Move to Jagran APP

Weather Update: देश के ज्यादातर हिस्सों में कम बारिश, जल संकट की आशंका

Weather Update केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के डाटा के मुताबिक देश के प्रमुख 91 जलाशयों में से 80 फीसद में सामान्य से भी कम पानी है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sun, 23 Jun 2019 10:34 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jun 2019 07:24 AM (IST)
Weather Update:  देश के ज्यादातर हिस्सों में कम बारिश, जल संकट की आशंका
Weather Update: देश के ज्यादातर हिस्सों में कम बारिश, जल संकट की आशंका

नई दिल्ली, प्रेट्र। Weather Update जून का महीना गुजरने वाला है और मानसून की चाल धीमी बनी हुई है। मौसम विज्ञान विभाग के डाटा के मुताबिक इस साल देश के मौसम संबंधी 84 फीसद उपखंडों में कम बारिश दर्ज की गई है। वहीं, केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के डाटा के मुताबिक देश के प्रमुख 91 जलाशयों में से 80 फीसद में सामान्य से भी कम पानी है।

loksabha election banner

जबकि, इनमें से 11 जलाशयों में पानी का भंडारण शून्य फीसद है, जो देश में पानी की भीषण कमी को दिखाता है। हालांकि, स्थिति में थोड़ा सुधार दिख रहा है। मौसम विभाग ने रविवार को कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों, मराठवाड़ा और विदर्भ के अधिकतर हिस्सों में मानसून आगे बढ़ा है। आदर्श स्थिति में मानसून को अब तक मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों, समूचे पूर्वी व मध्य उत्तर प्रदेश, झारखंड तक पहुंच जाना चाहिए था। दिल्ली में मानसून पहुंचने की सामान्य तिथि 28 जून है।

देश में बारिश का मौसम एक जून से शुरू होकर 30 सितंबर तक चलता है, लेकिन 22 जून तक मानसून में औसतन 39 प्रतिशत कमी दर्ज की गई है। देश में मौसम संबंधी 36 उपखंडों में से 25 प्रतिशत ने 'कम' वर्षा दर्ज की है जबकि छह उपखंडों में 'बेहद कम बारिश' दर्ज की गई है। ओडिशा और लक्षद्वीप उपखंडों में 'सामान्य' बारिश दर्ज की गई है। जम्मू-कश्मीर और पूर्वी राजस्थान में 'ज्यादा' बारिश दर्ज की गई है जबकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 'बहुत ज्यादा बारिश' दर्ज की गई है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग के चार उपखंड हैं- पूर्व एवं उत्तर पूर्व, दक्षिणी प्रायद्वीप, मध्य भारत और उत्तर पश्चिम भारत। पूर्व एवं उत्तर पूर्व उपखंड में पूर्वोत्तर के राज्य, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल आते हैं। इन सभी क्षेत्रों में कम बारिश हुई है। मध्य भारत के 10 उपखंडों में से सिर्फ ओडिशा में सामान्य बारिश हुई है। महाराष्ट्र के विदर्भ, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र सहित चार उपखंडों में 'बेहद कम' बारिश हुई है। इन क्षेत्रों के जलाशयों में भंडारण बिलकुल निचले स्तर पर पहुंचने के कारण यहां सूखे जैसी स्थिति है। पूर्वी मध्य प्रदेश उपखंड में भी 'बेहद कम' वर्षा दर्ज हुई है। मध्य भारत के गुजरात, सौराष्ट्र और कच्छ उपखंडों में भी 'कम' वर्षा दर्ज की गई है।

हालांकि चक्रवात 'वायु' ने जरूर बारिश की कमी से कुछ राहत दिलायी है। इन दो उपखंडों में नौ जून तक बारिश की कमी 100 प्रतिशत तक थी। दक्षिणी प्रायद्वीप खंड के 10 में से 8 खंड में बेहद कम बारिश दर्ज की गई। इन दो खंडों में अंडमान और निकोबार द्वीप उपखंड में अतिरिक्त बारिश जबकि लक्षद्वीप में सामान्य बारिश दर्ज की गई। भीषण जल संकट से जूझ रहे चेन्नई, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल उपखंड में करीब 38 फीसद कम बारिश दर्ज हुई।

अब तक सिर्फ 70.9 मिमी ही बारिश

देश में अब तक (एक से 23 जून तक) औसत बारिश केवल 70.9 मिमी ही दर्ज की गई है जबकि इस समय तक सामान्य बारिश का आंकड़ा 114.2 मिमी है। यह सामान्य से 38 फीसद कम है। लगभग हर राज्य में औसत से कम बारिश दर्ज की गई है। अब तक उत्तर प्रदेश में 54.2 मिमी बारिश हो जानी चाहिए थी, लेकिन अभी तक केवल 19.7 मिमी पानी बरसा है, यानी सामान्य से 64 फीसद कम। इसी तरह दिल्ली में 83 फीसद कम बारिश हुई है। यहां 36.1 की जगह केवल 6.3 मिमी ही पानी बरसा है। मध्य प्रदेश और झारखंड में 53 फीसद जबकि पश्चिम बंगाल में 51 फीसद कम बारिश हुई है। बिहार में सामान्य से 34 फीसद कम बारिश दर्ज की गई है। 

मप्र में 53 फीसद कम बारिश

देश में अब तक (एक से 23 जून तक) औसत बारिश केवल 70.9 मिमी ही दर्ज की गई है जबकि इस समय तक सामान्य बारिश का आंकड़ा 114.2 मिमी है। यह सामान्य से 38 फीसद कम है। लगभग हर राज्य में औसत से कम बारिश दर्ज की गई है। अब तक उत्तर प्रदेश में 54.2 मिमी बारिश हो जानी चाहिए थी, लेकिन अभी तक केवल 19.7 मिमी पानी बरसा है, यानी सामान्य से 64 फीसद कम।

इसी तरह दिल्ली में 83 फीसद कम बारिश हुई है। यहां 36.1 की जगह केवल 6.3 मिमी ही पानी बरसा है। मध्य प्रदेश और झारखंड में 53 फीसद जबकि पश्चिम बंगाल में 51 फीसद कम बारिश हुई है। बिहार में सामान्य से 34 फीसद कम बारिश दर्ज की गई है।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.