पाक में फंसी गीता को वापस भारत लाएंगेः सुषमा स्वराज
पिछले कुछ दिनों से सचमुच के 'बजरंगी भाईजान' की कहानी के मीडिया में आने का असर हुआ है। पाकिस्तान में पिछले डेढ़ दशक से फंसी भारतीय मूक बधिर युवती गीता को भारत लाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त टीसीए राघवन और उनकी पत्नी रंजना ने
नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से सचमुच के 'बजरंगी भाईजान' की कहानी के मीडिया में आने का असर हुआ है। पाकिस्तान में पिछले डेढ़ दशक से फंसी भारतीय मूक बधिर युवती गीता को भारत लाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त टीसीए राघवन और उनकी पत्नी रंजना ने मंगलवार को कराची में भारतीय युवती गीता से मुलाकात की।
इस मुलाकात के बाद उसके भारत में अपने परिवार से मिलने के आसार बढ़ गए हैं। इस बीच, मंगलवार देर रात सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया है कि हम गीता को वापस भारत लाएंगे। इसके लिए कुछ औपचारिकताओं को पूरा किया जाना है। हम पाकिस्तान के उन सभी लोगों के आभारी हैं, जिन्होंने उसकी देखभाल की है।
भारत में रहने वाले परिजनों से गीता को मिलाने के लिए नया अभियान चलाया जा रहा है। इस पर संज्ञान लेते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भारतीय उच्चायुक्त को पत्नी के साथ गीता से मिलने का निर्देश दिया था। गीता से राघवन की मुलाकात के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई है।
सलमान खान से अपील
इस मुलाकात के बाद पाकिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ता अंसार बर्नी ने ट्वीट कर भारतीय उच्चायुक्त राघवन को धन्यवाद दिया। बर्नी ने अभिनेता सलमान खान से भी सचमुच में बजरंगी भाईजान की भूमिका निभा कर गीता को उसके परिजनों से मिलाने में मदद करने को कहा है। उन्होंने कहा कि हमें गीता को यह अहसास दिलाने में कोई कसर नहीं छोडऩी चाहिए कि उससे सहानुभूति रखने वाले भारत में भी हैं। वे उसे उसके परिजनों से मिलाने का प्रयास कर रहे हैं। इस बीच, फिल्म 'बजरंगी भाईजान' के निर्देशक कबीर खान ने बर्नी को ईमेल भेज कर कहा है कि वह गीता के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, करेंगे। गीता को उसके परिजन से मिलाने के लिए उसे सहारा देने वाले सामाजिक कल्याण संगठन ने भी फेसबुक पर अभियान चलाया है।
गलती से पहुंची पाकिस्तान
गीता पिछले 15 साल से अपने परिवार से दूर है। उसकी उम्र 23 साल के आसपास है और वह 7-8 साल की उम्र में गलती से पाकिस्तानी सीमा में घुस गई थी। पाकिस्तानी रेंजर्स ने उसे लाहौर रेलवे स्टेशन पर पाया था। मौलाना अब्दुल सत्तार ईधी की पत्नी बिल्किस ईधी की तरफ से चलाए जाने वाले ट्रस्ट में गीता की पूरी देखभाल की गई। अंसार बर्नी ने तीन साल पहले गीता का मुद्दा उठाया था।