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Weather Update News: भीषण गर्मी और लू की चपेट में उत्तर भारत, पारा 50 के पार; घर से न निकलने की सलाह

राजस्थान की गर्म हवा कर रही बेहाल दो दिन ऐसा ही रहेगा हाल। चुरू में 50 और दिल्ली में 47.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ तापमान। आइएमडी ने कहा-सुबह 11 बजे से 3 बजे के बीच घर से बाहर न निकले लोग।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 11:51 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 07:01 AM (IST)
Weather Update News: भीषण गर्मी और लू की चपेट में उत्तर भारत, पारा 50 के पार; घर से न निकलने की सलाह
Weather Update News: भीषण गर्मी और लू की चपेट में उत्तर भारत, पारा 50 के पार; घर से न निकलने की सलाह

जेएनएन, नई दिल्ली। रिकार्ड तोड़ गर्मी के बीच सूरज अब मानो आग बरसा रहा है। ऐसे में नौतपा का असर मंगलवार को पूरे उत्तर भारत में दिखाई दिया। राजस्थान के चुरू में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, आसपास के जिलों में भी भीषण गर्मी रही। इसके अलावा दिल्ली में भी तापमान 47.6 डिग्री और हरियाणा के हिसार में 48 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके चलते दिन भर चिलचिलाती धूप एवं लू के थपेड़ों से दिल्लीवासियों का हाल बेहाल रहा। मौसम विभाग की मानें तो अभी दो दिन और राहत के कोई आसार नहीं हैं।

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स्काईमेट वेदर के मुख्य मौसम विज्ञानी महेश पलावत के मुताबिक मंगलवार को सुबह से ही मौसम में खासी तल्खी महसूस की गई। दिन चढ़ने के साथ-साथ तो हालत और खराब होती गई। तेज धूप और लू के थपेड़ों के बीच घर-दफ्तर से बाहर निकलना दुश्वार था। अभी दो दिन तक गर्मी और लू का यह दौर जारी रहेगा। तापमान 46 से 47 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है। इसकी मुख्य वजह उन्होंने राजस्थान की ओर से आ रही गर्म हवाएं और मौसम का शुष्क होना बताया। शुक्रवार को एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इसका असर दो तीन दिन रहेगा, जिसके चलते सप्ताहांत में धूल भरी आंधी के साथ हल्की बारिश से थोड़ी राहत मिल सकती है।

 घर से बाहर न निकलें

आइएमडी के उपमहानिदेशक केएस होसलिकर ने कहा कि कृपया भीषण गर्मी को देखते हुए सुबह 11 बजे से 3 बजे के बीच बाहर जाने से बचें। उन्होंने कहा कि हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश और विदर्भ में 28 मई गर्मी की स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी। इसके अलावा अगले दो से तीन दिनों तक पंजाब, छत्तीसगढ़, ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र, आंतरिक आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार और झारखंड में भी ऐसे ही हालात बने रहेंगे। 

हरियाणा-पंजाब में भी झुलसे लोग

दिल्ली एनसीआर के हरियाणा से लेकर पंजाब और चंडीगढ़ तक गर्मी का प्रकोप बना रहा। हिसार में जहां सबसे ज्यादा 48 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ। वहीं, नारनौल में 46 और पटियाला में 44.7 डिग्री सेल्सियस जर्द हुआ। 

पहाड़ों में भी नहीं मिली राहत

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी पहाड़ से लेकर मैदान तक पारा राहत नहीं दे रहा है। उत्तराखंड के मैदानी इलाके रुड़की, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार है। वहीं, देहरादून में भी यह 40 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच चुका है। 

मई में टूटा 10 साल का रिकॉर्ड

राजस्थान के चुरू में पिछले 10 साल में दूसरी बार मई में इतना तापमान दर्ज किया गया है। इससे पहले 19 मई 2016 को 50.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज कियागया है। वहीं, दिल्ली में भी पालम इलाके में अधिकतम तापमान 47.6 डिग्री, जबकि न्यूनतम तापमान 29.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पिछले दस वर्षो के दौरान मई में पालम का इतना अधिक तापमान पहले कभी नहीं रहा।

28 मई तक असम, मेघालय में भारी बारिश, रेड अलर्ट जारी

असम और मेघालय में 26 से 28 मई तक भारी बारिश की उम्मीद है। मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने मंगलवार को कहा कि इस संबंध में रेड अलर्ट जारी किया गया है। आइएमडी के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र की प्रमुख सती देवी ने कहा कि बंगाल की खाड़ी से दक्षिण-पश्चिमी हवाएं भारी नमी के साथ इन दोनों राज्यों की तरफ बह ही हैं। इसके अलावा इन दोनों राज्यों के अपने भौगोलिक कारक भी हैं, जिससे कई जगहों पर भारी बारिश की उम्मीद है। कुछ जगहों पर बहुत तेज बारिश की भी संभावना है।

आइएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि असम और मेघालय को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में मई के बाद जून में अधिकतम बरसात होगी। इस बीच, सती देवी ने कहा कि चक्रवाती तूफान अम्फन से मानसून का आगे बढ़ना रुक गया था। लेकिन अब बुधवार से मानसून अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह और बंगाल की खाड़ी के अन्य क्षेत्रों की तरफ बढ़ना शुरू करेगा।

पांच जून को मानसून के केरल के तटों से टकराने की संभावना

आइएमडी के मुताबिक सामान्य समय से चार दिन बाद पांच जून को मानसून के केरल के तटों से टकराने की संभावना है। महापात्र ने कहा कि 30 मई से अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बनना शुरू होगा। कम दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान का पहला चरण होता है। लेकिन यह आवश्यक नहीं कि हर बार यह संघटित होकर चक्रवात का रूप ले ही ले। आइएमडी ने केरल और कर्नाटक के तटवर्ती इलाकों के मछुआरों को भी 30 मई से चार जून के बीच सागर के भीतरी क्षेत्रों में नहीं जाने की सलाह दी है।

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