Weather Alert Today: दिल्ली से लेकर बिहार तक बदला मौसम का मिजाज, यूपी सहित इन राज्यों में बारिश के आसार
Weather Alert उत्तर भारत के कई राज्यों में मौसम एक बार फिर बदल रहा है। आज सुबह से कई राज्यों में बादल छाए हैं। वहीं मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि आज से 5 फरवरी तक उत्तर भारत में बारिश की संभावना है।
नई दिल्ली, एजेंसी। राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में मौसम एक बार फिर बदल गया है। अब फरवरी माह के शुरुआती दिनों में भी पश्चिमी विक्षोभ आने से मौसम में परिवर्तन दिखाई दे रहा है। बुधवार को शाम के समय कई राज्यों में बादल छाने लगा और ठंडी हवाएं चलने लगी। वहीं, मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि आज से 5 फरवरी तक उत्तर भारत में बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले तीन से चार दिन तक पश्चिमी विक्षोभ के कारण अफगानिस्तान के ऊपर चक्रवात की स्थिति बन गई है। इस कारण न सिर्फ बारिश होगी बल्कि अगले 24 घंटे में शीतलहर से भी राहत मिलने की संभावना है।
स्काइमेट वेदर की माने तो राजधानी दिल्ली में भी 3 फरवरी से मौसम बदलेगा। उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों और मैदानी राज्यों में 3 और 4 फरवरी को व्यापक बारिश की संभावना है। उत्तराखंड में भी कई जगहों पर वर्षा और हिमपात इस दौरान देखने को मिल सकता है। इन सभी क्षेत्रों में कई जगहों पर गर्जना के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हो सकती है। यह सभी मौसम पूर्वी दिशा में बढ़ते रहेंगे जिसके कारण बारिश का दायरा जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा पूर्वी की तरफ पश्चिम में हरियाणा, पंजाब, पूर्वी राजस्थान, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश 5 फरवरी से मौसमी हलचल कम हो जाएगी जबकि उत्तराखंड में बारिश जारी रहेगी। उत्तर प्रदेश में बारिश मुख्यतः 4 से 6 फरवरी के बीचे व्यापक रूप में देखने को मिलेगी।
दिल्ली बारिश के साथ ओला गिरने की संभावना (delhi weather update)
मौसम विभाग ने दिल्ली में बारिश के साथ ओला गिरने की संभावना जताई है। दिल्ली में लोगों को कड़ाके की ठंड से राहत तो मिल गई है, लेकिन अब बारिश लोगों का चैन छीनने वाला है। स्काईमेट वेदर का अनुमान है कि जल्द ही मौसम में बदलाव दिखाई देगा। 4 और 5 फरवरी को यहां बारिश हो सकती है।
राजस्थान के कई इलाकों में ओलावृष्टि और बारिश की चेतावनी (weather update rajasthan)
राजस्थान के ज्यादातर इलाकों में न्यूनतम तापमान के सामान्य स्तर पर बने रहने के बीच मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटे में राज्य के कई इलाकों में ओलावृष्टि एवं हल्की बारिश की चेतावनी जारी की है। विभाग के प्रवक्ता के अनुसार तीन फरवरी को राज्य के ऊपर एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से आसमान में बादल छाए रहने तथा उत्तरी भागों में कहीं-कहीं में हल्की वर्षा होने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक चार फरवरी को अलवर, भरतपुर, झुंझुनू, सीकर, चुरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ जिलों में कहीं कहीं मेघगर्जन के साथ साथ ओलावृष्टि और हल्की बारिश भी हो सकती है, इसी तरह दौसा , धौलपुर, जयपुर व करौली जिलों में भी कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। वहीं, पांच फरवरी को राज्य के कई इलाकों में एक बार कोहरा छा सकता है।
जम्मू-कश्मीर में बारिश के साथ हिमपात की आशंका (jammu kashmir weather update)
बता दें कि जम्मू कश्मीर से लेकर लद्दाख, हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में बारिश हो रही है। वहीं, आने वाले समय में बारिश में और बढ़ोत्तरी की संभावना है। स्काइमेट वेदर की माने तो अगले 48 घंटों के दौरान जम्मू कश्मीर से लेकर गिलगित बालटिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कुछ स्थानों पर गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश और हिमपात होगा।
हरियाणा में आज और कल बारिश के आसार (Haryana weather update)
हरियाणा में दिन में लगातार तापमान बढ़ रहा है। ऐसे में पश्चिमी विक्षोभ फिर से सक्रिय हो गया है जिससे आज और कल प्रदेश में बारिश के आसार बने हुए हैं। 6 फरवरी दोपहर बाद आसमान साफ हो जाएगा। इसके बाद उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलेंगी और रात के तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। सर्दी के इस सीजन में सबसे अधिक पश्चिमी विक्षोभ आए हैं। सर्दी के सीजन में लगातार तीन से चार पश्चिमी विक्षोभ हर माह आ रहे हैं। जिसमें से हरियाणा में इस बार कम से कम एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय दिख रहे हैं। इसके बाद अधिकांश पश्चिमी विक्षोभ पहाड़ों की तरफ पास हो रहे हैं। जिससे हरियाणा में रात्रि तापमान में काफी कमी देखने को मिली है।
क्या होता है पश्चिमी विक्षोभ (what is western disturbance)
पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यरेखा-क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली वह बाह्य- उष्ण कटिबंधीय आंधी है जो सर्दी में भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भागों में अकस्मात बारिश ले आती है। यह बारिश मानसून की बरसात से भिन्न होती है। बाह्य-उष्णकटिबंधीय आंधियां विश्व में सब जगह होती हैं। इनमें नमी सामान्यत: ऊपरी वायुमंडल तक पहुंच जाती है, जबकि उष्ण कटिबंधीय आंधियों में आर्द्रता निचले वायुमंडल में बनी रहती है। भारतीय महाद्वीप में जब ऐसी आंधी हिमालय तक जा पहुंचती है तो नमी कभी-कभी बरसात के रूप में बदल जाती है।