बारिश होने की संभावना जताई थी और कई जगह बारिश हुई है, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली है।

शिमला व कुल्‍लू के ऊंचाई वाले इलाकों में भी बारिश हुई है। आगामी कुछ घंटों के दौरान चंबा, कांगड़ा, कुल्‍लू, मंडी, सोलन, शिमला व सिरमौर में तेज गरजना के साथ भारी बारिश होने की उम्मीद जताई गई है।

गुजरात में बरसात का कहर, सात डूबे
गुजरात में कई दिनों से बरसात जारी है। राज्य के भावनगर जिले में अतिवृष्टि के कारण पानी भरने से अहमदाबाद से आयी कार पानी के भीषण प्रवाह में बहने से चालक सहित सात व्यक्ति डूब गये। इनमें से चार व्यक्तियों को बचा लिया गया, जबकि तीन की तलाश जारी है।

अभी और मारेगी चिलचिलाती गर्मी , मगर मौसम विभाग ने किया खुश
उत्तर प्रदेश के साथ ही इसकी सीमा से सटे दिल्ली व हरियाण को अभी कुछ दिन भीषण व चिलचिलाती गर्मी ने निजात नहीं मिलेगी। गर्मी तथा उमस से बेहाल लोगों को अब मानसून का बेसब्री से इंतजार है। यहां पर मानसून करीब एक हफ्ता तक विलंबित हो गया है।

उत्तर प्रदेश में पिछले एक दशक में ऐसा पहली बार हो रहा है कि मानसून एक हफ्ता से दस दिन विलंबित हो रहा है। करोड़ों लोगों का इंतजार बढ़ गया है। उत्तर प्रदेश में मौसम किसी तरह की नरमी बरतने के लिए तैयार नहीं है। आसमान से आग बरस रही है। गर्म हवा के थपेड़े शरीर को झुलसा रहे हैं और हलक सूखा जा रहा है।

जून के अंतिम सप्ताह में मौसम के ये तेवर लोगों पर भारी साबित हो रहे हैं। कारण ये है कि अमूमन इन दिनों में बादलों की आवाजाही रहती है, जिससे तापमान नियंत्रित रहता है। मौसम विभाग की मानें तो फिलहाल बादल रूठे हैं। इनके एक जुलाई से पहले आने के आसार नहीं हैं।

तापमान लगातार चढ़ रहा है। कल केवल राजधानी लखनऊ ही नहीं, प्रयागराज में भी तापमान सामान्य से आठ डिग्री और बांदा में सात डिग्री अधिक रहा। वहीं, सुलतानपुर और वाराणसी में तापमान सामान्य के मुकाबले छह डिग्री अधिक रहा। उत्तर प्रदेश में आमतौर पर मानसून के दौरान एक से सात जुलाई के बीच जमकर बरसात होती है। ऐसे में इस बार दस जुलाई के बाद झमाझम बारिश के आसार हैं।

उत्तर प्रदेश में एक-दो जिलों को छोड़ दें तो इस बार लोग प्री-मानसून बारिश को भी तरस गए। अनुमान के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में सामान्यत: 25 से 27 जून तक 47.2 फीसद बारिश होती है, लेकिन इस साल तो यह आकंड़ा बेहद कम है। जून के महीने में बारिश नहीं के बराबर हुई।

100 सालों में 5वीं बार इतना सूखा रहा जून, किसान परेशान
मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार बीते 100 सालों में पांचवीं बार जून सबसे सूखा महीना रहा। पूरे देश में इस बार जून के महीने में बारिश औसत से 35 फीसदी कम रही है। अब जून भी खत्म होने वाला है और बारिश की संभावना फिलहाल कम है। देखा जाए तो आमतौर पर जून महीने में 151 मिलीमीटर बारिश होती है। वहीं इस महीने अब तक यह आंकड़ा 97.9 मिलीमीटर ही रहा है।

मानसून की मार सबसे ज्यादा किसानों पर पड़ रही है। किसानों को फसल की बोवाई के कार्य में देरी हो रही है। खरीफ फसल की कम पैदावार के चलते इसका असर अर्थव्यवस्था पर देखने को मिल सकता है।

फिलहाल संभावनाएं है कि इस महीने के अंत तक 106 से 112 मिलीमीटर तक बारिश हो सकती है। वर्ष 1920 के बाद से ऐसे 4 ही साल थे। जब इस तरह सूखा पड़ा हो। साल 2009 में सबसे कम 85.7 मिलीमीटर, 2014 में 95.4, 1926 में 98.7 मिलीमीटर और 1923 में 102 मिलीमीटर बारिश हुई थी। साल 2009 और 2014 में अल-नीनो के कारण मानसून कमजोर रहा था। इस साल भी ऐसी ही स्थिति है।

एक अच्छी खबर यह भी है कि रविवार 30 जून तक बंगाल की खाड़ी में कम दबाव की स्थिति बन रही है। इसके चलते जुलाई के पहले सप्ताह में ओडिशा, मध्य भारत और उत्तर पश्चिम भारत में अच्छी खासी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम 30 जून के बाद मानसून में अच्छी मजबूती की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बात की काफी उम्मीदें है कि मानसून मध्य भारत, गुजरात के बाकी हिस्सों की ओर बढ़ेगा।


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